नई दिल्ली – विधायक पर कोच के यौन शोषण का आरोप ..!
सेंगर को नाबालिग से गैंगरेप में उम्रकैद तो भंवरी देवी की हत्या में मदेरणा को जेल …
हरियाणा के पूर्व खेल मंत्री और बीजेपी विधायक संदीप सिंह के खिलाफ 150 महिलाओं ने दिल्ली के जतंर-मंतर पर प्रदर्शन किया। संदीप सिंह पर जूनियर महिला कोच से यौन शोषण का आरोप है। प्रदर्शनकारी महिलाएं संदीप सिंह की तुरंत गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति दौपद्री मूर्म के पास एक पत्र भेजा है, जिसमें 30 हजार सिग्नेचर किए गए हैं।
नेताओं का विवादों से पुराना नाता रहा है। अक्सर किसी न किसी पार्टी के नेता पर यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाते रहे हैं। ऐसे मामले में कई दफा नेता आरोपी से दोषी साबित हुए और उन्हें सजा तक मिली है।
कुलदीप सेंगर: नाबालिग पड़ोसी से सामूहिक दुष्कर्म
साल 2017 में उत्तर प्रदेश के बांगरमऊ से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और उनके साथियों ने एक नाबालिग को अगवा कर सामूहिक रेप किया। लड़की को जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया गया। लेकिन जब लड़की ने केस दर्ज कराया तो एसआईटी ने अपनी जांच में कहा कि विधायक के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। उल्टा लड़की के पिता के खिलाफ कार्रवाई की गई और बाद में उनकी मौत हो गई। इन सारी बातों से तंग आकर पीड़िता ने सीएम योगी के आवास के सामना आत्मदाह की कोशिश की। केस सीबीआई को सौंप दिया गया और सेंगर की गिरफ्तारी हुई। इस बीच, पीड़िता और उसके परिवार वालों का एक्सीडेंट हो गया, जिसमें पीड़िता की चाची और माैसी की मृत्यु हो गई। पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि समझौता न करने पर सेंगर द्वारा जान से मारने की धमकी दी जा रही थी। न्याय न मिल पाने की स्थिति में पीड़िता ने उस वक्त के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई को पत्र लिखा, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई ने जांच की। 20 दिसंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद और 25 लाख का जुर्माना लगाया।
चिन्मयानंद केस: अपनी ही शिष्या का बंधक बनाकर रेप
पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री मंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर साल 2011 में शाहजहांपुर में लॉ छात्रा से बंधक बनाकर रेप करने का केस दर्ज हुआ। केस दर्ज कराने वाली पीड़िता चिन्मयानंद की शिष्या थी। इस मामले में एसआईटी ने चिन्मयानंद को उनके ही आश्रम से गिरफ्तार कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया। एसआईटी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चिन्मयानंद ने सारे आरोप कबूल कर लिए हैं। फिलहाल चिन्मयानंद के खिलाफ कोर्ट में केस चल रहा है और गैर जमनाती वारंट जारी है। कोर्ट में पेश न होने की वजह से उसे भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।
जयंती भानुशाली: एडमिशन का वादा करके महिला से रेप
गुजरात के पूर्व विधायक जयंती भानुशाली पर 2011 में एक महिला ने कई बार दुष्कर्म का आरोप लगाया। महिला ने दावा किया कि भानुशाली ने उससे वादा किया था कि वह प्रतिष्ठित फैशन डिजाइनिंग कॉलेज में उसका दाखिला कराएंगे। जयंती भानुशाली ने आरोपों से इनकार करते हुए दावा किया था कि उनकी छवि खराब की जा रही है। बाद में जयंती भानुशाली की चलती ट्रेन में हत्या कर दी गई।
भंवरी देवी: राजस्थान की सियासत में भूचाल लेने वाला केस
जोधपुर के सरकारी अस्पताल में नर्स का काम करने वाली भंवरी देवी को हीरोइन बनना था। इस वजह से वो अक्सर अपनी ड्यूटी से गायब रहती और शूटिंग के लिए जाती। ऐसे में उसे उसकी नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया। नौकरी वापस पाने के सिलसिले में कांग्रेस के विधायक रहे मलखान सिंह ने उसकी मुलाकात जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा से कराई। मंत्री की सिफारिश पर भंवरी का निलंबन वापस हुआ और नई जगह पोस्टिंग मिल गई। भंवरी धीरे-धीरे दोनों ही नेताओं की बहुत करीबी बन गई। बड़े लोगों के साथ उठने-बैठने के साथ उसकी धाक जमने लगी और वो विधानसभा का टिकट मांगने लगी। जब उसे टिकट नहीं मिला तो उसने दोनों नेताओं को ब्लैकमेल करना शुरू किया और कहने लगी कि उसके पास एक सीडी है, जिसे सार्वजनिक किया तो तीन दिन में सरकार गिर जाएगी। इसी बीच एक दिन भंवरी का मर्डर हो गया। काफी जांच के बाद अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मदेरणा को भंवरी देवी किडनैप और मर्डर केस में जेल में जाना पड़ा। 2011 में गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था। इस केस में मदेरणा नौ साल तक जेल में रहे।