पैरेंट्स की जेब पर पड़ेगी महंगाई की मार, 25-30% तक महंगी हुई कॉपी-किताबें

किताब-कॉपी की कीमतों में 25 से 30 प्रतिशत तक का इजाफा …..

ग्वालियर। नए सेशन में बच्चों के लिए कॉपी-किताब खरीदने में अब लोगों के घरों का बजट बिगड़ने लगा है। दरअसल इस साल इनके दाम 20 से 30 फीसदी तक ज्यादा हो गए हैं। स्कूलों में नए सेशन के लिए प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही किताबों की दुकानों पर नर्सरी से लेकर बारहवीं कक्षा तक पुस्तकों के नए संस्करणों का स्टॉक आ गया है, लेकिन पिछले वर्ष के मुकाबले किताब-कॉपी की कीमतों में 25 से 30 प्रतिशत तक का इजाफा हो गया है, जिससे बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का सपना देखने वाले अभिभावकों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।

एनसीईआरटी की किताबें भी हुई 20% महंगी

दर्पण कॉलोनी में किताब- कॉपी के विक्रेता धनराज सेवानी ने बताया कि एनसीईआरटी की किताबों में जहां 20 फीसदी तक की तेजी आई है, वहीं निजी प्रकाशकों के कोर्स की किताबों में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। कक्षा 1 से 5 की किताबों का सेट 2500 से 3500 हजार रुपए और छठी से 10वीं की किताबें 3500 से 6000 हजार तक हैं। कॉपी के मूल्यों में भी इसी तरह की तेजी देखने को मिल रही है। 172 पेज की कॉपी पहले 50 रुपए में आती थी, जो अब 55 से 60 रुपए हो गई। खास बात यह है कि 30 प्रतिशत पाठ्यक्रम में कटौती के बाद किताबें पतली हो गई हैं, लेकिन उनके मूल्य में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है

हर साल किताबों की कीमत में वृद्धि होती है। इस साल किताबों की कीमत में काफी वृद्धि हुई है। आने वाले हफ्तों में यह और बढ़ सकती है। प्रकाशक और पुस्तक की मांग के आधार पर कई किताबों के दाम 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ गए हैं। हर साल स्कूल के कहने पर नई पुस्तक खरीदनी पड़ती है। महंगाई बढ़ने के चलते मिडिल क्लास फैमिली बहुत संघर्ष कर रही है।

कॉपी-किताबों की बढ़ती कीमतों से हर साल नए सेशन के दौरान मासिक बजट गड़बड़ हो जाता है। किसी भी मिडिल क्लास परिवार के लिए हर साल नई पुस्तक खरीदना कठिन है। एक तो वैसे ही महंगाई आसमान पर है और हर साल बुक्स के दाम में वृद्धि हो रही है, ऐसे में आम लोगों का बच्चों को अच्छे स्कूलों में पढ़ाना मुश्किल हो जाएगा।

दुबे, अभिभावक

कागज महंगा हुआ तो बढ़ गए रेट

वैसे तो कागज के मूल्य में जुलाई 2022 से ही बढ़ोतरी शुरू हो गई थी, जो अभी तक जारी है। पिछले छह महीने में कागज के दाम 28 फीसदी तक बढ़े हैं। बुक विक्रेताओं ने बताया कि जो कागज पहले 70 रुपए प्रति किलो बिक रहा था। आज वह करीब 130 से 135 रुपए प्रति किलो बिक रहा है। इसका असर भी कॉपी-किताबों पर पड़ रहा है।

बुक सेलर के अनुसार कई प्रमुख किताबों के मूल्य प्रकाशकों ने बढ़ा दिए है। 10वीं क्लास की आरएस अग्रवाल की मैथ्स की बुक पहले 725 रुपए की थी, वह 825 में मिल रही है। 12वीं क्लास की आरडी शर्मा की मैथ्स की बुक पहले 995 की थी, अब 1675 की हो गई है। पहले यह दो खंड में आती थी इस बार तीन कर दिया गया है। इस हिसाब से भी रेट में लगभग 30 परसेंट की बढ़ोतरी हुई है।

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