…तो क्या ज्योतिरादित्य सिंधिया की होगी ‘घर वापसी’?

 कांग्रेस प्रवक्ता के बयान से हलचल तेज
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा ने बुधवार सुबह महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश में प्रवेश किया था. इस यात्रा के संदर्भ में सिंधिया ने कहा था कि मध्य प्रदेश में सभी का स्वागत है. बस इस बयान के बाद उनके फिर से कांग्रेस में वापस जाने की हलचल तेज हो गई.

राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा बुधवार को महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में प्रवेश किया. इस यात्रा के एमपी में प्रवेश करने पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने कहा था कि मध्य प्रदेश में सभी का स्वागत है. सिंधिया के इस बयान के बाद कांग्रेस का कहना है कि उनकी (सिंधिया) की यह टिप्पणी उनके ‘घर वापसी’ का संकेत हो सकती है. पार्टी के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को यह बात कही.

सिंधिया के घर वापसी के संकेत

हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति (एचपीसीसी) के पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस के प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौड़ ने कहा, ‘यह घर वापसी का संकेत हो सकता है.’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हाल में हुए हिमाचाल प्रदेश विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतदान को बदलाव का संकेत है तथा जनता भाजपा नीत राज्य सरकार से नाखुश है. उन्होंने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.

कौन होगा हिमाचल का CM?

राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस द्वारा राज्य में कीमतों में वृद्धि, महंगाई और कुशासन आदि का मुद्दा उठाए जाने के बाद पिछले साल विधानसभा की तीन और लोकसभा की एक सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा को मिली हार के साथ ही उनकी हार की पटकथा लिख गई थी. यह पूछे जाने पर हिमाचल प्रदेश में पार्टी के सत्ता में आने पर मुख्यमंत्री कौन होगा, उन्होंने कहा कि राज्य का नया मुख्यमंत्री कौन होगा यह फैसला पार्टी के विधायक और पार्टी आला कमान करेगी.

वहीं विधायकों की खरीद-फरोख्त पर राठौड़ ने कहा, ‘ऐसा बिलकुल संभव है, लेकिन हमें अपने सदस्यों की वफादारी पर पूरा भरोसा है.’ उन्होंने पार्टी के नेताओं से अनुशासित रहने की अपील करते हुए कहा कि आगे तमाम चुनौतियां आने वाली हैं.

7 सितंबर से शुरू हुई थी यह यात्रा

कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शरू हुई थी. कांग्रेस की इस यात्रा के अपने 150वें दिन जम्मू कश्मीर पहुंचने की उम्मीद है. तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई यह यात्रा अब तक छह राज्यों के 28 जिलों से होकर गुजरी है. लगभग 150 दिन की इस यात्रा के दौरान 3,570 किमी की दूरी तय की जाएगी. जम्मू-कश्मीर में समाप्त होने से पहले यह 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. पदयात्रा के दौरान महाराष्ट्र के पांच जिलों में 382 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी

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