इंदौर – बुजुर्गों और बच्चों पर कार्रवाई कर रही थी पुलिस ..!
बुजुर्गों और बच्चों पर कार्रवाई कर रही थी पुलिस, आयुक्त ने क्राइम ब्रांच को सौंपी निगरानी
इंदौर आयुक्त प्रणाली के बाद थाना प्रभारी आंकड़ों का खेल कर रहे थे। बेहतर प्रदर्शन दिखाने के लिए बुजुर्गों और बच्चों पर ही प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की गई। नवागत पुलिस आयुक्त अब टीआइ और एसीपी को प्रशिक्षण दे रहे हैं। किस अपराधी पर कार्रवाई नहीं की, इसकी निगरानी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है।
बता दें कि आयुक्त प्रणाली से पहले प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के प्रकरण कलेक्टोरेट में पेश होते थे, लेकिन पिछले वर्ष दिसंबर से एसीपी कोर्ट के समक्ष सुनवाई होने लगी। थाना प्रभारियों ने इसका खूब फायदा उठाया और आंकड़े सुधारने के लिए बुजुर्गों और बच्चों पर ही कार्रवाई कर दी। इतना ही नहीं, प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करके प्रकरणों को समय पर कोर्ट में भी पेश नहीं किया गया।
पुलिस आयुक्त ने लगाई फटकार
नवागत पुलिस आयुक्त मकरंद देऊस्कर ने हाल ही में अपराधों की समीक्षा की तो ये तथ्य सामने आने पर सभी थाना प्रभारियों और एसीपी को फटकार लगाई। सीपी ने कहा कि न्यायालीन अधिकारों का सदुपयोग होना चाहिए। धारा 110 और 151 का उपयोग सही जगह होना चाहिए। कार्रवाई कर समय सीमा में प्रकरणों को एसीपी कोर्ट में पेश कर देना चाहिए।
सवा लाख अपराधियों का डाटा तैयार, डीएसआर देख रिपोर्ट देगी क्राइम ब्रांच
पुलिस आयुक्त ने असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई के लिए निगरानी दल बनाया है। इसके लिए क्राइम ब्रांच को जिम्मेदारी सौंपी गई है। आयुक्त के अनुसार, तय किया है कि डीसीपी (अपराध) नियमित रूप से डीएसआर रिपोर्ट देखेंगे। मारपीट और अवैध वसूली जैसे मामलों में लिप्त अपराधियों पर थानों से कब कार्रवाई हुई, इसकी रिपोर्ट बनाएंगे। इसके पूर्व क्राइम ब्रांच ने करीब सवा लाख अपराधियों का आपराधिक रिकार्ड तैयार कर लिया है। यह रिकार्ड वर्ष 2015 से मार्च 2023 तक का है। इस रिकार्ड को अल्फाबेटिकल रूप से तैयार करवाया गया है।
अपराधी पर तत्काल होगी कार्रवाई
सीपी के अनुसार, कई बार आरोपित के खिलाफ एक थाना प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर देता है, लेकिन दूसरा अपराध उस थाना क्षेत्र में नहीं होता और वह उल्लंघन की कार्रवाई से बच जाता है। अब आयुक्त उस अपराधी पर तत्काल कार्रवाई करवाएंगे।
पारिवारिक विवाद में पार्टी न बने पुलिसकर्मी
आयुक्त ने यह भी कहा कि पति-पत्नी और घरेलू झगड़ों में भी पुलिस कई बार धारा 151 और 110 का उपयोग करती है। ऐसे मामलों से पुलिस को बचने के निर्देश दिए हैं।
टीआई और बीट प्रभारी से मांगा जवाब
आयुक्त के निर्देशों के बाद थाना प्रभारियों पर सख्ती करना शुरू कर दी गई है। एडिशनल डीसीपी जोन-2 राजेश व्यास ने सोमवार को बायपास पर मिस्टर स्कल पब पर कार्रवाई की। देर रात खुला होने के कारण धारा 188 के तहत केस दर्ज करवाया। एडीसीपी ने लापरवाही पर कनाड़िया टीआइ और बीट प्रभारी से स्पष्टीकरण मांगा है