ग्वालियर. । कानून में आपके लिए कई ऐसे प्रविधान किए गए हैं, जिनकी जानकारी नहीं होती है। जब थाने में पुलिस सुनवाई नहीं करती है तो न्यायालय की शरण ले सकते हैं। इसके लिए न्यायालय में परिवाद दायर करना पड़ेगा। परिवाद की सुनवाई के बाद न्यायालय खुद केस दर्ज कर सकता है या फिर पुलिस को आदेश दे सकता है। हाई कोर्ट में वकालत करने वाले अधिवक्ता अवधेश सिंह तोमर ने नईदुनिया से कानूनी जानकारी साझा की, जो आपको जानना जरूरी है।

अधिवक्ता ने बताया कि यदि आपके साथ कोई घटना घटित होती है या फिर आपके साथ कोई अपराध घटित होता है। इसकी सूचना तत्काल संबंधित पुलिस थाने में दें। यदि संबंधित पुलिस थाना सूचना पर कोई अपराध दर्ज नहीं करता और सुनवाई भी नहीं की जा रही है तो ऐसी स्थिति में लिखित आवेदन पेश किया जाए। लिखित आवेदन को शिकायतकर्ता संबंधित थाने में देगा और उस आवेदन पर प्राप्ति लेगा। आवेदन पर संबंधित थाना कोई कार्रवाई नहीं करता तो शिकायतकर्ता वरिष्ठ पुलिस अधिकारी या पुलिस अधीक्षक के यहां शिकायत करें।

आवेदन में घटना व थाने में हुई परेशानी को लिखेगा कि मेरे द्वारा घटना की सूचना संबंधित थाने को दी गई थी, किंतु उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। यदि दोनों जगह से शिकायतकर्ता की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होती तो शिकायतकर्ता मजिस्ट्रेट के यहां 156(3) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत एक आवेदन करेगा।

कोर्ट के सामने भी दो विकल्प

तोमर ने बताया कि मजिस्ट्रेट के यहां आवेदन आने पर उस पर सुनवाई होती है। मजिस्ट्रेट संबंधित पुलिस थाना को 156(3) में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने का आदेश दे सकता है। यदि न्यायालय को लगता है कि प्रथम दृष्टया मामला नहीं बनता है तो ऐसी स्थिति में आवेदन खारिज भी कर सकता है। यदि आवेदन खारिज किया जाता है तो शिकायतकर्ता उस आवेदन की रिवीजन (पुनर्विचार) भी कर सकता है।

-शिकायतकर्ता मजिस्ट्रेट के आदेश की रिवीजन जिला न्यायाधीश एवं अपर जिला न्यायाधीश के यहां पेश करेगा। यदि रिविजनल कोर्ट को लगता है कि नीचे के कोर्ट का आदेश गलत है तो रिवीजन कोर्ट नीचे के कोर्ट को रिमाइंड करने का आदेश देगा। यदि रिवीजन कोर्ट आवेदन खारिज करता है तो हाई कोर्ट में अपील दायर कर सकते हैं।

– मजिस्ट्रेट परिवाद पत्र सुनवाई करता है तो शिकायतकर्ता के सीआरपीसी 200 एवं अन्य गवाहों के 202 में कथन देगा। इस उपरांत मजिस्ट्रेट को लगेगा कि वास्तव में घटना घटित हुई है तो वह आरोपियों के विरुद्ध नोटिस जारी कर सकता है।