अतीक के हत्यारे कासगंज-बांदा-हमीरपुर के ..!

लवलेश के पिता बोले- जेल गया, तभी त्याग दिया था; सनी-अरुण को गांववालों ने बचपन से नहीं देखा ..

प्रयागराज में शनिवार रात 10:35 बजे अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मीडिया के सामने हत्या कर दी गई। गोली मारने वाले 3 शूटर्स मीडियाकर्मी बनकर ही आए थे। हत्या के तुरंत बाद तीनों ने सरेंडर कर दिया।

शूटर लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, सनी सिंह हमीरपुर और अरुण कासगंज का निवासी है। हत्या के अगले दिन रविवार को लवलेश के पिता बोले कि थप्पड़ मारने के केस में जब बेटा, जेल गया, तभी से उसे त्याग दिया। उधर, सनी और अरुण को तो उनके गांववालों ने बचपन से ही नहीं देखा।

मीडियाकर्मी बनकर आए और गोलियां दागने लगे, 2 तस्वीरें…

वीडियो कैमरा और माइक आईडी भी बरामद हुआ है। पुलिस के मुताबिक, तीनों शूटर मीडिया वाले बनकर आए थे। उनके गले में आईडी भी थी।
वीडियो कैमरा और माइक आईडी भी बरामद हुआ है। पुलिस के मुताबिक, तीनों शूटर मीडिया वाले बनकर आए थे। उनके गले में आईडी भी थी।
शूटर्स भागे नहीं। वो नारेबाजी करने लगे और फिर पुलिस के सामने हाथ ऊपर कर सरेंडर कर दिया।
शूटर्स भागे नहीं। वो नारेबाजी करने लगे और फिर पुलिस के सामने हाथ ऊपर कर सरेंडर कर दिया।

3 शूटर्स पर परिवार और गांववाले…

1. लवलेश को पिता ने त्याग दिया, मां बोलीं- वो हनुमान भक्त
लवलेश के पिता बोले, “हमें जानकारी नहीं है और ना हमारा इससे कोई लेना-देना है। 5-6 दिन पहले आया था। उसका घर से कोई लेनादेना नहीं था। सालों से बोलचाल बंद है। थप्पड़ मारने के केस में जेल गया था, तब से बातचीत बंद है। नशा करता है। हमने उसे त्याग दिया है।”

मां ने कहा, “वो संकटमोचन का बड़ा भक्त था, बिना दर्शन किए चाय भी नहीं पीता था। गाता-बजाता भी था, मेरे साथ मंडली में भी जाया करता था। पता नहीं नसीब में क्या था। एक हफ्ते पहले घर से निकला था। जब से गया है, तब से कोई बातचीत नहीं हुई।”

2. सनी का भाई बोला- वह बचपन में ही घर छोड़कर भाग गया
अतीक-अशरफ को गोली मारने वालों में दूसरा शूटर सनी सिंह है। वह हमीरपुर का रहने वाला है। उसके भाई पिंटू सिंह ने बताया, “हम लोग 3 भाई थे, जिसमें से एक की मृत्यु हो गई। सनी के ऊपर पहले से भी कई मामले दर्ज हैं। वह कुछ नहीं करता था। हम उससे अलग रहते हैं। वह बचपन में ही घर छोड़कर भाग गया था।”

3. अरुण के गांववाले बोले- उसे बचपन में ही देखा था
अरुण कासगंज का रहने वाला है। उसके गांववालों ने बताया, “20 साल पहले अरुण के मां-बाप की मौत हो गई थी। उसके 2 भाई और हैं, जो दिल्ली में काम करते हैं। उसे हमने बचपन में देखा था, उसके बाद गांव में उसे हमने कभी नहीं देखा।”

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