माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ – 4 वजहें जो बताती हैं, हत्या के पीछे दुश्मन या फिर कोई अपना

एनकाउंटर होगा, या पुलिस मारी, या कोई अपनी बिरादरी का सिरफिरा। सड़क के किनारे पड़े मिलब …

यह बयान माफिया अतीक अहमद का है। साल 2004 में यूपी की फूलपुर से लोकसभा चुनाव लड़ने के दौरान पत्रकारों से यह बात कही थी। 19 साल बाद पुलिस कस्टडी में उसकी हत्या हुई, तो बयान दोबारा चर्चा में आ गया।

तीन युवकों ने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या करने के बाद फौरन सरेंडर कर दिया। इनके नाम लवलेश तिवारी, सनी और अरुण मौर्य है। हालांकि अब तक हत्या के मोटिव का पता नहीं चल सका है।

पुलिस ने भी दोनों को मीडिया से बातचीत करने दी।

1. पुरानी दुश्मनी के चलते किसी ने हत्या करवा दी हो

  • साल 1979 में 17 साल की उम्र में अतीक पर हत्या का पहला केस दर्ज हुआ था।
  • माफिया अतीक अहमद के खिलाफ जबरन वसूली, जमीन हड़पने, अपहरण और हत्या सहित 100 से अधिक मामले दर्ज थे।
  • पूरे यूपी में अतीक अहमद की दबंगई रही। ऐसे में दुश्मनों की कोई कमी नहीं थी।
  • उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस अतीक पर तेजी से कार्रवाई कर रही थी। ऐसे में अतीक का कुनबा बिखरा हुआ था। शूटर्स भागे हुए थे।

संभावना : किसी पुराने दुश्मन के लिए बदला लेने का ये मुफीद समय था और उसने अतीक और अशरफ की हत्या करवा दी हो।

2. अतीक से पूछताछ में किसी के पर्दाफाश होने का खतरा रहा हो

  • ED ने बुधवार को प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और उसके करीबियों के 15 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
  • ED ने इस दौरान 84.68 लाख कैश, 60 लाख के गोल्ड डायमंड, ज्वेलरी, 2.85 करोड़ के कागजात जब्त किए गए हैं।
  • अतीक के लखनऊ में बने 47 लाख कीमत के 5900 वर्ग फीट के मकान को जब्त कर लिया। अतीक की 100 बेनामी संपत्तियां भी जब्त। प्रयागराज के सदर में बना मकान भी जब्त।
  • अतीक और अशरफ काफी दिनों से जेल में थे। चार बेटे भी जेल में हैं। इसके बावजूद इनका आपराधिक कारोबार का तंत्र चल रहा था।

संभावना : किसी साथी को पर्दाफाश होने का खतरा रहा हो। इसी डर के चलते उसने शूटर्स को सुपारी देकर ये हत्या करवा दी हो।

मीडिया से बात करते वक्त ही शनिवार रात 10:35 बजे तीन हमलावरों ने अतीक की कनपटी पर गोली मारी। कुछ ही कम समय में अतीक-अशरफ जमीन पर गिर गए। 20 सेकेंड में ही दोनों की मौत हो गई।

3. उमेश हत्याकांड में फरार किसी साथी ने मामले को डायवर्ट करने के लिए हत्या करवाई

  • राजू पाल मामले में गवाह उमेश पाल की हत्या 24 फरवरी को प्रयागराज में 7 शूटर्स ने की थी। यूपी पुलिस ने इनमें से 4 का एनकाउंटर कर दिया है। वहीं तीन शूटर्स अब भी फरार हैं। इनके नाम साबिर, गुड्‌डू मुस्लिम और अरमान हैं।
  • अतीक और अशरफ की रविवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। ऐसे में संभावना है कि फरार साबिर, गुड्‌डू मुस्लिम या अरमान में से किसी ने शूटर्स के जरिए अतीक की हत्या करवा दी हो, ताकि पुलिस प्रेशर में आ जाए।
  • माहौल भी ऐसा बन गया है। राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। ऐसे में पुलिस अब इन फरार शूटर्स का एनकाउंटर करने से बचेगी। यानी तीनों फरार शूटर्स को इससे सीधे फायदा होगा।

संभावना : पुलिस पर प्रेशर बनाने के लिए किसी साथी ने ही शूटर्स के जरिए अतीक की हत्या करवा दी हो, जिससे पुलिस प्रेशर में आ जाए।

4. धार्मिक उन्मादी लड़कों ने सुर्खियों में आने के लिए हत्या कर दी हो

  • अतीक और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों युवकों ने धार्मिक नारे लगाए। ये तीनों आरोपी धार्मिक अतिवादी हो सकते हैं। तीनों ऐसी हत्या के जरिए सुर्खियों में आना चाहते हों और हीरो बनना चाहते हों।
  • इसकी वजह है कि अतीक को लगातार मीडिया कवरेज मिल रहा था। ऐसे में अतीक की हत्या करने वालों को भी मीडिया कवरेज मिलेगा। इसीलिए इन लड़कों ने अतीक की हत्या कर दी।
  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तीनों आरोपियों से पुलिस पूछताछ में भी ये बात सामने आई है। पूछताछ में आरोपियों ने कहा कि वे बड़े माफिया बनना चाहते हैं इसीलिए अतीक और अशरफ की हत्या की।
  • आरोपियों ने कहा कि कब तक छोटे-मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है, इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया।

संभावना : अतीक को लगातार मीडिया कवरेज मिल रहा था। कुछ धार्मिक उन्मादी लड़कों ने सुर्खियों में आने के लिए हत्या की हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *