इंदौर निगम पिला रहा पानी गंदा ..?
उधर रोज ₹4000000 के पैक्ड वाटर का धंधा …
नगर निगम के अफसरों की नाकामी या साजिश …..इंदौर के लोग करें फैसला
इंदौर. शहर को शुद्ध पानी देने में नाकाम नगर निगम के अफसरों के कारण लोग नलों से आ रहा गंदा पानी पी रहे हैं। सेहत बिगड़ने का खतरा न उठाते हुए मिनरल या चिल्ड वाटर से प्यास बुझाई जा रही है। पानी खरीदा जा रहा है। रोजाना 3 से 4 लाख लीटर पानी यानी 40 लाख रुपए रोज की डिमांड का अनुमान है। कारोबार हर साल 15 से 20 प्रतिशत बढ़ रहा है।आप ही फैसला करें कि अफसर नाकाम हैं या साजिश के तहत साफ पानी नहीं दे रहे हैं
पहले जेल रोड, सियागंज, महारानी रोड जैसे बाजारों में व्यापारी चिल्ड वाटर के जार पर निर्भर थे। अब पूरे शहर में इसका इस्तेमाल मजबूरी है। सुमित झा ने कहा, सुदामा नगर में नलों से गंदा पानी आता है। बोरिंग सूख जाता है। प्रतिदिन कोल्ड टैंकर से आरओ का ड्रिकिंग वाटर 50 से 75 पैसे प्रति लीटर लेना मजबूरी है। पैट जार 20 रुपए में मिल जाता है। पानी खरीदें नहीं तो क्या करें?
से 2 लाख लीटर बोतल बंद पानी की बिक्री हर दिन
बड़े कारोबारियों के पास माइक्रो बायोलॉजी व कैमिकल लैब
लाइसेंसी ड्रिंकिंग कारोबारी शहर में कर रहे हैं पानी सप्लाई
से 3 लाख लीटर चिल्ड वाटर की प्रतिदिन मांग
सेहत के लिए मिनरल वाटर खरीद रहे लोग
शहर में शुद्ध पानी की समस्या है। लोग जानते हैं कि शुद्ध पानी नहीं पीया तो बीमार हो जाएंगे। घरों में भी पानी सप्लाई बढ़ी है। बाजार, ऑफिस के साथ हर छोटे-बड़े आयोजन में इस तरह के पानी की ही डिमांड रहती है। पानी कारोबारी
आधा लीटर बोतल की मांग
कोराना के बाद से पैक्ड वाटर के प्रति लोग आकर्षित हुए हैं। हर साल 15 से 20 प्रतिशत मांग बढ़ रही है। पहले 1 लीटर पानी की बोतल खरीदी जाती थी, लेकिन दो साल से आधा लीटर पानी की बोतल की मांग बढ़ी है। –, पानी कारोबारी
शुद्ध पानी देना नगर निगम की जिम्मेदारी है, लेकिन पानी की क्वालिटी व डिस्ट्रीब्यूशन की खराबी के कारण लोग मिनरल व पैक्ड वाटर अपना रहे हैं। रहवासी इलाके में गंदे पानी की समस्या होने से लोगों को पानी खरीदना पड़ रहा है। इसी से पानी का कारोबार बढ़ रहा है।