अब बैंकिंग ट्रांजेक्शन पर भी जीएसटी डिपार्टमेंट की नजर, जानें क्या है सरकार की तैयारी

बैंकिंग लेनदेन को लेकर जीएसटी डिपॉर्टमेंट एक खास तैयारी कर रहा है. टैक्स चोरी रोकने के लिए अब ट्रांजेक्शन को लेकर भी नियम लागू किया जा सकता है.

कई मामलों में पाया गया है कि कई ट्रांजेक्शन के माध्यम से नकली फेक इनवाइस बनाने वाले व्यक्ति के पास आखिरी ट्रांजेक्शन में पैसा वापस आ रहा है. शेल कंपनियां भी फर्जी बिलों के जरिए पैसो का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रही हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन मामलों में मनी ट्रेल महत्वपूर्ण है.

एक बिजनेस में कई अकाउंट 

जीएसटी रजिस्ट्रेशन के दौरान टैक्सपेयर्स केवल एक बैंक खाते का विवरण देता है और एक व्यवसाय कई खातों का उपयोग कर सकता है. मौजूदा समय में बैंकिंग ट्रांजेक्शन का डेटा भी प्राप्त करना मुश्किल है. एफई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि जब डिटेल दी जाती है तब तक फर्जी चालान बनाने वाली कंपनी या व्यक्ति पहले ही गायब हो जाते हैं. ऐसे में जीएसटी अधिकारी अब बैंकिंग लेनदेन पर तेजी से डेटा पाना चाहते हैं.

टैक्स चोरी पर अंकुश लगाने की तैयारी 

अभी टैक्स चोरी पर नजर रखने के लिए आयकर विभाग को हाई प्राइस ट्रांजेक्शन, संदिग्ध लेनदेन के साथ-साथ एक निश्चित सीमा से ज्यादा कैश जमा पर डेटा प्राप्त होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि फेक इनवाइस को रोकने के लिए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) द्वारा भी मुद्दा उठाया जा चुका है ताकि टैक्स चोरी पर अंकुश लगाया जा सके. रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी आरबीआई से इसपर विचार और विमर्श की आवश्यकता है.

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