भोपाल। राजधानी में प्रतिदिन लोग 800 क्विंटल से अधिक मांस खा जाते हैं। लेकिन इसकी गुणवत्ता जांचने के लिए ना तो नगर निगम और ना ही स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त अमला है। यहां तक कि 75 प्रतिशत मांस की दुकानें बिना लायसेंस संचालित की जा रही हैं। इनमें केवल पांच सौ दुकानदारों को ही नगर निगम से मांस विक्रय की अनुमति ली है। ऐसे में शहर में बिकने वाले मांस की गुणवत्ता का पता नहीं चल पाता है कि कहीं ये संक्रमित जानवर का मांस तो नहीं है।

बतादें कि जिंसी स्थित स्लाटर हाउस में प्रतिदिन 200 से अधिक छोटे-बड़े जानवरों की स्लाटिंग की जाती है। प्रति जानवर 100 किलो मांस के हिसाब से बीस टन मांस निकलता है। इतने ही जानवराें की स्लाटिंग कसाईपुरा क्षेत्र में स्थित घरों में की जा रही है। मांस व्यापार से जुड़े लोगों के अनुसार शहर में रोजाना 80 टन मीट, मटन और चिकन बिकता है। भैंस, पाड़ा और बकरे जैसे जानवरों की स्लाटिंग अवैध बूचड़खानों में की जाती है।जबकि स्लाटर हाउस में स्लाटिंग के बाद भैंस और पाड़े का मांस 411 वैध मांस की दुकानों में बिकता है, जबकि अवैध बूचड़खानों में कटने वाले जानवरों को शहर की करीब अवैध 1500 दुकानों में बेचा जाता है। अवैध रूप से बिकने वाले मीट का आंकड़ा 40 टन रोजाना है। इसमें से 10 टन मीट एक्सपोर्ट भी किया जाता है। इसी तरह शहर में रोजाना करीब 20 टन चिकन की खपत होती है।
नगर निगम से जारी हुए 500 लायसेंस

शहर में चिकन, मटन और मीट बेचने को नगर निगम ने 500 लाइसेंस जारी किए हैं, जबकि दुकानों की तादाद इससे करीब चार गुना ज्यादा है। यानी शहर में हर एक वर्ग किमी के दायरे में तीन से चार अवैध मांस की दुकान है। इन दुकानों को बंद कराने के लिए नगर निगम ने उत्तर प्रदेश की तर्ज पर मुहिम शुरू की थी, जो महज तीन दिन ही चल सकी। जिसमें कुल 122 अवैध मीट दुकानें बंद कराई गईं थीं।

प्रत्येक क्षेत्र में औसत 20 अवैध दुकानें

करीब 23 लाख आबादी वाले भोपाल शहर का दायरा करीब 413 वर्ग किमी है। शहर में करीब 1500 मीट, मटन और चिकन की दुकानें हैं। इस लिहाज से एक वर्ग किमी में तीन से चार अवैध गोश्त की दुकानें संचालित हो रही हैं। ऐसे में साफ है कि रिहायशी इलाकों और बाजारों में औसत 18 से 20 मांस की अवैध दुकानें हैं।

व्यापारियों के अनुसार शहर में प्रतिदिन बिकने वाले मांस का आंकड़ा

जानवर स्लाटिंग मांस (टन)

पाड़ा 300 30

भैंस 200 20

बकरा 800 10

मुर्गा 20,000 20

इनका कहना

हमने शहर में संचालित मांस की खुली दुकानों को काला कांच और पर्दा लगाकर कवर करने के साथ ही इनका अवैध संचालन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नगर निगम अधिकारियों को निर्देश दिया है। जल्द ही ऐसी दुकानें बंद कराई जाएंगी। वैध दुकानों में मांस की गुणवत्ता जांची जाएगी। कमी मिलने पर संबंधित दुकानदार पर कार्रवाई होगी।

– एमपी सिंह, अपर आयुक्त नगर निगम