साफ और सेहतमंद होगी खाने की थाली, तेज होगा जागरूकता अभियान,

Delhi: आपसी सहयोग से दूर होगी मिलावट

खाने के शौकीन दिल्लीवालों की थाली को साफ और स्वस्थ बनाने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने लोगों के सहयोग से जागरूकता अभियान को तेज करने का निर्णय लिया है। इस दौरान खाने की गुणवत्ता को सुधारने, खाने वाली जगह में साफ-सफाई, कच्चा सामान सहित अन्य पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

दरअसल, बीते भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के ईट राइट डिस्ट्रिक्ट चैलेंज में दिल्ली के दो जिले काफी पीछे रह गए थे। इस चैलेंज में शाहदरा 64वें और उत्तर-पूर्वी जिला 80वें स्थान पर रहा था। हालांकि दिल्ली के 10 जिले टॉप 50 स्थान में रहे थे। विभाग इस बार सभी जिलों की रैंकिग सुधारने पर काम कर रहा है।

खाद्य सुरक्षा आयुक्त नेहा बंसल का कहना है कि जिलों में मिल रहे खाने की गुणवत्ता को सुधारने के लिए विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विभाग टारगेट करके क्षेत्रों में जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारी कोशिश है कि दिल्ली के सभी जिलों में बेहतर खाना मिले। बता दें कि दिल्ली में हर दिन लाखों लोग बाहर खाना खाते हैं। वीकेंड के दौरान बाहर खाने वाले लोगों का आंकड़ा कई गुणा बढ़ जाता है। ऐसे में लोगों की थाली में खराब और मिलावटी खाना परोसा जा ता है तो लाखों लोग बीमार हो सकते हैं। खासकर गर्मी के समय। डॉक्टरों का कहना है कि इस मौसम में केवल ताजा खाना खाना चाहिए, नहीं तो बीमार हो सकते हैं।  

मौके पर हो रही जांच
बाजार व अन्य जगहों पर दिए जा रहे खाद्य वस्तुओं की मौके पर जांच के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स चलाए जा रहे हैं। दिल्ली में ऐसे तीन ऑन व्हील्स चल रहे हैं। इन  व्हील्स में जांच के लिए अधिकारी तैनात होते हैं, जो मौके पर जाकर सैंपल की जांच कर सकते हैं और उसी समय रिपोर्ट भी दे सकते हैं। यदि कोई रंग, मिलावट की वस्तु का प्रयोग करता है तो उसे पकड़ा जा सकता है।

हब बनाने से पहले होता है ऑडिट 
विभाग की माने तो हब बनाने से पहले जगह का प्री ऑडिट किया जाता है। इसमें जिस जगह को मान्यता दी जा रही हैं वहां खाना बनाने के लिए इस्तेमाल हो रहे सामान की गुणवत्ता की जांव होती है। साथ ही देखा जाता है कि उसे कैसे पकाया जा रहा है। बनने के बाद उसकी स्थिति कैसी है। जांच में यदि कोई कमी पाई जाती है तो उसे दूर करने का निर्देश दिया जाता है। साथ ही साफ सफाई, खाने की गुणवत्ता, खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाले कच्चा सामान, पीने का पानी व अन्य को परखा जाता है। साथ ही फूड सेफ्टी ट्रेनिंग दी जाती है। उसके बाद थर्ड पार्टी के सहयोग से पोस्ट ऑडिट होता है। यदि सब कुछ ठीक रहता है तो उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाता है।

टॉप 15 में रहा था उत्तरी दिल्ली 
बीते रैकिंग में उत्तरी दिल्ली 85 फीसदी अंकों के साथ 14वें स्थान पर रहा था। वहीं 75 फीसदी अंकों के साथ उत्तर-पश्चिम व दक्षिण जिले 30वें व 31वें स्थान पर, 73 फीसदी अंकों के साथ दक्षिण-पूर्व व पश्चिम जिले 32वें व 34वें, 72 फीसदी अंकों के साथ दक्षिण-पश्चिम व नई दिल्ली 38वें व 39वें, 71 फीसदी अंकों के साथ मध्य दिल्ली 40वें, 63 फीसदी अंकों के साथ पूर्वी दिल्ली 53वें, 55 फीसदी अंकों के साथ शाहदरा 64वें व 42 फीसदी अंकों के साथ उत्तर-पूर्वी जिला 80वें स्थान पर रहा था।

बनाए जा रहे हब 
लोगों को बेहतर खाना परोसे जाने के लिए ईट राइट कैंपस, ईट राइट स्कूल, स्ट्रीट फूड हब, ईट राइट स्टेशन, ईट राइट पूजा स्थल को बनाया जा रहा है। इन जगहों पर पहले जांच की जाती है। जांच में यदि यह सभी मानकों पर खरे उतरने हैं तो उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाता है।

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