इंदौर । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेल में बंद भूमाफिया दीपक मद्दा को मनी लाण्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया। उसे कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले लिया गया है। ईडी ने 14 दिन की रिमांड मांगी थी। कोर्ट ने फिलहाल 9 जून तक की रिमांड दी है। मद्दा की गिरफ्तारी के बाद अब ईडी के लिए उसके पार्टनर और मामले में लिप्त बिल्डरों तक पहुंचना आसान होगा।

ईडी मद्दा से पहले सुरेंद्र संघवी, प्रतीक संघवी, केशव नाचानी, हैदर अली, दीपेश वोरा, दिलीप गुप्ता, इस्लाम पटेल, मुकेश खत्री, राजेंद्र आगार, सुभाष गुप्ता, रणवीर सिंह सूदन, आशीष जैन सहित कई लोगों से पूछताछ कर मद्दा और उनके बीच हुए व्यवहार की जानकारी ले चुकी है। अब ईडी इस बात का पता लगाने का प्रयास करेगी कि कितना लेनदेना हुआ था और मनी लान्ड्रिंग किस तरह से की गई। मद्दा के पार्टनरों को भी केस में सहआरोपित बनाया जा सकता है।

विवादित बिल्डर नीलू पंजवानी जिसके माल पर प्रशासन और नगर निगम की टीम ने बुलडोजर चलाया था वह भी मद्दा के साथ जुड़ा रहा है। श्रीराम संस्था और हिना पैलेस में पंजवानी और मद्दा के बीच लेनदेने की बात भी सामने आई थी। ईडी मद्दा के साथ पूछताछ में इन सभी मुद्दों को भी ध्यान में रखेगी। सी-21 माल के मालिक पिंटू छाबड़ा का नाम भी सामने आया है। उसने मद्दा के दखल वाली संस्था पुष्पविहार में कई जमीन कौड़ियों के दाम खरीदी है। भूमाफिया अभियान में ये लोग बच गए थे। बताया जा रहा है कि केशव नाचानी के बयान में पिंटू छाबड़ा का नाम आ चुका है कि उन्होंने ही दीपेश वोरा के साथ उन्हें पुष्पविहार की जमीन दी और बदले में उनके सौदे की दूसरी जमीन ले ली। इसी जमीन पर सी- 21 बिजनेस पार्क बना है।

250 करोड़ की संपत्ति की जांच करना

ईडी ने सुरेंद्र संघवी और दीपक मद्दा के यहां छापे में 91 लाख नकद जब्त किए थे। इसके अलावा 250 करोड़ की संपत्ति का पता लगाया था। ईडी को अब इसी की जांच करना है। सुरेंद्र संघवी और प्रतीक संघवी पर अयोध्यापुरी मामले में दो एफआइआर दर्ज है। मद्दा पर पुष्पविहार मामले में चार और अयोध्यापुरी मामले में दो और न्याय नगर में एक एफआइआर है।