Yamuna Expressway पर बढ़ सकती है टोल वसूली की अवधि ..!
Yamuna Expressway पर बढ़ सकती है टोल वसूली की अवधि, JP इंफ्राटेक को मिला था 36 सालों तक वासूली का अधिकार
Greater Noida यमुना एक्सप्रेसवे पर पर टोल वसूली की अवधि 15 साल और बढ़ सकती है। जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर रही कंपनी सुरक्षा रियल्टी लि. ने यमुना प्राधिकरण से टोल वसूली की अवधि बढ़ाने की मांग की है।
- यमुना एक्सप्रेस-वे पर 80 किमी. के दायरे में नहीं लगे हैं सीसीटीवी
- पैनिक बटन पड़े हैं खराब, मोबाइल लुट जाए, तो पीड़ित असहाय
- वसूली की अवधि 15 साल और बढ़ाई जा सकती है
- जेपी इंफ्राटेक को 36 साल टोल वसूली का दिया गया था अधिकार
ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे पर पर टोल वसूली की अवधि 15 साल और बढ़ सकती है। जेपी इंफ्राटेक का अधिग्रहण कर रही कंपनी सुरक्षा रियल्टी लि. ने यमुना प्राधिकरण से टोल वसूली की अवधि बढ़ाने की मांग की है।
जेपी इंफ्राटेक के प्रभावित किसानों पर 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा राशि वितरण पर भी तकरीबन सहमति बन गई है। यमुना प्राधिकरण की आगामी बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव विचार के लिए रखा जाएगा।
ग्रेटर नोएडा से आगरा तक 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन कर रही कंपनी जेपी इंफ्राटेक का सुरक्षा रियल्टी लि. अधिग्रहण कर रही है।
36 सालों तक टोल वसूली का मिला है अधिकार
जेपी इंफ्राटेक को यमुना एक्सप्रेसवे पर 36 वर्ष के लिए टोल वसूली का अधिकार मिला था, लेकिन सुरक्षा रियल्टी लि. ने एक्सप्रेसवे के रखरखाव, जेपी इंफ्राटेक की आवासीय परियोजना एवं अतिरिक्त मुआवजा राशि की देनदारी को लेकर टोल वसूली के अवधि में विस्तार, अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) आदि की मांग की थी। हालांकि, एनसीएलटी ने कंपनी के इन दावों को खारिज कर दिया था।
यमुना प्राधिकरण के किसानों को अतिरिक्त मुआवजा राशि के दावे को भी एनसीएलटी ने खारिज कर दिया था। प्राधिकरण ने इसके खिलाफ ट्रिब्यूनल में अपील की थी, लेकिन यमुना प्राधिकरण और कंपनी अधिकारियों के बीच हुई बैठक में एफएआर को छोड़कर अन्य दोनों बिंदुओं पर लगभग सहमति बन गई है।
बोर्ड बैठक में स्वीकृति मिलने के बाद कैबिनेट अनुमति के लिए भेजेंगे: अधिकारी
प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि अगर 26 जून को बोर्ड बैठक में इस पर स्वीकृति मिलती है तो प्रदेश कैबिनेट की मुहर के लिए शासन को भेजा जाएगा।
सिर्फ टोल टैक्स पर नजर, सुरक्षित नहीं सफर
यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण की नजर आपकी सुरक्षा और सफर को सुगम बनाने की बजाय आपकी जेब पर है। दस वर्ष में टोल टैक्स में तो बढ़ोत्तरी हुई, लेकिन सुरक्षा कवच पूरी तरह टूट गया है। लूट की घटनाओं ने इसकी पोल खोल दी है।
अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है एक्सप्रेस-वे
करीब 165 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के 80 किमी के दायरे में कहीं सीसीटीवी नहीं हैं। आपातकाल में सूचना देने को पैनिक बटन नहीं हैं। वारदात के बाद अगर बदमाश फोन लूट ले जाएं तो यात्री के पास आपबीती का संदेश भेजने का भी कोई माध्यम नहीं बचता है। यमुना एक्सप्रेसवे अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है।
मथुरा जिले की सीमा में 29 मई से 2 जून के बीच पत्थर मारकर बदमाशों ने वाहन सवारों से लूट की। पड़ताल हुई तो सुरक्षा व्यवस्था में कई खामियां मिलीं। जिले से गुजरे 80 किमी एक्सप्रेसवे के क्षेत्र में कहीं भी सीसीटीवी नहीं लगे हैं। मांट टोल को छोड़ दें, तो पुलिस ये पता नहीं कर सकती है कि एक्सप्रेसवे से कब और कौन गुजरा।
लूट की घटनाओं में सीसीटीवी न होना भी पुलिस के लिए बड़ी परेशानी का कारण बना है। यह व्यवस्था तब है, जबकि 2022 में प्राधिकरण ने नई टोल टैक्स की दरें जारी करते हुए कहा था कि कंपनी ने एक्सप्रेसवे पर सड़क सुरक्षा के लिए कई बड़े काम किए हैं।
इस कारण वित्तीय वर्ष 2022-23 में टोल दरें बढ़ाई गई हैं। यह दर प्राधिकरण ने 2018 के बाद पहली बार बढ़ाई थीं। नई दरों में 170 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई थी।