क्यों आग में जल रहा मणिपुर?

क्यों आग में जल रहा मणिपुर? आखिर कौन है हिंसा का असली जिम्मेदार! 

 पूर्वोत्तर राज्य हिंसा की आग में जल रहा है. आखिर इस हिंसा की असली वजह क्या और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं, जानें सबकुछ सिर्फ एक खबर में…
  • मणिपुर में पिछले एक महीने से ज्यादा समय से जातीय हिंसा चल रही है
  • मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल होने की मांग पर भड़की हिंसा
  • हिंसा की आग में कई लोगों की जिंदगियां हुईं बर्बाद

नई दिल्ली: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर पिछले एक महीने से ज्यादा समय से हिंसा की आग में जल रहा है. वहां तनाव इस कदर बढ़ गया है कि आम आदमी के साथ साथ केंद्रीय मंत्री के घर को भी आग के हवाले कर दिया गया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा बनाई गई शांति समिति के बाद भी असंतोष और दो गुटों के बीच दूरियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. मैतेई और कुकी समुदाय एक साथ बैठने के लिए तैयार नहीं हो रहे हैं. ऐसे में मन में बड़ा सवाल उठता है कि आखिर मणिपुर हिंसा के लिए कौन जिम्मेदार है? मैतेई समुदाय या नगा-कुकी समुदाय…

मणिपुर हिंसा के दो मुख्य कारण सामने आए हैं. पहली वजह – मणिपुर में मैतई समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के हाईकोर्ट के फैसले का विरोध और दूसरी वजह – राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने और अफीम की खेती पर शिकंजा कसना. कोर्ट के आदेश के बाद तनाव ने हिंसा का रूप से लिया और पूरा राज्य इसी हिंसा में जलने लगा है. इसके बाद मैतेई समुदाय के विरोध में कुकी समुदाय के लोग आ गए हैं.

आपको बता दें कि एसटी वर्ग में शामिल करने की मांग को लेकर मैतेई समुदाय ने 3 मई को प्रदर्शन किया था. इसके विरोध में कुकी समुदाय के लोग भी सड़कों पर उतर आए. इसके बाद मैतेई और कुकी समुदाय के लोग 4 मई को आमने-सामने आ गए और पूरे राज्य में हिंसा फैल गई. इसके बाद बढ़ती हिंसा पर काबू पाने के लिए अर्धसैनिक बलों के अलावा सेना और असम राइफल्स की टुकड़ियों को तैनात किया गया है. हिंसा की आग में अबतक कई लोगों की जिंदगी समा गई हैं और कई परिवार अपना सबकुछ छोड़कर विस्थापित होने के लिए मजबूर हैं.

जानें राज्य में मैतेई, नगा और कुकी समुदाय की कितनी है आबादी

मणिपुर की कुल आबादी 3 करोड़ है. मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 फीसदी है, जबकि नगा और कुकी समुदायों की संख्या 40 फीसदी है. मैतेई समुदाय की संख्या ज्यादा होने के बाद उनका दबदबा राज्य के 10 प्रतिशत भूभाग पर ही है और वे इंफाल घाटी में निवास करते हैं. वहीं, कुकी समुदाय के लोग पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *