इंदौर । भूखंड, मकान, फ्लैट आदि की रजिस्ट्री और अन्य अनुबंध के लिए ई-स्टाम्प विक्रेता कुछ लोगों से तय राशि से अधिक शुल्क ले रहे हैं। इस संबंध में जिला पंजीयन कार्यालय को शिकायतें मिल रही हैं। इस पर वरिष्ठ जिला पंजीयन कार्यालय से निर्देश जारी किए गए हैं, जो ई-स्टाम्प विक्रेता तय राशि से अधिक लेंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

वरिष्ठ जिला पंजीयक दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि सेवा प्रदाता द्वारा ई-स्टाम्प के अतिरिक्त अन्य कोई कार्य (टाइपिंग/पत्र बनाना) आदि किया जाता है, तो उसका शुल्क ई-स्टाम्प के शुल्क से अलग बताकर पक्षकार को रसीद दी जानी चाहिए। ई-स्टाम्प के नाम पर निर्धारित शुल्क से अधिक राशि की मांग नहीं की जा सकती है। ऐसी शिकायतें प्राप्त होने पर संबंधित ई-स्टाम्प विक्रेता के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इस बारे में सभी वरिष्ठ उप पंजीयकों और उप पंजीयकों से भी कहा गया है कि वे बैंकिंग संस्थानों के निरीक्षण के दौरान नियमों का पालन कराएं।

नियमों के विपरीत हो रहा काम

बताया जाता है कि कुछ बैंक शाखाओं और वित्तीय संस्थानों के परिसर में बाहरी सेवा प्रदाताओं को बैठाकर ई-स्टाम्प बेचे जा रहे हैं। उनके द्वारा निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क की मांग पक्षकारों से की जा रही है। संबंधित संस्थान अपने परिसर में बैठे सेवा प्रदाताओं से ही ई-स्टाम्प खरीदने का आग्रह कर रहे हैं, जो नियमों के विपरीत है। सेवा प्रदाताओं द्वारा जारी किए जाने वाले ई-स्टाम्प की राशि पर शासन से स्वत: ही नियमानुसार कमीशन (छूट) प्राप्त होती है। सेवा प्रदाता द्वारा ई-स्टाम्प जारी करने पर स्टाम्प क्रेता से पांच रुपये प्रति ट्रांजेक्शन लिया जा सकता है। इससे अधिक राशि की मांग की जाती है तो वह नियम के खिलाफ है।