ग्वालियर नगर निगम : विभागीय जांच के घेरे में 162 अधिकारी-कर्मचारी …?
विभागीय जांच के घेरे में 162 अधिकारी-कर्मचारी कोई कार्रवाई नहीं, ठप्पे से कर रहे निगम में नौकरी
सिर्फ दिखावे की विभागीय जांच, कोई नहीं जुटा पा रहा कार्रवाई का साहस
ग्वालियर. नगर निगम में आउटसोर्स भर्ती, जनकार्य, पार्क, विद्युत, भवनशाखा, सफाईकर्मी, एडीबी योजना, संपत्तिकर सहित अन्य में गड़बड़ी करने वाले अधिकारी-कर्मचारियों को भले ही एक विभाग से दूसरे विभाग में तबादला करते हुए विभागीय जांच बैठा दी गई। यह जांच सालों से भी चली आ रही है पर आज तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई है। वहीं जांच के लिए नियुक्त किए गए जिम्मेदार अधिकारी भी जांच में सिर्फ दिखावा ही करते रहे हैं और यह विभागीय जांच भी कोरा दिखावा साबित हो रही है। जबकि जिन लोगों की जांच चल रही है वह धड़ल्ले से निगम में वही काम कर रहे हैं।
निगम में अभी 162 अधिकारी-कर्मचारियों की विभागीय जांच चल रही है। जबकि ढाई सौ से अधिक जांच थी। इनमें लोकेंद्र सिंह चौहान, मुकेश बंसल, महेंद्र शर्मा व सत्यपाल सिंह चौहान सहित अन्य की भी जांच शमिल है, लेकिन तत्कालीन आयुक्त विनोद शर्मा, संदीप माकिन व किशोर कान्याल ने इन नामों के साथ ही कई बड़े नामों की जांच को पूरा कर लिया है। इसके बाद अभी भी लगभग 162 की विभागीय जांच चल रही है।
भवन अधिकारी व भवन निरीक्षक
शहर में अवैध निर्माण कार्य, अतिक्रमण व तलघर वाले मामले सहित अन्य प्रकरण में भवन अधिकारी व भवन निरीक्षक पर भी विभागीय जांच चल रही हैं। इसमें राजू गोयल, पवन शर्मा, राकेश कश्यप, बृजकिशोर त्यागी, प्रदीप वर्मा (निलंबित), अजय शाक्यवार, वेदप्रकाश निरंजन, यशवंत मैकले, कार्तिक पटेल, राजेश परिहार, रामसेवक शाक्य, मनीष यादव, अजय शर्मा, राजीव पाण्डेय, महेंद्र अग्रवाल, सत्येंद्र सोलंकी, अमित गुप्ता, मनीष कन्नौजिया (निलंबित) राजेंद्र शर्मा, राकेश कुशवाह, राजीव सोनी, वीरेंद्र शाक्य, उत्पल सिंह भदौरिया, संदीप श्रीवास्तव, राजीव सिंघल,बृजबिहारी चंसोलिया, अशीष राजपूत उपयंत्री शामिल है।
इनकी चल रही हैं विभागीय जांच
अतिबल सिंह यादव उपायुक्त, प्रदीप वर्मा उपयंत्री व पूर्व सिटी प्लानर, उमंग प्रधान एएफओ व वर्तमान फायर अधिकारी, धर्मेन्द्र वर्मा चालक, सतेंद्र सिंह सोलंकी सहायक वर्ग-2, रफीक खान सहायक वर्ग-2, योगेंद्र श्रीवास्तव उपराजस्व निरीक्षक, गोपाल सक्सैना सहायक वर्ग-3, अशो दुबे स्वच्छता पर्यवेक्षक, दौलत राम शर्मा सहायक वर्क-3,आलोक करोसिया सहायक वर्ग-3, खेमचंद्र साहू, बालकदास मौर्य, शैलेंद्र वर्मा एआरआइ, देवेंद्र सिंह बुधौलिया, आभा साहेग देशमुख, बालमुकुंद बाथम भृत्य, विनय पाल श्रमिक,विशाल जाटव लिपिक, एपीटीओ और कर संग्रहक (टीसी), हरिसिंह भदौरिया, अंकुर शर्मा, अशोक माहौर, ओमप्रकाश व्यास एपीटीओ, केके राठौर, शैलेंद्र सिंह कौरव, मिथलेश शर्मा, आलोक करोसिया, आभा साहेब देशमुख,रामवीर सिंह परिहार,जय सिंह राजपूत, मुरली शर्मा, शुभव दंडौतिया, संजय जैन, सुरेश मावई, गोपाल सक्सेना, अशोक कुशवाह, सुरेंद्र कुशवाह, अंकुर शर्मा, धनंजय क्षीरसागर, खेमचंद्र साहू, अवधेश भारद्वाज, आनंद यादव पंचायत सचिव, दिव्यांशु शर्मा सहायक राजस्व निरीक्षक, योगेंद्र श्रीवास्तव एपीटीओ।
डब्ल्यूएचओ, सफाई संरक्षक व चालक
महेंद्र खरे डब्लयूएचओ, राजकुमार कडेरे उप स्वच्छता पर्यवेक्षक, परमानंद चौहान डब्ल्यूएचओ, मनोज, महेश, सीताराम, कमल, महेश, मनोज, राजू, ओमप्रकाश, रामस्वरूप, महेंद्र, अजमेर सिंह राजपूत दरोगा, अजमेर सिंह राजपूत स्वास्थ्य पर्यवेक्षक, ब्रजपाल सिंह चौहान, वहीद खां, सुरेश कुमार वाहन चालक।
रसीद कट्टा नहीं कराया जमा, फिर भी कर रहे मनमानी
नगर निगम में इन विभागीय जांच के अलावा जलप्रदाय, राजस्व, संपत्तिकर,स्वास्थ्य विभाग के कुल 52 कर्मचारियों के विरुद्द भी रसीद कट्टा जमा न कराए जाने को लेकर भी जिम्मेदार अधिकारियों ने विभागीय जांच बैठा दी थी जो आज भी चल रही है। हालांकि अभी तक इस मामले में किसी भी अधिकारी-कर्मचारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और यह कर्मचारी आज भी निगम में धड़ल्ले से मनमानी कर रहे हैं।