भोपाल। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में बाघ की सिर कटी लाश मिलने के बाद केंद्रीय वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो ने सेंट्रल इंडिया (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र एवं बिहार) में संगठित शिकारी गिरोह सक्रिय होने की आशंका जताते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। ब्यूरो ने इन राज्यों के टाइगर रिजर्व, नेशनल पार्क, अभयारण्यों के संचालकों और सामान्य वनमंडल के अधिकारियों को सचेत किया है कि शिकारियों की सक्रियता को देखते हुए वे विशेष सतर्कता बरतें और संरक्षित क्षेत्र के अंदर और बाहर गश्त बढ़ाएं।

नेशनल पार्क के आस-पास संगठित शिकारी सक्रिय ….

महाराष्ट्र में पिछले महीनों में हुए एक बाघ के शिकार मामले में पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ में ब्यूरो को पता चला है कि सेंट्रल इंडिया मध्य प्रदेश के सतपुड़ा, पेंच, महाराष्ट्र के ताड़ोबा और उत्तर प्रदेश के कार्बेट अमानगढ़ के आसपास संगठित शिकारी सक्रिय हैं। ब्यूरो ने बालाघाट के गढ़चिरौली, उप्र के पीलीभीत, बिहार के वाल्मीकि, उत्तराखंड के राजाजी और महाराष्ट्र के चंद्रपुर जैसे बाघ बहुल क्षेत्रों में सभी टाइगर रिजर्व के संचालक और संबंधित अधिकारियों को तुरंत गश्त तेज करने को कहा है। उनसे कहा गया है कि शिकार जैसी गतिविधियों के लिए चिह्नित संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करें।

बाघ की गर्दन काटकर ले गए थे

टेंटों, मंदिरों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों, परित्यक्त इमारतों, सार्वजनिक आश्रय स्थलों में संदिग्ध खानाबदोश लोगों की तलाश करें, संबंधित सभी पुलिस थानों के अधिकारियों को सूचित करें और सतर्कता के तौर पर उपरोक्त क्षेत्रों में सफाई भी कराएं। उल्लेखनीय है कि 26 जून को नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के चूरना कोर क्षेत्र के एक जलाशय में बाघ का लगभग छह दिन पुराना शव बरामद हुआ था, शिकारी इस बाघ की गर्दन काटकर ले गए।

वन्यप्राणी शाखा ने भी जारी किया अलर्ट

केंद्रीय वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो के निर्देश मिलने के बाद मध्य प्रदेश की वन्यप्राणी शाखा ने भी प्रदेश के लिए अलर्ट जारी कर दिया है। मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक जेएस चौहान ने बताया कि सभी संरक्षित क्षेत्र के संचालक, उप संचालक और सामान्य वनमंडल के अधिकारियों को दिन और रात में गश्ती करने के निर्देश दिए हैं। उनसे कहा गया है कि साप्ताहिक बाजार, खानाबदोश, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड सहित खाली पड़े भवनों में ठहरे लोगों का सत्यापन करें।

इसमें पुलिस की मदद भी लें। कोई संदिग्ध पाया जाता है, तो उससे पूछताछ भी करें। उन्होंने मुखबिर तंत्र को मजबूत करने और मुखबिरों से मिलने वाली सूचना वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने को भी कहा है। साथ ही एसटीएसएफ को भी सक्रिय रहने को कहा है। वह अपने मुखबिरों के माध्यम से संदिग्धों का पता लगाएगी।