ग्वालियर : सरकारी अस्पतालों का बिगड़ा ढर्रा ..!
सरकारी अस्पतालों का बिगड़ा ढर्रा, डाक्टर तो कहीं दवा नहीं ..?
सरकारी अस्पतालों का ढर्रा बदल नहीं रहा है। जिला अस्पताल से लेकर डिस्पेंसरी में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल हैं।
ग्वालियर : सरकारी अस्पतालों का ढर्रा बदल नहीं रहा है। जिला अस्पताल से लेकर डिस्पेंसरी में स्वास्थ्य सुविधाएं बेहाल हैं। प्रसूतिगृह में स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर वसूली नहीं थम रही। बिरला नगर प्रसूतिगृह में अल्ट्रासाउंड की जांच के लिए 15 दिन की वेटिंग चल रही है। थाटीपुर डिस्पेंसरी में प्रसव नहीं हो पा रहे हैं, लेकिन इन परेशानियों पर जिम्मेदार चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं। इधर जिला अस्पताल में निर्माण व बरसात के कारण बुरे हाल हैं। जिला अस्पताल: जिला अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल पहली बारिश में ही खुल गई। अस्पताल में निर्माण कार्य से वार्डों में सीलन आ चुकी है। इसके कारण मरीजों के बेड गैलरी में डाले गए हैं। साफ-सफाई ठीक से नहीं होने से गंदगी पसरी हुई थी। परिसर में भी कुछ स्थानों पर जलभराव देखा गया। अस्पताल में उमस और गर्मी के कारण गैलरी में लेटकर उपचार लेने वाले मरीज बेहाल थे।
केस-1 समय: दोपहर एक बजे स्थान: थाटीपुर डिस्पेंसरी क्या मिला: थाटीपुर डिस्पेंसरी डाक्टर मौजूद न होने से मरीजों को वापस लौटना पड़ा। दोपहर एक बजे अस्पताल में डा़ प्रदीप शर्मा मौजूद थे, जबकि स्त्री एवं प्रसूतिरोग विशेषज्ञ डा़ स्वेच्छा मिश्रा अवकाश पर बताई गईं। एनआरसी के स्टाफ का कहना था डा़ सचिन श्रीवास्तव सीएमएचओ कार्यालय गए हैं। हालांकि डा़ सचिन ने बताया तबीयत खराब होने से उन्होंने अवकाश ले लिया था।
केस-2 समय: दोपहर 1:30 बजे स्थान:बिरला नगर प्रसूतिगृह क्या मिला: बिरला नगर प्रसूतिगृह में ओपीडी ठीक चल रही थी, लेकिन परेशानी अल्ट्रासाउंड कराने पहुंचने वाले मरीजों के साथ थी। अल्ट्रासाउंड के लिए 15 दिन की वेटिंग चल रही थी। हर दिन एक स्त्री एवं प्रसूतिरोग विशेषज्ञ डाक्टर की ड्यूटी अल्ट्रासाउंड के लिए लगाई जाती है। इससे प्रतिदिन 20 से 25 मरीजों का ही अल्ट्रासाउंड कर पाते हैं। भर्ती मरीजों ने बताया जांच व दवाएं अस्पताल से मिल रही हैं।
दोपहर 3 बजे स्थान: मुरार प्रसूतिगृह क्या मिला: प्रसूतिगृह में साफ सफाई का अभाव था। निर्माण कार्य चलने से गंदगी पसरी दिखी। जिन कक्ष में प्रसूताएं भर्ती थी वहां अटेंडेंटों की काफी अधिक भीड़ थी। डा़ प्रज्ञा ने एक गर्भवती महिला और उसके स्वजन को बताया जांच में प्लेटलेट कम हैं। इसलिए यहां प्रसव कराने से जोखिम हो सकता है। आइसीयू की सुविधा भी ठीक नहीं है। बेहतर होगा यदि आप केआरएच जाएं।
वीडियो वायरल
मुरार प्रसूतिगृह का एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें गुर्री गांव का रहने वाला रुस्तम सिंह बता रहा है कि पत्नी की डिलेवरी हुई है। अस्पताल की स्टाफ नर्सेस ने उससे 4200 रुपये ले लिए। एक हजार रुपये डाक्टर को देने के नाम पर आशा कार्यकर्ता ने लिए। प्रसूतिगृह का यह पहला वीडियो नहीं है, जब इस तरह के आरोप लगाए गए हों। इससे पहले भी कई वीडियो बहुप्रसारित हो चुके हैं, लेकिन प्रबंधन स्टाफ की मनमानी पर रोक नहीं लगा पा रहा है।
अल्ट्रासाउंड की वेंटिंग न रहे इसके लिए निजी संस्था से अनुबंध किया जा रहा है। इससे मरीज तत्काल जांच करा सकेंगे। यह व्यवस्था सभी अस्पतालों में की जा रही है। प्रसूतिगृह का जो वीडियो बहुप्रसारित हो रहा उसकी जांच की जाएगी और कार्रवाई भी होगी। जहां पर भी अव्यवस्थाएं हैं, जल्द सुधारा जाएगा।
डा़ आरके राजौरिया, सीएमएचओ, ग्वालियर