भिण्ड : भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारी की कर दी पदस्थापना ..!

जांच पूरी हुए बिना ही पंचायत प्रकोष्ठ मे किया पदस्थ …

भिण्ड.वर्ष 2022 में लहार के पंचायत समन्वय अधिकारी एम राजन द्वारा किया गया भ्रष्टाचार विभागीय सर्वे रिपोर्ट में खुल जाने पर कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने एम राजन को जांच पूरी होने तक 19 दिसंबर 2022 को जनपद पंचायत भिण्ड में अनुलग्न रहने का आदेश है। जिला पंचायत सीईओ और कलेक्टर को अंधेरे में रख पंचायत समन्वय अधिकारी ने अन्य अधिकारियों से सांठगांठ कर अपनी पदस्थापना पंचायत प्रकोष्ठ में करा ली है।

6 माह में भी नहीं हुई जांच

पंचायत समन्वय अधिकारी एम राजन के खिलाफ छह माह बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है। जांच आगे ही नहीं बढ़ाई गई बल्कि जांच दल की ओर से दबाने का प्रयास प्रतीत हो रहा है।

कलेक्टर ने दिए थे जांच के आदेश

इस तरह सामने आया था मामला

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत की गई तीन सदस्यीय जांच समिति की रिपोर्ट में जिन 18 अपात्र लोगों के नाम धनराशि भुगतान की गई उनमें से जांच समिति ने 12 हितग्राहियों के मकान पूर्व से ही पक्के बने हुए पाए। वहीं दो हितग्राहियों को पूर्व में लाभ दिया जाना पाया। जबकि चार अन्य कारणों से अपात्र पाए गए।

पीएम आवास आवंटन में भ्रष्टाचार के संबंध में एम राजन 18 जून 2022 के नोटिस का जवाब संतोषजनक नहीं दे पाए। लिहाजा कलेक्टर ने उनके खिलाफ विभागीय जांच संचालित रहने तक जनपद पंचायत भिण्ड में अनुलग्न रहने का आदेश जारी किया था। लेकिन वर्तमान में फिर से उन्हें पंचायत में पदस्थ कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिना आवास निर्माण के ही अपात्र 18 हितग्राहियों के नाम धनराशि भुगतान किए जाने के मामले में आरोपी लहार जनपद के पंचायत समन्वय अधिकारी को जांच रिपोर्ट आने से पहले ही पंचायत प्रकोष्ठ में पदस्थ कर दिया गया है।

नेता प्रतिपक्ष ने उठाया था मामला

विधानसभा सत्र के दौरान बीते दिनों नेता प्रतिपक्ष एवं लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने पीएम आवास वितरण में किए गए भ्रष्टाचार को लेकर सवाल पूछा है। उन्होंने पूछा कि भ्रष्टाचार मामले की जांच का क्या निष्कर्ष निकला। किस पर और क्या कार्रवाई की गई। यदि नहीं की गई तो क्यों। पंचायत एवं ग्रामी विकास विभाग को यह जवाब 10 जुलाई तक देना है।

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