पवार परिवार में फूट क्यों पड़ी ..?

पवार परिवार में फूट क्यों पड़ी : अंदर की बात
महाराष्ट्र में एनसीपी में आई दरार की पटकथा पहले ही लिखी जा चुकी थी। आखिर पवार परिवार में फूट क्यों पड़ी? जानिए इनसाइड स्टोरी-

महाराष्ट्र में जो हुआ उसमें अंदर की एक-दो बातें आपके साथ शेयर कर  सकता हूं। दो महीने पहले अजीत पवार ने शरद पवार को बताया था कि एनसीपी के ज्यादातर विधायक महाराष्ट्र की बीजेपी शिवसेना सरकार में शामिल होना चाहते हैं। शरद पवार ने स्वीकार किया कि ज्यादातर लोग यही चाहते हैं, पर शरद पवार की व्यक्तिगत आपत्ति थी। वो बीजेपी के साथ नहीं जाना चाहते थे, तो कई बैठकों के बाद ये तय हुआ कि पवार साहब NCP का अध्यक्ष पद छोड़ेंगे, उनकी जगह सुप्रिया सुले को अध्य़क्ष बनाया जाएगा। महाराष्ट्र और केन्द्र में NCP सरकार में शामिल हो जाएगी। अजीत पवार उपमुख्यमंत्री बनेंगे और केन्द्र में जो एक मंत्री पद NCP को मिलेगा, वो भी सुप्रिया सुले को दिया जाएगा। महाराष्ट्र की राजनीति अजीत पवार चलाएंगे, ये सारी बातचीत पक्की हो गई और इसी प्लान के तहत शरद पवार ने इस्तीफा दिया, लेकिन दो दिन बाद शरद पवार पलट गए। फिर से पार्टी की कमान अपने हाथ मे ले ली और  अजीत पवार को गच्चा दे दिया। इसके बाद अजीत पवार ने प्रफुल्ल पटेल से बात की। दोनों ने तय किय़ा इस ढुलमुल नीति को ज्यादा दिन बर्दाश्त नहीं करेंगे। इन दोनों ने पार्टी के पांच छह वरिष्ठ नेताओं से बात की। उन्होंने आगे विधायकों से चर्चा की, और फैसला किया कि पवार साहब तैयार हों या न हों, NCP को सरकार में शामिल होना चाहिए। ये बात अमित शाह तक पहुंचाई गई और इसके बाद अमित शाह ने पता लगाया कि सचमुच 40 विधायक अजीत पवार के साथ हैं या नहीं, और जैसे ही इस बात की पुष्टि हुई, रविवार को खेल हो गया।

इस बार अजीत पावर ने उनसे साफ कह दिया कि आपने अपनी पारी खेल ली, आप एक बार भी NCP की सरकार अपने दम पर नहीं बना पाए, केजरीवाल जैसे नए-नए नेता ने दो-दो राज्यों में सरकारें बना लीं. अगर आपके बस का नहीं, तो अब हमें खेलने दो। उनको ये भी समझाया गया कि 83 साल की उम्र हो चुकी, स्वास्थ्य उनका साथ नहीं देता, अब उन्हें थोड़ा आराम करना चाहिए, लेकिन पवार आराम से बैठने को तैयार नहीं है। अजीत पवार की बगावत के बाद वो फिर मैदान में उतर गए हैं। अब वो पूरे महाराष्ट्र में घूमेंगे। उन्हें इसमें मजा भी आता है, पर प्रफुल्ल पटेल और अजीत पवार शरद पवार की नस-नस से वाकिफ हैं, उनकी हर चाल को पहचानते हैं, उन्हें कैसे काउंटर करना है, इसे भी समझते हैं। इसलिए महाराष्ट्र में अगले कुछ महीनों में जबरदस्त राजनीतिक युद्ध देखने को मिलेगा, ये पक्का है।

 

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