ग्वालियर : करोडों खर्च फिर भी हॉकर्स जोन में नहीं पहुंचे हाथ ठेले ..!

6 साल में बदले चार आयुक्त, करोडों खर्च फिर भी हॉकर्स जोन में नहीं पहुंचे हाथ ठेले

नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों की सडक़ों को ठेला मुक्त बनाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन निगम की यह मुहिम राजनीतिक, जनप्रतिनिधि, छुटपूट नेताओं के दबाव…

ग्वालियर. नगर निगम द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रों की सडक़ों को ठेला मुक्त बनाने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन निगम की यह मुहिम राजनीतिक, जनप्रतिनिधि, छुटपूट नेताओं के दबाव के चलते पूरी नहीं हो पा रही है। बीते छह साल में निगम में चार आयुक्त आए और गए लेकिन आज तक शहर की सडक़ों से हाथठेले को हॉकर्स जोन में शिफ्ट नहीं कर पाए है। जबकि निगम की ओर से इन हॉकर्स जोन पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा चुके है। उसके बाद भी स्थिति ज्यू की त्यू है। यही कारण है कि ङ्क्षशदे की छावनी रोड, फालका बाजार, इंदरगंज से ऊंट पुल रोड, हजीरा क्षेत्र, गोलपहाडिय़ा सहित अन्य क्षेत्रों में सडक़ों पर ठेले लगे हुए नजर आ रहे हैं और इनसे आए दिन जहां जाम लग रहा है। वहीं यह मदाखलत अधिकारियों से मारपीट भी कर रहे है। सड़क पर ठेले लगे होने से शहर के सभी हॉकर्स जोन खाली पड़े हुए है। इससे यह बात साफ होती दिख रही है कि राजनीति,जनप्रतिनिधि व छुटपुट नेताओं के चलते अधिकारी भी इन हाथ ठेले वालों को हॉकर्स जोन में शिफ्ट करना नहीं चाहते है।
सड़क पर खड़े होते हैं ठेले वाले
मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में हजीरा, बिरला नगर, किला गेट, सेवा नगर,जीडीए कार्यालय के पास सहित अन्य स्थानों पर सड़कों पर हाथ ठेले खड़े हुए दिखाई देते है। हालांकि करीब डेढ साल पूर्व हजीरा मंडी से कुछ हाथ ठेले को इंटक मैदान में बने हॉकर्स जोन में शिफ्ट कर दिया गया है। लेकिन छुटपुट नेताओं के चलते यह हाथ ठेले आज भी सडक़ पर धडल्ले से लग रहे हैं।
हॉकर्स जोन खाली, सड़क पर ठेले
निगम ने करोड़ों रुपए खर्च कर एबी रोड गोलपहाडिय़ां पर हॉकर्स जोन तो बना दिया,लेकिन नेताओं व निगम अधिकारियों के चलते आज तक हॉकर्स जोन में कोई भी ठेला नहीं पहुंचा और वह खाली पड़े हुए है। स्थिति यह है कि हॉकर्स जोन के सामने बनी मुख्य सडक़ पर 100 से अधिक ठेले लगने से आए दिन रोड पर मुख्य जाम लगता है।
बाड़ा, हजीरा में छुटपुट नेता बने बाधा
नगर निगम के एक बड़े अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि फुटपातियों व ठेले वालों को सड़क से हटाने के लिए सबसेे बड़ी बाधा राजनीतिक संरक्षण का होना है। महाराज बाड़ा पर छुटपुट व फूटपाथी नेता, ङ्क्षशदे की छावनी,फालका बाजार, कमर्ल स्कूल, इंदरगंज से ऊंट पुल रोड, रॉक्सी, महाराज बाड़ा गोरखी,हजीरा किला गेट,फूलबाग व जीडीए ऑफिस के पास सहित चारों विधानसभा क्षेत्र में अधिकतर ठेले सड़क पर ही लग रहे हैं और इससे आए दिन मारपीट व जाम भी लग रहा है।
शहर में ये है हॉकर्स जोन
नेहरू पार्क के पास कंपू क्रंमाक 01, नेहरू पार्क के पास कंपू क्रंमाक 02, एसएएफ पेट्रोल पम्प के पास (महिला हॉकर्स जोन), गोलपहाडिय़ा नेहरू पेट्रोल पम्प के आगे, पिन्टू पार्क तिराहा, लक्ष्मण तैलया के नीचे रामदास घाटी, इंटक मैदान हजीरा, मछली मंडी के पास गरम सड़क, ङ्क्षसहपुर रोड घासमंडी में हॉकर्स जोन बनाए गए हैं। लेकिन देखरेख न होने के चलते यह अब जर्जर व खंडहर स्थिति में पहुंच गए हैं। वहीं निगम के रिकॉर्ड में करीब 25 हजार हाथठेले दर्ज हैं।
वसूली बंद न हो जाए इसलिए मदाखलत भी नहीं दिखाती रूचि
महाराज बाड़ा सहित शहरभर की सडक़ों पर लगने वाले फूटपाथ व हाथठेलों को शिफ्ट न करने की मुख्य वजह यह भी है की मदाखलत के कर्मचारी इन्हें हर दिन 50,100 व 200 रुपए की वसूली करते हैं। यदि मदाखलत ने सख्ती दिखाते हुए इन्हें हॉकर्स जोन में शिफ्ट कर दिया तो उनकी वसूली खत्म हो जाएगी इसलिए वह इन्हें किसी भी कीमत पर शिफ्ट करना नहीं चाहती है। यही कारण है कि पूर्व में ङ्क्षशदे की छावनी और शुक्रवार को सनातन धर्म मंदिर के पास भी हाथठेलों व मदाखलत अमले में झगड़ा हो गया था।
अधिकारी व 25 कर्मचारी, ग्रामीण विस के दो कर्मचारी भी लगाए
मदाखलत नोडल केशव ङ्क्षसह चौहान, मदाखलत अधिकारी सतेंद्र भदौरिया, शैलेंद्र ङ्क्षसह चौहान,किशोर चौहान, निरीक्षक आजाद खान, सुघर ङ्क्षसह सहित 25 कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है। लेकिन उसके बाद भी सडक़ों पर हाथठेले व फूटपाथ नजर आते हैं। इतना ही नहीं महाराज बाड़े क्षेत्र में तो वसूली के लिए ग्रामीण विधानसभा के दो कर्मचारियों को तैनात करते हुए बाहरी व्यक्ति से वसूली कराई जा रही है।
इनका कहना है
हम यातायात का प्लान बना रहे हैं और शहरभर के हॉकर्स जोन का निरीक्षण भी कर रहे हैं। जल्द ही अभियान चलाकर सडक़ पर खड़े होकर यातायात बाधित करने वाले हाथ ठेलों को हॉकर्स जोन में शिफ्ट किया जाएगा।
आयुक्त नगर निगम

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *