ग्वालियर : अधिकारियों की मनमानी …?

सांसद से अफसरों तक को कागजों में ही आवंटित मिले बंगले…क्योंकि, खाली नहीं हो सके कब्जे …

बंगले-क्वार्टर को लेकर बने नियमों पर अधिकारियों की मनमानी भारी पड़ रही है। ग्वालियर से तबादला होकर जा चुके और अपनी नौकरी से रिटायर हो चुके अधिकारियों ने अब सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं। जिस कारण दूसरे राजनेता व अधिकारियों को आवास नहीं मिल पा रहे।

सबसे अचंभित करने वाला मामला ये है कि 2019 में ग्वालियर के सांसद निर्वाचित हुए विवेक शेजवलकर को अब तक बंगला नहीं मिल पाया है। उन्हें मुरार का बंगला नंबर 22 आवंटित किया हुआ है। लेकिन ये बंगला तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र सिंह गौर के पास है। जो कि खाली ही नहीं हो पा रहा।

ऐसे ही अजाक पुलिस अधीक्षक अरविंद सिंह ठाकुर को गांधी रोड स्थित बंगला ई-12 भी खाली नहीं हो पा रहा। ये बंगला तत्कालीन एडीम टीएन सिंह के पास में है। लोक निर्माण विभाग ने जिला प्रशासन को इन बंगलों की लिस्ट भेजकर कहा है कि बंगलों को खाली कराया जाए। इस मामले पर राजस्व मंडल अध्यक्ष द्वारा भी नाराजगी जाहिर की जा चुकी है।

बेदखली के आदेश वाले आवास शीघ्र कराएंगे खाली

नगरीय निकाय एवं पंचायत चुनाव के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है। जल्द ही संबंधित अधिकारी द्वारा वे सभी बंगले एवं क्वार्टर खाली करा दिए जाएंगे। जिनसे बेदखली के आदेश हो गए हैं या फिर जो अधिकारी-कर्मचारी दूसरे स्थान पर तबादले व रिटायर्ड होने के बाद भी यहां रह रहे हैं।
– कौशलेंद्र विक्रम सिंह, कलेक्टर

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