एनजीटी ने दिया आदेश …? ग्वालियर-अंचल के अस्पतालों में पलंगों की गिनती करे प्रदूषण बोर्ड
ग्वालियर सहित पांच जिलोें में संचालित अस्पतालों में पलंगों की वास्तविक संख्या जानने के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मप्र प्रदूषण बोर्ड को आदेश दिया है। इसके मुताबिक क्षेत्रीय कार्यालय ग्वालियर को ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर के अस्पतालों में जाकर एक-एक पलंग की गिनती करना होगी।
एनजीटी ने प्रदूषण बोर्ड को गिनती के बाद नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। दरअसल, एनजीटी में आवेदन पेश किया गया, जिसमें बताया गया कि ग्वालियर अंचल में बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन नियम का पालन नहीं किया जा रहा। आरोप की गंभीरता को देखते हुए एनजीटी ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी, जिसने आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसमें चौकाने वाली जानकारी सामने आई।
कमेटी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2016 से 2020 के बीच ग्वालियर अंचल में 342.5 ग्राम बायोमेडिकल वेस्ट निकला। ये आंकड़ा देश व प्रदेश के औसत आंकड़े से भी ज्यादा रहा। इसी के आधार पर एनजीटी ने अब नए सिरे से पलंगों की गिनती करने का आदेश दिया है।
एनजीटी ने ये सुझाव भी दिए
1. मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बिना अनुमति संचालित संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करे।
2. मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण करने वाली निजी एजेंसी को ऐसी स्वास्थ्य संस्थाओं की सूची दे, जो बिना अनुमति संचालित हो रही हैं।
3. निजी एजेंसी बिना अनुमति संचालित संस्थाओं से बायोमेडिकल वेस्ट उठाएं और उनसे बिल वसूलें। इसकी जानकारी सीएमएचओ व मप्र प्रदूषण बोर्ड को भी दें।
4. भविष्य की जरूरत को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर अंचल में बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारित करने के लिए और भी नई संस्थाओं की जरूरत है।