ग्वालियर : कोर्ट ने शहर की हालत को लेकर क्या कहा ..!
सड़कों में हर जगह गड्ढे, न सीवर सिस्टम न ट्रैफिक अच्छा, लोगों के टैक्स के पैसे का क्या रहे
हाईकोर्ट की युगल पीठ ने शहर की सफाई व्यवस्था पर फटकार लगाते हुए कहा कि शहर की सडक़ों गड्ढों में तब्दील कर दिया है। न शहर का ट्रैफिक ठीक हैं और न सीवर सिस्टम। शुक्र ग्वालियर में दो दिन लगातार बारिश नहीं हो रही है। यदि होती है तो इन गड्ढों में दुर्घटनाएं बढ़ जाएंगी। नगर निगम टैक्स वसूलती है, लेकिन लोगों को सुविधाएं नहीं देती है। आम आदमी के पैसे का क्या कर रहे हैं। जब चुनाव होते हैं तो वादा करते हैं कि हम ये सुविधाएं देंगे, फिर क्यों नहीं दी जा रही हैं। लैंडफिल साइट पर कूड़े का पहाड़ लगा दिया है। जब कुछ बोलो जवाब मिलता है कि कंपनी तलाश रहे हैं। कंपनियां काम करने के लिए ग्वालियर में क्यों नहीं हैं, क्या कारण है। इंदौर से कुछ सीखिए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि 17 जुलाई तक बताएं कि कूड़े के पहाड़ को हटाने की क्या कार्य योजना है। शहर की सफाई एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। हाईकोर्ट ने शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार लाने के लिए एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी में वरिष्ठ वकीलों को रखा था। यह कमेटी सर्फाई के लिए जो निर्देश देगी, उसका नगर निगम को पालन करना होगा। वरिष्ठ अधिवक्ताओं की ओर से बताया गया कि डोर टू डोर गाडिय़ां आ रही हैं, लेकिन लैंडफिल साइट पर कचरे का ढेर लगा दिया है। इसके निस्तारण की योजना नहीं दिख रही है। इसको लेकर न्यायालय ने नाराजगी जताई।
● शहर का ड्रेनेज सिस्टम ठीक नहीं है। न सीवर सिस्टम ठीक है। सडक़ों पर पानी भर जाता है।
● नगर निगम अपनी कहानियां न सुनाए। शहर की सफाई पर काम करके दिखाए।
● जो काम इंदौर में हो सकता है, वह ग्वालियर में क्यों नहीं।
● शहर से कचरा इकट्ठा करके बाहर पहाड़ लगा दिया है। बारिश में यह बहकर शहर की ओर आ गया तो क्या करेंगे।
● न शहर में ठीक से सड़कें बन रही है।
शहर के लिए क्या कर रहे हैं। वादा करके चुनाव जीतते हैं
क्या है मामला
दरअसल उमेश कुमार बोहरे ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि शहर में जगह-जगह कचरा फैला पड़ा है, लेकिन नगर निगम की पूरी व्यवस्था फेल है। लैंडफिल साइट पर कचरे का पहाड़ लगा दिया है।