पुलिस गलत केस बनाकर आपको फसाये तो क्या करना चाहिये ..!

पुलिस गलत केस बनाकर आपको फसाये तो क्या करना चाहिये
पुलिस गलत केस बनाकर आपको फसाये तो क्या करना चाहिये 
पुलिस गलत केस बनाकर आपको फसाये तो क्या करना चाहिये

नमस्कार दोस्तों इस पोस्ट में मैं आपको बताऊंगी कि अगर पुलिस आप के खिलाफ झूठे सबूत बनाती है । झूठे सबूत या डॉक्यूमेंट बनाकर आपको फसाने की कोशिश करती है तो आपको क्या करना चाहिए । उसके खिलाफ कौन-कौन से एक्शन लिया जा सकते हैं । इसके लिए उन पर कौन-कौन सी धाराएं लगेंगी ।(Take Action Against Police)

जानेंगे आईपीसी की धारा 220 आईपीसी की धारा 167 आईपीसी की धारा 218 के बारे में । यह धाराये कहां और कैसे लगाई जाती है । जब कोई सरकारी अफसर आपके खिलाफ झूठे दस्तावेज बनाकर आपको फसाने की कोशिश करता है ।

आईपीसी की धारा 220 के अंतर्गत क्या अपराध होता है ।

अपराध:- प्राधिकार वाले व्यक्ति द्वारा जो यह जानता है कि वह विधि के प्रतिकूल कार्य कर रहा है, विचारण के लिए य परिरोध करने के लिए सुपुर्दगी ।

एक्सप्लेनेशन:- यदि किसी व्यक्ति का कानूनी रूप से अधिकार अभियुक्त को अपने हिरासत में रखना अथवा उन्हें विचारणीय ट्रायल के लिए पेशी पर पेश करना है । यदि ऐसा अधिकारी कानून का जानबूझकर उल्लंघन करके किसी व्यक्ति को गलत रूप से हिरासत में रखता है, या पेशी कराता है ।

इसमें 7 साल की सजा या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं । यह संज्ञेय और जमानती अपराध है ।

इस तरह के अपराध में जमानत थाने से ही हो जाती है । इस अपराध के अंतर्गत किसी आरोपी को वारंट दिखाकर ही गिरफ्तार किया जा सकता है, और उस आरोपी की जो पेशी होती है प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट के सामने होती है ।

जब कोई कानून का रखवाला यानी की पुलिस वाला अगर किसी व्यक्ति को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में रखता है । अपने कानूनी अधिकार का गलत फायदा उठाता है, और उस व्यक्ति के खिलाफ झूठी एफ आई आर दर्ज करता है ।

भारत में कानूनी अधिकारों का इस्तेमाल करके झूठे दस्तावेज तैयार करवाता है, ताकि किसी को गलत तरीके से फंसाया जा सके, उसे सजा दिलवाई जा सके । तो ऐसे अधिकारी पर धारा 220 लगाई जाती है ।

कानून लोगों की रक्षा करने के लिए बनाया जाता है, और जो कानून की रक्षा करने के लिए अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं, अगर वो इन चीजों का गलत इस्तेमाल करके शरीफ जनता को फसाने की कोशिश करते हैं, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाया जा सकता है ।

जानिये ऐसे मे क्या करना चाहिये

अगर छानबीन में पता चल जाता है कि पब्लिक सर्वेंट होते हुए किसी व्यक्ति ने अपनी औधे का गलत इस्तेमाल किया है, तो ऐसे व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 220 के हिसाब से कार्यवाही की जाती है ।

यदि  जिस व्यक्ति को फंसाया गया है उसका मुकदमा यानी की केस कोर्ट में शुरू हो जाता है तो ऐसे व्यक्ति को जिस ने फसाया है उसे 7 साल तक की सजा और जुर्माना दोनों लगाया जाएगा ।

जब भी आपको यह पता चले कि आप को गलत तरीके से फंसाया गया है । आप उसके खिलाफ झूठे दस्तावेज तैयार किए गए हैं, और इसमें पुलिस ऑफिसर का ही हाथ है । यानी की पुलिस ऑफिसर को यह मालूम है, कि आप निर्दोष है फिर भी वह कानून का गलत इस्तेमाल करते हुए अपने पद का गलत इस्तेमाल करता है ।

आप के खिलाफ झूठी एफ आई आर दर्ज करता है । तो ऐसे में आपको मजिस्ट्रेट के कोर्ट में शिकायत करनी होगी यह शिकायत सीआरपीसी के सेक्शन 156 के सब क्लास 3 के अंतर्गत आएगी । इसके अलावा आप कोर्ट में कंप्लेंट केस भी दर्ज करवा सकते हैं ।

इसके अलावा आईपीसी की धारा 167 और आईपीसी की धारा 218 भी कुछ ऐसे ही दंड के लिए लगाई जाती है ।

आईपीसी की धारा 167 में क्या अपराध होता है

अपराध:- लोक सेवक जो क्षति कार्य करने के आशय से अशुद्ध दस्तावेज यानी कि नकली दस्तावेज रचना या तैयार करवाना ।

एक्सप्लेनेशन:- किसी सरकारी अधिकारी द्वारा किसी को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से नकली दस्तावेज तैयार करना । यह भी एक संगीय और जमानती अपराध है । इसमें 3 साल की सजा और जुर्माना दोनों का प्रोविजन है ।

इस अपराध में जमानत थाने से ही हो जाती है, और पुलिस को आरोपी को बिना वारंट दिखाइए गिरफ्तार करने का अधिकार होता है । और इस आरोप के अपराधी का केस प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चलता है ।

आईपीसी की धारा 218 में क्या अपराध होता है

अपराध :- किसी व्यक्ति को दंड से या किसी संपत्ति को समपहरण से बचाने के आशय से लोक सेवक द्वारा अशुद्ध अभिलेख या फिर नकली रचना करना ।

एक्सप्लेनेशन :- किसी व्यक्ति को दंड से य अपराधी की संपत्ति को बचाने के उद्देश्य से लोक सेवक द्वारा झूठा रिकॉर्ड या लेख तैयार करना । यह एक संज्ञीय और जमानती अपराध होता है ।

इसकी सजा 3 साल और कैद और जुर्माना दोनों हो सकते हैं । इस धारा में जमानत थाने से ही हो जाती हैं । पुलिस आरोपी को बिना वारंट ही गिरफ्तार कर सकती है  ।और ऐसे अपराधों का केस प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट सुनता है ।

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Hello दोस्तों कैसे हैं आप सब मैं उम्मीद करता हूँ की सब अच्छे ही होंगे, दोस्तों आज के इस लेख के माध्यम से आप जानेंगे की अगर कोई पुलिस कर्मी फिर चाहे वह थाना प्रभारी हो, या दरोगा हो या मामूली पुलिस कर्मी हो या जो कोई भी हो, अगर वह पुलिस वाला आपको किसी झूठे Case में फसाता हैं या फसाने का प्रयत्न करता हैं, या फिर आपको झूठे Case में फसा दूंगा, ऐसी कोई धमकी देता हैं तो आप ऐसे में क्या कर सकते है, जिससे की पुलिस की हवा टाइट हो जाए.
क्योकि अगर देखा जाये तो हर किसी व्यक्ति को जीवन में एक न एक दिन पुलिस थाने के चक्कर काटने ही होते हैं, और जिसमे हमें यह भी देखने को मिलता हैं की कुछ भ्रष्ट पुलिस वाले आपका दुश्मन बन जाते है या फिर आपके किसी दुश्मन से पैसा लेकर मिलीभगत करके आपको धमकाते और डराते हैं या झूठे केस में फ़साने की धमकी भी देते हैं.
इस तरह के कई मामले हमें आय दिन देखने को मिलते ही रहते हैं और ये हाल किसी एक जिले के पुलिस का नही होता हैं बल्कि भारत भर में जितने भी जिले हैं व जितने भी राज्य व प्रखंड हैं सभी जगह आपको ऐसे ही कुछ भ्रष्ट पुलिस वाले मिल जायेंगे गरीबो और बेसहारो से रिश्वत की मांग करते हैं.
जिसके बाद अगर वह व्यक्ति उस पुलिस वाले को पैसे यानि रिश्वत नही दे पता हैं तो वह पुलिस वाला उसे धमकता हैं और रिश्वत न देने पर झूठे केस में फ़साने की धमकी देता है न्य फसा देता हैं. और यही एकमात्र कारन हैं की आज के समय में भी लोगबाग पुलिस से सीधे बात करने में हिचकते हैं और असहाय महसूस करते हैं.
तो अब सवाल यह आता हैं की अगर कोई पुलिस कर्मी रिश्वतकी मांग करता हैं या अपने ही किसी दुश्मन के मिलीभगत से किसी को झूठे केस में फ़साने का प्रयत्न करता हैं तो क्या ऐसे में इसके लिए कानून में कोई नियम व प्रावधान हैं, अगर हैं तो हम कैसे अपना बचाव कर सकते हैं. और सबसे जरुरी बात की अगर कोई पुलिस कर्मी इस तरीके से किसी को केस में फ़साने का प्रयत्न करता हैं तो उसके लिए कानून में सजा का क्या प्रावधान हैं.
तो दोस्तों सबसे पहली बात तो यह हैं की अगर आपने कुछ गलत नही किया हैं तो ऐसे में आपको बिलकुल भी डरने व घबराने की जरुरत नही हैं,अगर आपके साथ ऐसी स्थाठी कभी भी बनती हैं तो यहाँ पर आप कानून का इस्तमाल कीजिये न की किसी और चीज का,
कई लोग ऐसे भी होते हैं की जब उन्हें पुलिस झूठे केस में फ़साने को कहकर के बोलती है तो ऐसे में वह गुस्से में आकर किसी पुलिस कर्मी में हाथ उठा देना हैं या कालर पकड़ लेना या फिर मारपीट करने लगना, अगर आप ऐसे किसी पुलिस कर्मी के साथ करेंगे जो की आपको पहले से ही किसी आरोप में फ़साना चाहता हैं.
तो ऐसे में आप खुद ही कानून का उलंघन कर बैठेएंगे इसलिए यहाँ पर आपको क़ानूनी लड़ाई लड़नी हैं और दिमाग से काम लेना हैं क्योकि हमारे भारतीय कानून में इसका भी प्रावधान हैं, लेकिन बहुत से लोगो को इसकी जानकारी नही होती हैं जिसके कारण उन्हें जेल की हवा खानी पड़ती हैं.
तो आई सर्वप्रथम हम यह जानते हैं की इस तरह के कृत्य करने वाले पुलिस कर्मी के खिलाफ कानून में उसे सजा दिलवाने का क्या प्रावधान हैं और अगर आपके साथ कभी भी ऐसा होता हैं तो आप इसमें अपना बचाव कैसे कर सकते  हैं और कानून कहाँ तक आपके साथ हैं, तो आइये जानते हैं.
अगर कोई पुलिस कर्मी किसी से गलत त्ररिके से पेश आता हैं यानि अगर वह किसी को झूठे केस में फ़साने की धमकी देता हैं तो ऐसे में आपको केवल और केवल उस पुलिस कर्मी को क़ानूनी मार देनी हैं यानि कागज की मार देनी हैं, क्योकि कागज की मार असरदार होती हैं, जिससे की उस पुलिस कर्मी की नोकरी भी जाएगी.
दोस्तों जब कभी आपके साथ कोई पुलिस कर्मी फिर चाहे वह दरोगा हो या थाने का मुन्सी हो, अगर आपको वह झूठे केस में फ़साने की धमकी देता हैं तो आपको एक पात्र लिखा करके उस पात्र को उस जिले के SP को देना हैं, अगर आप एक पात्र लिखते हैं जिसमे आप उस जिले छेत्र के किसी फलने पुलिस थाने के फलाने पुलिस कर्मी के नाम लिखते हैं और उसने जो जो आपको धमकी दी हैं या आपको झूठे केस में फसा देने की धमकी दे हैं.
तो ऐसे में आपको एक पात्र में पूरी बात लिखकर उस छेत्र के SP को दे देनी हैं, लेकिन दोस्तों यह तरीका काफी लोगो को पता होता हैं शायद आपको भी यह तरीका पहले से ही मालूम हो,  और आप भी कहेंगे की भला इसमें खास बात क्या हैं लेकिन अब जो हम आपको बताने वाले हैं अगर आप इस नियम व कानून को अपनाते हैं उस पुलिस कर्मी के खिलाफ जिसने आपको टार्चर किया हैं तो ऐसे में उसकी वर्दी भी उतर सकती हैं.
मित्रो जब कभी कोई पुलिस किसी निर्दोष व्यक्ति को किसी ऐसे मामले में फसा देता हैं जिसकी सजा यानि उम्रकैद 10 वर्ष से भी अधिक हो या 10 वर्ष ही हो तो ऐसे में उस पुलिस वाले ने IPC की धारा 388 का अपराध किया हुआ हैं.अब आपके मन में एक प्रश्न आ रहा होगा की अगर उस पुलिस वाले ने IPC की धारा 388 का इतना बड़ा अपराध किया हैं तो भला कोई आम व्यक्ति उसके खिलाफ कैसे और कहाँ केस फाइल करेगा.
अगर आपके मन में भी ऐसी ही प्रश्न हैं और आपको यह नही पता हैं की मैं किस तरह से कोर्ट के अन्दर यह साबित करू की उस पुलिस ने मुझे फलाने किसी झूठे केस में फसाया हैं, अर्थात IPC की धारा 388 का अपराध किया हुआ हैं.तो जब कभी किसी व्यक्ति को कोर्ट में यह साबित करना होता हैं की उसके ऊपर जो भी आरोप लगे हैं वे सभी आरोप झूठे हैं.
तो ऐसे में उस व्यक्ति को किसी वकील की सहायता लेनी होगी, क्योकि एक वकील ही हैं जो आपको न्याय दिलाने में आपको मदद कर सकता हैं, जब किसी व्यक्ति पर झूठे आरोप लगते हैं तो ऐसे में वह सारा मामला अपने वकील को बताता हैं.
फिर वकील सारी बातो को समझ करके और परख करके आपकी बेघुनाही को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगा वो भी पुरे साक्ष्य के साथ, अगर आप चाहे तो उस भ्रष्ट पुलिस कर्मी के खिलाफ FIR भी दर्ज करवा सकते हैं, अगर आपको उस पुलिस वाले के खिलाफ  FIR दर्ज करना हैं जिसने आपके दुश्मन की मदद से या आपके दुश्मन के कहने पर या किसी भी कारण से आपके ऊपर झूठे केस लगाये हैं,
तो ऐसे में आपको फ़ौरन उसी समय उस पुलिस कर्मी के खिलाफ FIR दर्ज करवा देना चाहिए, इस बीच अगर आपको जेल में बंद किया गया था तो आपको जेल से बाहर आते ही तुरंत एक वकील की सहायता से FIR दर्ज करना हैं,
अब सवाल यह भी आता हैं की अगर हम FIR पुलिस थाने में करने जाये तो यह पूरी पूरी संभावनाय हैं की उस पुलिस थाने में आपका FIR नही लिया जायेगा, क्योकि पुलिस पुलिस भाई भाई, लेकिन ऐसे में आपको घबराना नही हैं क्योकि जरुरी नही हैं की FIR पुलिस थाने में ही जा करके हो.
अगर पुलिस थाने में आपकी FIR नही दर्ज होती हैं तो ऐसे में आपके पास यह अधिकार हैं की आप सीधे अपने जिला के कोर्ट में जाकर उस भ्रष्ट पुलिस कर्मी के खिलाफ FIR दर्ज करवा सकते हैं, लेकिन अगर आपको वह पुलिस कर्मी अभी किसी झूठे केस में फसाया नही हैं लेकिन धमकी दे रहा हैं.
क्योकि फ़साना और धमकी देना ये दोनों चीजे अलग अलग होती हैं, अगर आपको कोई पुलिस कर्मी झूठे केस में फसा दिया हैं तो ऐसे में एक वकील की सहायता से कोर्ट में उस पुलिस कर्मी के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे, लेकिन अगर आपको कोई पुलिस कर्मी केवल धमकी दे रहा हैं तो आइये अब हम जानते हैं की या करना हैं.
दोस्तों अगर कोई पुलिस कर्मी आपको झूठे केस में फ़साने की धमकी दे रहा हैं आपको अभी फसाया नही हैं तो ऐसा करना भी कानून के नज़र में अपराध हैं और बाकायदा IPC की धारा 389 में भी इसका प्रावधान हैं, इसलिए आपको यहाँ पर भी डरने की कोई जरुरत नही हैं क्योकि कानून आपके साथ हैं.
अगर आपको पुलिस कर्मी किसी झूठे केस में फसा दिया है तो IPC की धारा 388 में इसका प्रावधान हैं लेकिन अगकर वह पुलिस कर्मी केवल केवल धमकी दे रहा हैं तो ऐसे में IPC की धारा 389 में भी इसका प्रावधान हैं, इसके आलावा अगर कोई पुलिस कर्मी किसी आम नागरिक को किसी झूठे केस में फ़साने का प्रयत्न कर रहा हैं.
तो इसका मतलब यह हैं की वह अपनी ड्यूटी के विपरीत कार्य कर रहा हैं, यानि उस पुलिस वाले ने कानून व्यवस्था के नियमो को तोड़करइसके विपरीत कार्य किया है तो ऐसे में  IPC की धारा 166 यह प्रावधानित करती हैं की जो कोई पुलिस कर्मी अपने ड्यूटी के विपरीत कार्य करता हैं.
तो ऐसे में उस पुलिस कर्मी को IPC की धारा 166 के तहत दंड देने का प्रावधान हैं, अब दोस्तों जरा गौर कीजिये की जो फ़साने की जो धारा हैं 388 और जो केवल फसा देने की धमकी को लेकर धारा हैं, तो इन दोनों धाराओ में 10 साल की सजा का प्रावधान हैं.
और IPC की धारा 166 और 166A जो की पुलिस के विपरीत कार्य करने के समंध में धारा हैं तो उसमे पुलिस कर्मी धारा 166 में 1 वर्ष की सजा और धारा 166A में 2 वर्ष की सजा होने का प्रावधान हैं, अब एक बात और गौर कीजिये की जो कोई भी पुलिस कर्मी होगा जो आपको फसाया हैं.
या फ़साने की धमकी दे रहा हैं या आपको ऐसा लगता हैं की ये मुझे आज नही तो कल किसी झूठे केस में फसा देगा, तो ऐसे में जाहिर हैं की वह पुलिस वाला आपको किसी झूठे केस में फ़साने के लिए फर्जी सबूतों को अर्थात फर्जी कागजात को तैयार करेगे ही करेगा.
तो ऐसे में अब जो कोई भी पुलिस कर्मी किसी को झूठे केस में फ़साने के लिए फर्जी कागजात बनायेगे या इस्तमाल करेंगे तो ऐसे में IPC की धारा 167 यह प्रावधानित करती हैं की ऐसे किसी पुलिस कर्मी को जो किसी व्यक्ति को किसी झूठे केस में फ़साने के आशय से झूठे दस्तावेज को रचता हैं तो उसे 3 साल तक की सजा हो सकतीं हैं.
अब जब वह पुलिस कर्मी झूठे दस्तावेज रच रहा हैं  यह जानते हुए की जो वह साबुत इक्कठा कर रहा हैं वह साबुत भी पूरा झूठा हैं अब यहाँ पर कानून यह कहती हैं की जो कोई पुलिस कर्मी किसी झूठी साक्ष्य का इस्तमाल करगा यह जाते हुए की यह झूठी साक्ष्य हैं.
तो ऐसे में वह पुलिस कर्मी IPC की धारा 196 के तहत आने वाले अपराधो को कर रहा हैं जिसमे उस पुलिस कर्मी को 7 साल तक की सजा हो सकती हैं, इसके साथ ही उस पुलिस कर्मी को जुर्माने से भी दण्डित किया जायेगा,
तो अगर आपके साथ भी किसी पुलिस वाले ने आपके पडोशी या आपके दुश्मन के साथ मिलकर आपको किसी झूठे केस में फ़साने की साजिश रच रहा हैं तो आप बिलकुल भी डरे नही और पूरी निडरता पूर्वक इस कानून के नियमो का पालन करे.
साथियों मैंने आपको इतना कुछ बताया और आपने भी इतना कुछ जाना और सिखा लेकिन क्या आपने एक बात पर गौर किया हैं की पुलिस वाले के खिलाफ यानि जो पुलिस वाला भ्रष्ट हैं तो अगर उसके खिलाफ पहले से ही इतने कड़े कानून बनाये गए हैं तो फिर फिर अक्सर ऐसा देखने और सुनने को मिलता हैं की
किसी पुलिस वाले ने जबरन बिना किसी अपराध व आरोप के किसी निर्दोष व्यक्ति पर हाथ उठाया इर फिर उसे पुलिस थाने लेजाकर दो से तीन दिनों के लिए बंद रखा, और फिर से टार्चर करके छोड़ दिया गया, दोस्तों आपको क्या लगता हैं की भ्रष्ट पुलिस वाले ऐसा काम किस व्यक्ति के साथ कर सकते हैं.
दोस्तों अगर कोई व्यक्ति जिसे कानून की थोड़ी ही सही जानकारी हैं तो पुलिस वाला उसके साथ कुछ गलत करने से पहले हजारो बार सोचेगा, क्योकि अगर कोई पुलिस कर्मी किसी पर झूठे आरोप लगाकर उसपर झूठे FIR करके उसे जेल भेजना चाहता हैं.
और अगर ऐसे में वह पुलिस कर्मी कोर्ट में पकड़ा जाता हैं की उसने झूठी केस फाइल करके किसी निर्दोष व्यक्ति को फ़साने का प्रयत्न किया हैं या फसा चूका हैं तो ऐसे में उस पुलिस वाले की नोकरी तक जा सकती हैं और साथ ही उसे दसको तक जेल की हवा खानी पड़ेगी.
लेकिन दोस्तों यह सब तभी होगा जब हम जागरूक होंगे, क्योकि कानून भी उसी की मदद करता हैं जिसे कानून की जागरूकता हो, इसलिए किसी ने शायद ठीक ही कहा हैं की कानून की जानकारी आपको पावरफुल बनाती हैं,
निष्कर्ष :-
तो दोस्तों मैं उम्मीद करता हूँ की आपको यह जानकारी मिल गई होगी की अगर कोई पुलिस कर्मी किसी के साथ कुछ गलत करता हैं तो उसे क़ानूनी रूप से कैसे सबक सिखाया जा सकता है, लेकिन दोस्तों सभी पुलिस वाले ऐसे नही होते हैं, क्योकि अगर सभी पुलिस वाले ऐसे ही होते तो फिर आज हमें इतनी आजादी नही होती, अगर आपको यह लेख पसंद आया हो तो आप हमें अपनी प्रतिक्रिया निचे कमेंट बॉक्स में जरुर दे.
इसके साथ ही मैं आपसे यह गुजारिश करूँगा की आप इस लेख को अपने दोस्तों अपने रिश्तेदारों और अपने चाहने वालो को जरुर भेजे ताकि उन्हें भी कानून की जानकारी हो पाए और वे भी इन सभी चीजो से पूर्ण रूप से जागरूक हो पाए, अगर आप के मन में कोई प्रश्न हैं तो आप हमें निचे Comment Box के जरिये पूछ सकते हैं.

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