‘चीरहरण’ पर देश में उबाल
मणिपुर हिंसा नहीं चली संसद, दोनों सदनों में होता रहा हंगामा …
नई दिल्ली. मणिपुर में दो युवतियों को निर्वस्त्र कर पुरुषों की भीड़ के साथ जुलूस निकालने का दो महीने पुराना वीडियो सामने आने के एक दिन बाद गुरुवार को पूरे देश में जनाक्रोश उबाल पर रहा। दोनों युवतियों की बाद में सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। मानसून सत्र शुरू होने के ठीक पहले वायरल वीडियो का असर संसद से लेकर सड़क तक दिखा।
सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए सरकार को 28 जुलाई तक कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। सीजेआइ ने कहा कि ’यदि सरकार कार्रवाई नहीं करेगी तो हम करेंगे।’ राष्ट्रीय महिला आयोग ने ट्िवटर को वह वीडियो हटाने का निर्देश दिया है। सूत्रों ने बताया कि घटना के एक मुख्य आरोपी हुईराम हेरोदास (32) को गिरफ्तार कर लिया है। मानसून सत्र के लिए संसद पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, ’मैं मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि वह राज्यों में कानून व्यवस्था को मजबूत करें और महिलाओं की रक्षा के लिए कठोर कदम उठाएं। राजनीति से उठकर महिलाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।’
हिंसा में महिलाओं को औजार की तरह इस्तेमाल करने की मानसिकता नई नहीं है। लेकिन, इस मानसिकता को छोड़कर आगे बढ़ने का नाम ही सभ्य होना है। इसीलिए मणिपुर की घटना हमारे सभ्य समाज पर कलंक है। यह घटना परेशान और शर्मसार करने से ज्यादा डराने वाली है। मानवीय व्यवहार का बारीक विश्लेषण करने वाले जानते हैं कि किस तरह हम पहले काल्पनिक शत्रु पैदा करते हैं और बाद में उससे वास्तविक लड़ाई शुरू कर देते हैं। मणिपुर ही नहीं, अलग-अलग समय में देश-दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इसे देखा जा सकता है। फेक न्यूज के जमाने में यह काम और आसान हो गया है। मणिपुर के कोंगपोक्की में 4 मई को हुए डरावने घटनाक्रम का वीडियो बुधवार (19 जुलाई) को वायरल हुआ, जिसमें पुरुषों का हुजूम दो निर्वस्त्र युवतियों का जुलूस निकालते दिख रहा है। सामूहिक बलात्कार के बाद उनकी हत्या कर दी गई। घटना की एफआइआर 18 मई को दर्ज होने के बावजूद 19 जुलाई तक गिरफ्तारी नहीं होना कानून-व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है। जाहिर है, देश उबल रहा है। महिलाओं में तीव्र आक्रोश है। राज्य सरकार की नाकामी और केंद्र सरकार की चुप्पी सवालों के घेरे में है। क्या ऐसी किसी घटना पर कानूनी कार्रवाई जनाक्रोश की तीव्रता को देखकर तय की जाएगी?
इस बीच, एक फैक्ट चेकर ने दावा किया कि दो युवतियों से साथ हुई यह वीभत्स घटना एक फेक वीडियो की प्रतिक्रिया है। घटना से ठीक पहले 3 मई को एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक युवती के क्षत-विक्षत शव को समुदाय विशेष का बताते हुए दूसरे समुदाय पर आरोप लगाए गए थे।
काम रोक तत्काल चर्चा कराएं: विपक्षतय समय पर जवाब देंगे गृहमंत्री: पक्ष
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे तत्काल काम रोककर नियम 267 के तहत चर्चा की मांग की। वहीं केंद्र सरकार नियम 167 के तहत चर्चा कराने की बात करती रही। भाजपा के सांसदों ने पश्चिम बंगाल की हिंसा पर भी चर्चा की मांग की। ऐसे में दोनों पक्षों के सांसद आमने होकर नारेबाजी करते रहे। लोकसभा में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि हम दोनों सदनों में मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार हैं। गृह मंत्री विस्तार से चर्चा का जवाब देंगे। स्पीकर को चर्चा की तारीख तय करने दीजिए।
राज्यसभा में खरगे ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, महिलाओं से बलात्कार हो रहे हैं, निर्वस्त्र घुमाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 4 जुलाई तक 142 लोगों की हत्या हो चुकी है, 17 लोग लापता है। 54 हजार से अधिक इधर-उधर हो गए हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि बीएसी की बैठक और सदन में विपक्ष का रवैया देखकर स्पष्ट हो जाता है कि वो मन बनाकर आए थे कि सदन को नहीं चलने देंगे। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि हम मणिपुर की घटनाओं पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं, उसके बावजूद कांग्रेस और विपक्षी दलों ने सदन की कार्यवाही को बाधित किया।