कांग्रेस के लिए जीत की गारंटी क्या बन रही प्रियंका गांधी?

MP: कांग्रेस के लिए जीत की गारंटी क्या बन रही प्रियंका गांधी? हैट्रिक के लिए मिला कड़ा टास्क

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी पूरे दम-खम के साथ जुट गई हैं. शुक्रवार को उन्होंने पार्टी के पूर्व नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर में रैली की और शिवराज सिंह चौहान सरकार पर जमकर हमला बोला.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की सियासी सरगर्मियां तेजी से बढ़ती जा रही है. कांग्रेस सत्ता में वापसी के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. कांग्रेस ने सत्ता में आने पर फ्री बिजली, किसानों की कर्जमाफी और पुरानी पेंशन जैसे पांच वादों को पूरा करने की गारंटी दी है. हिमाचल और कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिलाने में अहम रोल अदा करने वाली पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के कंधों पर मध्य प्रदेश की चुनावी जिम्मेदारी मिली है, लेकिन उन्हें जीत की हैट्रिक लगाने के लिए इस बार कड़ा टास्क सौंपा गया है.

हालांकि, प्रियंका गांधी ने ग्वालियर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि सिंधिया की अचानक विचारधारा बदल गई है. सिंधिया और पीएम मोदी पर बोलने के लिए तो बहुत कुछ बोल सकती हूं, लेकिन उनके अपेक्षा में महंगाई और लोगों से जुड़े हुए मुद्दों पर ही बोलना चाहती हूं. इसके बाद प्रियंका ने कांग्रेस के द्वारा किए गए वादों की गारंटी पर बोलते हुए राजनीतिक एजेंडा सेट करती नजर आईं. जबलपुर में प्रियंका गांधी ने महिलाओं के लिए प्रतिमाह 1500 रुपये देने की घोषणा की थी तो ग्वालियर में कांग्रेस को पांचों गारंटी का जिक्र करती हुई नजर आईं.

प्रियंका ने कहा कि ग्वालियर-चंबल के लोग बीजेपी जाने वाली और कांग्रेस आने वाली है. मामाजी की भ्रष्ट सरकार बदलने वाली है. इसके साथ ही प्रियंका बोली कि लोगों के लिए हम कुछ गारंटी लेकर आए हैं. हमारी सरकार जिन राज्यों में हैं, वहां हमने वादे निभाए हैं. इस तरह प्रियंका ने छत्तीसगढ़ सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि हमने किसानों के कर्जमाफ किए हैं और पुरानी पेंशन भी बहाल किया है. कांग्रेस की जहां-जहां सरकारें हैं, वहां-वहां पेंशन स्कीम लागू है. ऐसे में मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस आती है तो पुरानी पेंशन को लागू किया जाएगा. 500 रुपये में गैस सिलेंडर मिलेंगे और बहनों को 1500 रुपये दिए जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने दिव्यांगो को पेंशन को भी बढ़ाने की गारंटी दी.

गारंटी क्या चुनाव जीत की गारंटी बनेगा?

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सत्ता में आने पर वादों को पूरा करने की गारंटी दे दी है, लेकिन क्या चुनावी जीत की भी गारंटी वो बन पाएंगी. कांग्रेस नेता हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में जीत का श्रेय प्रियंका गांधी को देते हैं. कांग्रेस नेता अनिल यादव कहते हैं कि प्रियंका गांधी ने हिमाचल और कर्नाटक में चुनाव प्रचार के जरिए एक माहौल बनाया था, जो नतीजों में भी तब्दील हुआ था. महिला मतदाताओं से प्रियंका गांधी सीधे कनेक्ट बनाने में भूमिका महत्वपूर्ण रहती है. मध्य प्रदेश में जिस तरह से चुनावी कमान उन्होंने संभाली है, उससे बीजेपी के अंदर की बेचैनी बता रही है कि प्रियंका गांधी यहां भी जीत की गारंटी बनेगी.

वह कहते हैं कि प्रियंका गांधी ने जबलपुर से अपने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी, जो आदिवासी मतदाताओं की दृष्टि से इस क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण था. प्रियंका का ग्वालियर दौरा दलित वोटों को लिहाज से अहम है. प्रियंका गांधी की दलित-आदिवासी वोटर्स के बीच लोकप्रियता है और इसका फायदा मध्य प्रदेश में कांग्रेस को जरूर मिलेगा.ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में कांग्रेस की महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज कराने के लिए और पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रियंका गांधी का दौरा अहम रोल अदा करेगा. ये कांग्रेस की जीत का आधार बनेगा.

मध्य प्रदेश पर ही क्यों है प्रियंका का फोकस

साल के आखिर में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव है, उनमें से राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है. मध्य प्रदेश में ही बीजेपी की सरकार है. इसीलिए प्रियंका ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ के बजाय मध्य प्रदेश पर फोकस कर रही हैं, क्योंकि यहां की जीत का सेहरा उनके सिर बंध सकता है जबकि कांग्रेस शासन वाले राज्य में जीत का श्रेय मुख्यमंत्रियों को जा सकता है. ऐसे में प्रियंका गांधी मध्य प्रदेश पर खास फोकस कर रही हैं और एक के बाद एक दौरे उनके लगे हुए हैं. पहले जबलपुर और अब ग्वालियर के बाद मालवा के रीजन में उनकी तीसरी रैली हो सकती है. प्रियंका गांधी की मध्य प्रदेश में करीब दो दर्जन रैलियां चुनाव से पहले कराने की रणनीति है.

प्रियंका गांधी के जरिए कांग्रेस मध्य प्रदेश के महिला वोटर्स को साधने की कवायद कर रही हैं, जिसे बीजेपी का कोर वोटबैंक माना जाता है. शिवराज सिंह चौहान ने लाडली योजना के जरिए अपनी मजबूत लोकप्रियता बना रखी है, जिसे तोड़ने के लिए कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को उतारा है. इसके अलावा कांग्रेस ने जो लोकलुभावने वादे कर रही है, वो भी महिला से ही सीधे जुड़ी है. महिलाओं के 1500 रुपये पेंशन देने की बात हो या फिर 500 रुपये में गैस सिलेंडर का वादा. ये महिला वोटर को ही साधने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है.

किंगमेकर ग्वालियर-चंबल बेल्ट

मध्य प्रदेश की सत्ता में ग्वालियर और चंबल बेल्ट अहम रोल अदा करता रहा है. मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से 34 सीटें इन्हीं दोनों रीजन में आती हैं. ग्वालियर में 21 और चंबल में 13 सीटें आती हैं. 2018 के विधानसभा चुनाव में दोनों रीजन की 34 सीटों में से कांग्रेस 26 सीटें और बीजेपी 7 जबकि बसपा एक सीट जीतने में सफल रही थी. कांग्रेस के जीते 26 विधायक कांग्रेस की सत्ता में वापसी का कारण बने थे तो बाद में कमलनाथ के सत्ता से बेदखल होने की भी वजह ही बने. सिंधिया के साथ उनके समर्थक विधायकों ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी, जिसके चलते कांग्रेस के हाथों से सत्ता खिसक गई थी. कांग्रेस फिर से चंबल-ग्वालियर की सियासी जमीन को उपजाऊ बनाने के लिए प्रियंका गांधी जुटी हैं. देखना है कि प्रियंका गांधी कांग्रेस के वादों की गारंटी से पार्टी की जीत की गारंटी की आधारशिला रख पाएंगी?

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