2025 तक ऐसे कैसे खत्म होगा टीबी ….

2025 तक ऐसे कैसे खत्म होगा टीबी: इनडोर प्रदूषण बढ़ा रहा देश में क्षयरोग, शोध में हैरान करने वाले परिणाम आए
देश से 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है

घर के अंदर का प्रदूषण खतरनाक साबित हो रहा है। इससे क्षयरोग (टीबी) के मामले बढ़ रहे हैं। खासकर ऐसे लोगों में जिन्हें पहले से लंग्स से जुड़ी बीमारी है। विशेषज्ञ बताते हैं अस्पताल पहुंच रहे मरीजों पर किए जा रहे शोध के परिणाम से पता चलता है कि इनडोर प्रदूषण टीबी होने का एक बड़ा कारण है। अभी तक इसे नजरअंदाज किया गया है। देश से 2025 तक टीबी को खत्म करने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में घरों में होने वाला प्रदूषण इसमें बड़ी चुनौती खड़ी कर सकती है।

विशेषज्ञ के मुताबिक देश में अभी भी कई घर ऐसे हैं जिनमें अस्वस्थ ईंधन का प्रयोग खाना पकाने के लिए किया जा रहा है। उनकी रसोई में वेंटिलेशन भी नहीं होता जो समस्या को और बढ़ा देता है। ऐसे घरों से आने वाले लोगों के लंग्स कमजोर मिलते हैं। ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए मंगलवार को विशेषज्ञों की हुई ऑनलाइन बैठक चेप्टर इंडिया नाम से हुई।
वायु प्रदूषण से टीबी होने का खतरा विषय पर हुई बैठक में आईसीएमआर से जुड़े डॉ. मोहित रूपानी ने कहा कि दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले भारत में छह गुना टीबी के मामले दिख रहे हैं। इसमें घरों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन एक बड़ा कारण है। ऐसे लोगों में रिसर्च में पाया गया कि घरों के अंदर होने वाले प्रदूषण से टीबी हो सकता है। इससे जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं। बाहरी प्रदूषण के मुकाबले घर के अंदर का प्रदूषण लंग्स को ज्यादा प्रभावित करता है। दुनियाभर में इसे लेकर हुए शोध से पता चलता है कि घर के अंदर का वायु प्रदूषण ज्यादा खतरनाक है। वहीं ऐसे में देश से टीबी को पूरी तरह से खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर शोध की जरूरत है।
केंद्र सरकार कर रहा काम
बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए केंद्र सरकार कई स्तर पर काम कर रही है। इसमें पराली को जलाने में कमी लाने, वाहनों को सीएनजी में बदलने सहित अन्य दिशा में काम किया जा रहा है। साथ ही टीबी पंचायत को शुरू किया है। इसमें घरों में स्वस्थ ईंधन के प्रयोग पर बल दिया है। लंग्स के स्वस्थ बनाने पर काम किया जा रहा है।
देश में घट रहे टीबी की मिसिंग केस
देश में टीबी को लेकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान से देश में टीबी के मिसिंग केस घट रहे हैं जिससे टीबी उन्मूलन की दिशा में तेजी से काम किया जा सकेगा। पहले एक लाख में बड़ी संख्या ऐसे मामलों में थी, लेकिन अब आंकड़ा घट रहा है। टीबी को खत्म करने के लिए बड़े स्तर पर प्लान बनाया जा रहा है।
करना होगा अभी और रिसर्च
एम्स के सेंटर फॉर कम्युनिटी मेडिसिन के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि टीबी की रोकथाम के लिए और बड़े स्तर पर काम करने की जरूरत है। साथ ही लोगों में जागरूकता लानी होगी जिससे जल्द यह मामले पकड़े जा सकें।

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