दिल्ली में बिना फायर NOC लिए चल रहे कोचिंग सेंटर होंगे बंद ..!
दिल्ली में बिना फायर NOC लिए चल रहे कोचिंग सेंटर होंगे बंद, HC ने दिल्ली सरकार और MCD को दिया आदेश
पुलिस ने कोर्ट के समक्ष दायर अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली के कुल 583 कोचिंग संस्थानों में से महज 67 के पास दिल्ली फायर डिपार्टमेंट की ज़रुरी NOC है.
पिछले दिनों दिल्ली के मुखर्जीनगर में कोचिंग सेंटर में लगी भीषण आग के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने संज्ञान लिया. वहीं भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिल्ली सरकार और MCD को निर्देश भी दिया. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में अब बिना फायर डिपार्टमेंट की NOC लिए चल रहे कोचिंग सेंटर को बंद कर दिया जाए.
10 अक्टूबर को अगली सुनवाई
बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट मामले में अगली सुनवाई 10 अक्टूबर को करेगी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि दिल्ली मास्टर प्लान, 2021 के प्रावधान, कोचिंग सेंटरों को संचालित करने की अनुमति देते हैं, लेकिन उसमें उल्लिखित शर्तों के अधीन और अग्नि सुरक्षा जरूरी है.
सर्टिफिकेट और बिल्डिंग मंजूरी की जांच का निर्देश
दरअसल, मुखर्जीनगर की घटना के बाद दिल्ली हाई कोर्ट ने अग्निशमन सेवा विभाग को दिल्ली के सभी कोचिंग सेंटरों के फायर सर्टिफिकेट और बिल्डिंग मंजूरी की जांच करने का निर्देश दिया था. पुलिस ने कोर्ट के समक्ष दायर अपनी स्टेटस रिपोर्ट में कहा था कि दिल्ली के कुल 583 कोचिंग संस्थानों में से महज 67 के पास दिल्ली फायर डिपार्टमेंट की ज़रुरी NOC है.
516 संस्थानों के पास कोई प्रमाणपत्र नहीं
दिल्ली पुलिस की स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया था कि मिली रिपोर्टों के मुताबिक, कुल 583 कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, जिनमें से महज 67 संस्थानों के पास ही दिल्ली फायर सर्विस का प्रमाणपत्र है. जबकि 516 संस्थानों के पास कोई प्रमाणपत्र नहीं है.
मुखर्जी नगर की कोचिंग में लगी आग
आपको बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जून के महीने में मुखर्जी नगर में एक कोचिंग संस्थान में आग लगने के बाद शुरू किए गए स्वत: संज्ञान मामले की सुनवाई कर रही थी. आग लगने की घटना के बाद मुखर्जी नगर में IPC की धारा 336 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला कार्य), 337 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से चोट पहुंचाना), 338 (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कार्य से गंभीर चोट पहुंचाना), 120 B (आपराधिक साजिश) और 34 के तहत FIR दर्ज की गई थी.