ताजिया जुलूस के दौरान उपद्रव में 36 नामजद, 4000 अज्ञात के खिलाफ केस

ताजिया जुलूस के दौरान उपद्रव में 36 नामजद, 4000 अज्ञात के खिलाफ केस, एनएसए के तहत कार्रवाई की मांग

वाराणसी के दोषीपुरा इलाके में ताजिया जुलूस के दौरान हुए पथराव और तोड़फोड़ को लेकर शिया समुदाय की ओर से सुन्नी समुदाय के 36 नामजद और 4000 अज्ञात के खिलाफ रविवार को जैतपुरा थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। सीसी कैमरों की फुटेज और वीडियो रिकॉर्डिंग की मदद से सात आरोपियों को चिह्नित करके गिरफ्तार किया गया। आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेजा गया।

प्रकरण में 22 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उनका सत्यापन भी कराया जा रहा है। वहीं, सुन्नी समुदाय की ओर से पुलिस को तहरीर नहीं दी गई है। एहतियातन दोषीपुरा इलाके में पांच थानों की पुलिस, पीएसी और आरएएफ दूसरे दिन भी तैनात की गई है। शिया समुदाय के लोगों ने आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल, ताजिया जुलूस के दौरान शनिवार को दोषीपुरा में उपद्रव हुआ था। पथराव करके पुलिस सहित अन्य की गाड़ियां तोड़ दी गई थीं। उपद्रव में 60 से ज्यादा लोगों को चोटें आई थीं। इस मामले में इंस्पेक्टर सुधीर कुमार सिंह की तहरीर पर जैतपुरा थाने की पुलिस ने शनिवार की रात एक मुकदमा दर्ज किया था। अब शिया समुदाय की तहरीर पर दूसरा मुकदमा दर्ज हुआ है।

पथराव होते ही भागने लगे थे पुलिसकर्मी
दोषीपुरा इलाके में शनिवार के पथराव का दौरान एक वीडियो रविवार को वायरल हुआ। वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी दोषीपुरा इलाके में भीड़ के साथ खड़े थे। इस दौरान कई लोग हाथों में कुर्सियां लेकर हंगामा कर रहे थे। अचानक पथराव शुरू हुआ तो पुलिस कर्मी मौके से भागने लगे। हालांकि, वीडियो की आधिकारिक पुष्टि अमर उजाला नहीं करता है।
दोषीपुरा मैदान में लगे सीसी कैमरे भी क्षतिग्रस्त
दोषीपुरा मैदान में लगे सीसी कैमरे भी उपद्रव के दौरान क्षतिग्रस्त किए गए थे। उनके तार काटे गए। उपद्रवियों की मंशा थी कि पथराव के साक्ष्य पुलिस-प्रशासन को नहीं मिलनी चाहिए। हालांकि, रविवार को पुलिस की मौजूदगी में सभी सीसी कैमरे ठीक कराए गए। नए कैमरे भी लगे। जो तार काटे गए थे, उसे ठीक कराए गए।
पुलिस, पीएसी और आरएएफ ने किया रूटमार्च
दोषीपुरा और उसके आसपास के इलाकों में रविवार को पांच थानों की पुलिस, पीएसी और आरएएफ ने रूट मार्च किया। लोगों से अपील की गई कि किसी भी अफवाह के चक्कर में न आएं और शांति व्यवस्था बनाए रखें। जो कोई भी कानून व्यवस्था को प्रभावित करेगा, वह कड़ी कार्रवाई की जद में आएगा।

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