ग्वालियर.  जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेजों के संचालकों को दस्तावेज जमा करने के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई निकल चुकी है लेकिन अभी तक अंचल भर के 400 से अधिक कॉलेजों में से सिर्फ 65 कॉलेजों ने अपने दस्तावेज विश्वविद्यालय में जमा किए हैं। वही ध्यान देने वाली बात यह है कि इनमें से 28 कॉलेजों के आधार कार्ड और बैंक स्टेटमेंट आए हैं बाकी के कॉलेजों ने लिखित में दस्तावेजों की पुष्टि करके जीवाजी विश्वविद्यालय में जमा करवा दिया है। इस पर डीसी डीसी केशव सिंह गुर्जर का कहना है इस प्रकार के दस्तावेज मान्य नहीं किए जाएंगे, इन कॉलेजों के संचालकों को नोटिस भी जारी किया जा सकता है। इसके अलावा जिन कॉलेजों के दस्तावेज नहीं आए हैं उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही भी की जाएगी।

यहां आपको बता दें कि जब जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड कॉलेजों के निरीक्षण कर उनकी संबद्धता रिन्यू की जा रही थी उस समय कई गड़बड़ियां सामने आई थी। जिस पर कार्यपरिषद सदस्यों ने यह मांग रखी थी के कॉलेजों के संचालक अपने कॉलेज के प्राचार्य और शिक्षण स्टाफ के आधार कार्ड और 3 महीने का बैंक स्टेटमेंट जीवाजी विश्वविद्यालय में जमा करवाएं, लेकिन अंचल के कॉलेजों ने कोई सक्रियता नहीं दिखाई। इसके बाद जीवाजी विश्वविद्यालय ने लगातार उनको तीन से चार बार समय देकर 31 जुलाई की तारीख निर्धारित की, जब उन्हें कागज जमा करने थे। लेकिन वर्तमान में भी 400 में से सिर्फ 65 कॉलेजों ने दस्तावेज जमा किए हैं । उसमें भी कुछ दस्तावेज अमान्य है| माना जा रहा है कि जयू इस पर भी बैठक करके एक बार फिर से दस्तावेज जमा करने की तारीख बढ़ा रहा है।

गौरतलब है कि जीवाजी विश्वविद्यालय में शुरू हुई संबद्धता प्रक्रिया के दौरान कालेजों में शिक्षकों की नियुक्ति पर सवाल खड़े हुए थे। बताया गया था कालेज में कोई भी शिक्षक मौजूद नहीं होता है। जांच टीम के सामने सिर्फ कागजों में नियुक्ति दिखा दी जाती है। कई जगह प्राचार्य की नियुक्ति पर भी प्रश्न चिन्ह लगा था, जिस पर कार्यपरिषद सदस्यों ने बैठक में यह निर्णय लिया था कि प्राचार्य और शिक्षकों के तीन महीने के बैंक स्टेटमेंट जीवाजी विश्वविद्यालय में जमा करने होंगे साथ ही एक प्रति आधार कार्ड की भी जमा होगी।

समय बढ़ा सकता है जेयू

कॉलेजों को दस्तावेज जमा करने के लिएजेयू एक और मौका दे सकता है। जेयू लगभग 3 महीने से लगातार कॉलेज संचालकों पर मेहरबानी करता आ रहा है। इस बार भी संभव है कि कॉलेजों को दस्तावेज जमा करने के लिए एक बार फिर मौका मिल जाए ।