इंजीनियर-कलेक्टर के पास थे बांध में धांधली के सबूत …?

लोगों ने मिट्‌टी की जगह पत्थर डालने वाले VIDEO भी दिए, अफसर बोले- डैम तुम्ही बनवा लो….

धार जिले में 304 करोड़ के जिस बांध का बड़ा हिस्सा बह गया है, उसमें हो रही गड़बड़ियों की खबर अफसरों को पहले से थी। जागरूक लोगों ने इंजीनियर से लेकर कलेक्टर तक को गड़बड़ियों के वीडियो फुटेज उपलब्ध कराए थे। यह भी बताया था कि बांध की दीवार में जहां काली मिट्टी जानी थी, वहां पत्थर डाले जा रहे हैं। इस पर कॉन्ट्रैक्टर प्रेमी इंजीनियरों ने शिकायतकर्ता को जवाब दिया कि यदि आप ज्यादा जानते हैं तो आप ही डैम बनवा लीजिए।  ……. ने उस लोकेश सोलंकी से बात की, जिसकी आवाज इस डैम में हुई गड़बड़ी को लेकर सदैव मुखर रही ह

लोकेश सोलंकी बांध के पास गुजरी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने भास्कर को बताया कि 10 अगस्त 2018 को जबसे बांध के निर्माण का काम शुरू हुआ, तभी से इसमें गड़बड़ियां हो रही हैं। कॉन्ट्रैक्टर मनमर्जी से काम कर रहे थे। हमने अपनी शिकायतों में अफसरों से कह दिया था कि डैम जिस तरह से बन रहा है, उससे इसके धराशायी होने की आशंका है। इसके लिए आप ही जिम्मेदार होंगे। हुआ भी वही, बारिश होने पर मिट्‌टी की पकड़ ढीली हो गई। ज्यादा बारिश होने पर दीवार में रिसाव शुरू हो गया। मिट्‌टी की दीवार में पत्थर ही सबसे बड़ी दिक्क्त बने।

डैम की दीवार ढहने से बांध का पानी बहकर महेश्वर में नर्मदा में मिल गया।

इन्हें सब पता था, लेकिन चुप रहे…

  • एसडीओ एसके सिद्दीकी: 23 सितंबर 2020 को पहली शिकायत इन्हें ही दी गई। कहा गया कि अर्थ वर्क ठीक नहीं हो रहा है। कंक्रीट की गुणवत्ता खराब है।
  • एग्जीक्यूटिव इंजीनियर बीएल निनामा: यही शिकायत निनामा को भी दी गई।
  • अधीक्षण यंत्री पुरुषोत्तम जोशी ​​​​​: शिकायत की कॉपी इन्हें भी दी गई।
  • चीफ इंजीनियर सीएस घटोले: शिकायत करने पर जवाब दिया कि आप ज्यादा जानते हैं तो बांध आप ही बनवा लीजिए।
  • ईएनसी एमएस डाबर: 17 मई 2022 को डाबर के दफ्तर में भी शिकायत दी, लेकिन उन्होंने भी ध्यान नहीं दिया।
  • कलेक्टर डॉ. पंकज जैन: कहीं सुनवाई नहीं हुई तो 21 जून को लोकेश सोलंकी ने धार कलेक्टर को पेन ड्राइव में पूरे वीडियो के साथ शिकायत दी। ये भी बताया कि सीएम हेल्पलाइन में की गई उनकी शिकायत पर भी कोई एक्शन नहीं लिया गया।

सुनवाई नहीं हुई तो भोपाल आकर ईएनसी को शिकायत की

धार और इंदौर में जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने सुनवाई नहीं की तो लोकेश सोलंकी ने भोपाल आकर शिकायत की। उन्हें बताया गया कि प्रमुख अभियंता दफ्तर में नहीं हैं। आखिर ऐसा कैसे संभव है कि प्रमुख अभियंता का पद लंबे समय तक खाली पड़ा रहे।

इंजीनियरों ने नहीं सुनी तो कलेक्टर को सबूत दिए

लोकेश सोलंकी ने बताया, इंजीनियरों ने मेरी शिकायत पर सुनवाई नहीं की तो मैंने CM हेल्पलाइन में शिकायत की। फिर कलेक्टर को पूरे प्रमाण के साथ शिकायत भेजी कि यहां गड़बड़ियां हुई हैं। यदि बांध में दिक्कत हुई तो कौन जिम्मेदार होगा?

दोषी अधिकारी-कॉन्ट्रैक्टर्स पर FIR हो

लोकेश कहते हैं कि मैंने तय कर लिया है कि इनके खिलाफ कोर्ट जाएंगे। भ्रष्टाचार के इस डैम को पूरी तरह जमींदोज कर देना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई दिक्कत न हो। ये लोगों के भरोसे के साथ धोखा है। दोषी अधिकारियों व कॉन्ट्रैक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए। जनता का पैसा पानी में बहाने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जाना चाहिए।

गांववाले बोले- अफसरों की गलती की सजा हम क्यों भुगतें

दैनिक भास्कर ने गांव वालों से बात की तो उन्होंने कहा कि डैम में खामी अफसरों की गलती से हुई है। उसकी सजा गांव वालों को दी जा रही है। इंजीनियरों ने अपना काम ठीक ढंग से क्यों नहीं किया? हमने तो सपने में नहीं सोचा था कि एक दिन हमें अपना घर बार छोड़कर ऐसे जाना पड़ेगा? गृहस्थी का पूरा सामान छोड़कर हम अपने लिए सुरक्षित ठिकाना खोज रहे हैं।

एक दिन पहले ही कमलनाथ ने किया सर्वे

मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने धार पहुंचकर बांध का सर्वे किया था। प्रभावित ग्रामीणों से भी मुलाकात की थी। उन्होंने शिवराज सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था- मैं प्रभावितों से मिला, उनके मकान, जमीन… सबकुछ चौपट हो गया है। यह प्रदेश में भ्रष्टाचार की जो व्यवस्था बनी है, उसका उदाहरण है। मुख्यमंत्री रहते मैंने ई-टेंडर को लेकर कार्रवाई शुरू की थी। शिवराज सरकार में हर ठेके में जब तक सौदा नहीं होता, तब तक कोई काम नहीं होता।

कमलनाथ ने बारिश के बीच ग्रामीणों से चर्चा की थी। इस बुजुर्ग का मकान बाढ़ में बह गया।
कमलनाथ ने बारिश के बीच ग्रामीणों से चर्चा की थी। इस बुजुर्ग का मकान बाढ़ में बह गया।
कारम डैम के पानी में भांडाखो गांव के किसानों की फसल बह गई।
कारम डैम के पानी में भांडाखो गांव के किसानों की फसल बह गई।

नेता प्रतिपक्ष बोले – ब्लैक लिस्टेड कंपनियों से बनवाया बांध
नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि कागजों पर कारम डैम निर्माण का ठेका दिल्ली की एएनएस कंपनी को दिया गया, लेकिन जमीन पर काम सारथी कंस्ट्रक्शन नामक दूसरी कंपनी कर रही थी। सारथी कंस्ट्रक्शन को 2018 में ही ब्लैक लिस्टेड किया जा चुका था। एएनएस कंपनी भी 2016-17 में ब्लैक लिस्टेड की जा चुकी है। ऐसी ब्लैक लिस्टेड कंपनियों को काम किसके इशारे पर दिया गया? नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह और पूर्व मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ ने बुधवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकारवार्ता में ये आरोप सरकार पर लगाए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और मैंने बांध स्थल पर जाकर स्थिति का मुआयना किया। जो तथ्य सामने आए हैं, उनसे पता चलता है कि बांध के निर्माण का काम प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से दो ऐसी कंपनियों को दिया गया, जो पहले ही ब्लैक लिस्टेड हो चुकी थी। नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि प्रदेश में अकेला कारम बांध नहीं है, जो शिवराज सरकार के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है। विदिशा जिले के बागरोद में स्थित दान मणि बांध में भी लीकेज का मामला सामने आया है। शिवपुरी जिले की चंबल माइक्रो इरिगेशन योजना में भी घोटाला सामने आया है।

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