शुद्ध पेयजल के नागरिक हक से वंचित न करें…!
.देश के सबसे स्वच्छ नगर इंदौर के कुछ इलाकों को हैजा और अन्य बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया युक्त पेयजल की सप्लाई से हड़कंप …
बारिश में शहर डूबने के नजारे अब आम हैं। लेकिन, इंदौर में जल जमाव का पानी उतरने के बाद इस कदर दूषित पेयजल घरों तक पहुंचेगा, यह समझ से परे है। बारिश से पहले नई टंकियों और नई सप्लाई लाइन डाले जाने के बढ़-चढ़कर दावे किए गए। फिर क्यों गंदे पानी के जरिए घरों तक बीमारियां पहुंच रही हैं? अलग-अलग क्षेत्रों से लिए गए पानी के सैंपल में यह चौंकाने वाली हकीकत सामने आई है। हैजा और अन्य बीमारियां फैलाने वाले बैक्टीरिया की पुष्टि लोगों को डराने लगी है।
जाहिर है, निकायों के बेढंगे विकास की कीमत जनता को चुकानी पड़ रही है। हद तो ये है कि एक साथ कई मुश्किलों में लोगों को डालने के बावजूद जिम्मेदार बेशर्मी ओढ़े हुए हैं। वाटर प्लस का तमगा पाने वाले इंदौर जैसे शहर में पेयजल सप्लाई का इतना बुरा हाल शर्मनाक है। समझा जा सकता है कि प्रदेश के अन्य शहरों की स्थिति भी इससे अलग नहीं है। इंदौर के दो वार्डों के पानी में हैजा फैलाने वाले बैक्टीरिया मिलने के बाद हड़कंप की स्थिति है। विशेषज्ञों का कहना है कि वहां का पानी पीने योग्य नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने नगर निगम और नर्मदा परियोजना के अधिकारियों को दूषित पानी को लेकर सचेत किया है। निगम से इन कॉलोनियों में पानी की जांच के साथ क्लोरीनीकरण करने और अधिकारियों को क्षेत्र में भेजकर उचित कार्रवाई करने को भी कहा है। स्वास्थ्य विभाग भी तब जागा, जब इन इलाकों में डायरिया और अन्य बैक्टीरियल इंफेक्शन के मरीज लगातार मिलने लगे। तरीका और प्रक्रिया अब भी त्रुटिपूर्ण है, क्योंकि इस दिक्कत का समन्वय बनाकर मुकाबला करने के बजाए जिम्मेदार दोषारोपण का रास्ता अख्तियार किए हुए हैं। शहर में चल रहे अलग-अलग विकास कार्यों के लिए जहां-तहां खोद दिया गया है। ऐसे में कई जगह सप्लाई लाइन क्षतिग्रस्त हुई है। इसके अलावा पुरानी जर्जर लाइनों को समय रहते या तो बदला नहीं जा सका है या लापरवाही के चलते उनके लीकेज की सही मरम्मत नहीं कराई गई। स्मार्ट सिटी और स्वच्छ नगर कहे जाने वाले इंदौर की यह स्थिति बुरी है, जो नागरिक को शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाने के उसके अधिकार से वंचित कर रही है। तंत्र इसके लिए जिम्मेदार है और तंत्र को ही हालात ठीक करने के लिए कमर कसनी होगी।