आपकी अच्छी पैरेंटिंग उनका बचपन संतुलित करती है!
अमेरिका के नॉर्थ कैरोलिना में दस साल की एमा एडवर्ड्स की 11 जुलाई को गंभीर लिम्फोब्लास्टिक ल्यकेमिया से मृत्यु हो गई। एमा के माता-पिता को जून 2023 में पता चला कि उसका कैंसर लाइलाज है और उसके पास कुछ ही दिन हैं। एमा का क्लास में बेस्ट फ्रेंड था डैनियल मार्शल क्रिस्टोफर विलियम्स, जिसे वो प्यार से डीजे कहती थी।
वह माता-पिता से अक्सर कहती कि वो दुल्हन बनना चाहती है, डीजे से शादी करना चाहती है, वो भी स्कूल में। दोनों के माता-पिता एमा की आखिरी इच्छा पूरी करना चाहते थे, पर स्कूल नहीं माना। चूंकि एमा के परिवार के डीजे के घरवालों से अच्छे संबंध थे, ऐसे में दोनों ने तय किया कि वे नकली शादी करवाएंगे।
एक गार्डन में समारोह हुआ, 100 मेहमान आए। इसके ठीक 11 दिन बाद एमा चल बसी। अब एमा की मां का कहना है, ‘भले ही उनकी बेटी साथ नहीं है, पर डीजे हमेशा उनका दामाद रहेगा।’ जब मैंने ये खबर पढ़ी तो समझ नहीं आया क्या कहूंं। बच्ची और उसके माता-पिता एलिना-एरॉन के लिए मुझे बहुत बुरा लगा। पर दिल के किसी कोने में डीजे के माता-पिता की इतनी परिपक्व परवरिश के प्रति सराहना थी, जो नकली शादी पर मान गए।
इससे मेरे मन में एक सवाल कौंधा
बतौर पैरेंट हम कितने अच्छे हैं? इसका मिला-जुला जवाब मिला। कुछ बहुत अच्छे हैं और कुछ ऐसे हैं कि अपने बच्चे का स्क्रीनटाइम भी सीमित नहीं कर पाते। मुझे हर महीने ऐसी सैकड़ों शिकायतें मिलती हैं कि हम माता-पिता आधुनिक दौर की इस समस्या से जूझ रहे हैं, जहां मोबाइल की बढ़ती लत उन्हें सता रही है।
हर घर की शिकायत है कि हाथ में फोन न हो तो बच्चे खाना ही नहीं खाते। अगर फोन छीन लें, तो दुष्परिणाम दिखने लगते हैं और बच्चे सनकी व्यवहार करने लगते हैं। डॉक्टर्स के सामने ढेरों मामले आ रहे हैं, जहां हद से ज्यादा स्क्रीन टाइम उनके भाषा विकास और सामाजिक संपर्क कौशल पर असर डाल रहा है। इसलिए वे सुझाव देते हैं कि स्क्रीन टाइम धीरे-धीरे कम करें, सार्थक बातचीत बढ़ाएं और सेहतमंद विकास के लिए बच्चों को विभिन्न गतिविधियों में शामिल करें।
पर कई माता-पिता जिनसे मैंने बात की, उन्होंने हथियार डाल दिए और चाहते हैं कि सरकार वैसे ही कदम उठाए जैसे पिछले हफ्ते चीन ने किया। कुछ साल पहले चीन ने वीडियो गेम्स पर सख्ती की थी। फिर बच्चों की लाइव स्ट्रीमिंग सीमित कर दी। अब चीन चाहता है कि बच्चे स्मार्टफोन पर कम समय बिताएं।
चीन के इंटरनेट नियामक ने पिछले हफ्ते नियमावली का प्रस्ताव दिया, अगर ये लागू हो जाती है तो स्मार्टफोन, एप और एप स्टोर्स को उत्पादों में ‘माइनर मोड’ बनाना बड़ेगा। इसका उद्देश्य यह प्रतिबंध लगाना है कि बच्चे फोन पर कितना समय बिता सकते हैं और क्या देख या पढ़ सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रस्ताव बच्चों की ऑनलाइन गतिविधियों को एक दायरे में लाने के चीनी सरकार के प्रयासों का विस्तार करेगा। प्रस्ताव के अनुसार माइनर मोड इंटरनेट की लत से बचाने के लिए 8 साल से कम उम्र के बच्चों के एक दिन में इंटरनेट यूज को 40 मिनट कर देगा।
ये समयसीमा उम्र के साथ बढ़ती जाएगी और 16-18 उम्र के बच्चों के लिए रोज दो घंटे की होगी। एप्स को विभिन्न आयु समूहों के लिए सामग्री भी तैयार करनी होगी। हमारे देश में जब तक ये नहीं होता, हम पर दारोमदार है कि बच्चों के सामने जिम्मेदारीपूर्वक स्क्रीन का इस्तेमाल करके और खुद के लिए हेल्दी स्क्रीन टाइम सेट करके नजीर पेश करें।
….. परिपक्व परवरिश का कोई तय नियम नहीं है। पर तथ्य ये है कि हम जो भी रास्ता चुनें- चाहे सख्त हो या भावुक, हमारी अच्छी परवरिश उनको बेहतर बचपन देती है।