भोपाल : एग्रीमेंट कर 5 से 10 लाख रुपए में प्लॉट बेच रहे कॉलोनाइजर, लेकिन एफआईआर किसानों पर

बिना प्लॉनिंग के बसाहट:एग्रीमेंट कर 5 से 10 लाख रुपए में प्लॉट बेच रहे कॉलोनाइजर, लेकिन एफआईआर किसानों पर

जिला प्रशासन और नगर निगम के सर्वे के अलावा भी सैकड़ों कॉलोनियां हैं, जिनका किसी सरकारी कागज पर उल्लेख नहीं है। लेकिन यहां खेती की जमीन पर दो-दो मंजिला मकान खड़े हैं।

भास्कर पड़ताल में सामने आया कि यहां 5 से 10 लाख रु. में खेती की जमीन पर अवैध कॉलोनियों काटकर प्लॉट बेचे जा रहे हैं। गांधी नगर, रातीबढ़, अशोका गार्डन, पिपलानी, अयोध्या नगर, छोला, निशातपुरा, ईंटखेड़ी, चूनाभट्टी इलाके में ये कॉलोनी डेवलप की जा रही हैं। ज्यादातर कॉलोनियों के मालिक किसान हैं। उनका आरोप है कि जमीन बिल्डर को बेची थी।

अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया में एफआईआर जमीन मालिक पर होती है। ज्यादातर मामलों में कॉलोनी काटने वाले जमीन मालिक से एग्रीमेंट कर लेते हैं। रुपए वापस करने की समय सीमा तय कर लेते हैं। ऐसे में प्लॉटिंग के बाद रजिस्ट्री जमीन मालिक यानी किसान से कराते हैं। हालांकि कुछ मामलों में कॉलोनियां काटने वालों पर भी एफआईआर हुई है।

एकता कॉलोनी : अस्थाई बिजली कनेक्शन

नगर निगम के जोन नंबर-17 स्थित साईं धाम एकता कॉलोनी में कई मकान एक कतार में डेवलप हो रहे हैं। यहां सीवेज लाइन, ड्रेनेज और पेयजल लाइन तक नहीं। बिजली कनेक्शन अस्थाई मिलता है। कॉलोनीवालों का कहना है कि अशलम खां व अन्य ने प्लॉट काटकर कॉलोनी बसाई थी। तब सारी सुविधाओं का दावा किया।

असमल खां ने कहा- मैंने सारी सुविधाएं दी थीं। कुछ कॉलोनी में रहवासियों पर बकाया है, पर वे दे नहीं रहे। बैरसिया में कॉलोनी बने सालों हो गए।

बैरसिया रोड : 10 साल में तेजी से बढ़ी बसाहट

बैरसिया रोड पर बसाहट 10 साल में तेजी से बढ़ी है। जगह-जगह अवैध कॉलोनियों में प्लॉट खरीदने के लिए बोर्ड लगे हैं। मेन रोड के दोनों तरफ कॉलोनी काटने वालों ने दफ्तर बनाए हैं। पक्की सड़कें तक नहीं हैं। जमीन मालिक अभिषेक मालवीय ने जोन-17 के शारदा नगर के पास अवैध कॉलोनी 5 एकड़ में काटकर प्लॉट बेचे।

अभिषेक मालवीय ने कहा- मैंने जमीन पारे को बेच दी थी। उसी ने प्लॉटिंग की होगी। रही बात जमीन कितनी व कब बेची है। ये जानकारी क्यों दूं?

सीधी बात

 कमिश्नर, नगर निगम

खसरे में जिसका नाम हो, मामला उसी पर दर्ज होता है

ज्यादातर मामले किसान यानी जमीन मालिक पर दर्ज हैं। प्लॉट काटने वालों को क्यों छोड़ रहे?
– सर्वे में देखते हैं कि जमीन मालिक कौन है। खसरे में उसका नाम दर्ज होता है। मौके पर लोग उसी का नाम बताते हैं। रही बात उस जमीन पर प्लॉट काटकर बेचने वाले की तो मेरी जानकारी में ऐसे मामले अभी नहीं आए हैं।

बिना आपकी जानकारी के क्या टीम एफआईआर करा सकती है?
– नोटिस जारी करना सामान्य प्रक्रिया है। मेरे आने के बाद कोई एफआईआर नहीं हुई है। आगे जो होंगी, उसमें सभी पक्ष देखेंगे।

पहले दर्ज केस का क्या होगा?
– जिन पर एफआईआर पहले हो चुकी हैं। उसमें बदलाव कैसे हो सकता है। आगे ध्यान रखेंगे।

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