ग्वालियर प्रोजेक्ट अटका स्टेशन के प्रोजेक्ट में हाउसिंग बोर्ड का अड़ंगा 9 महीने में टीएंडसीपी को जवाब तक नहीं दिया

रेलवे स्टेशन के सौंदर्यीकरण एवं विस्तार का प्रोजेक्ट हाउसिंग बोर्ड के कारण अटक गया है। प्रोजेक्ट के पहले चरण के लिए स्टेशन बजरिया की 76 दुकानों को हटाया जाना है। इसके लिए टाउन एंड कंट्री प्लानिंग (टीएंडसीपी) के संयुक्त संचालक वीके शर्मा ने दिसबंर 2020 में हाउसिंग बोर्ड के उपायुक्त एसके सुमन को पत्र भेजा था, जिसमें स्पष्ट किया गया कि स्टेशन बजरिया में डाकघर से बस स्टैंड तिराहे तक की 76 दुकानें बिना अनुमति लिए बनाई गई हैं। ये सभी दुकानें रोड बाइडिंग क्षेत्र में बनी हैं, इन दुकानों को 30 दिन में हटाया जाए। लेकिन हाउसिंग बोर्ड उपायुक्त ने 9 महीने बीतने के बाद भी न तो दुकानें हटाई हैं, न हाउसिंग बोर्ड को पत्र का जवाब दिया हैै।

स्टेशन बजरिया में डाकघर से बस स्टैंड तिराहे तक की जमीन पर टीनशेड में दुकानें लगा करती थीं। फिर हाउसिंग बोर्ड ने इस पूरी जमीन पर दुकानें बनाईं और उन्हें 1976 में बेच दिया। इस पूरी मार्केट में खान-पान की दुकानें संचालित हैं, लेकिन इसके लिए हाउसिंग बोर्ड ने कोई सक्षम अनुमति नहीं ली और रोड बाइडिंग की जगह पर निर्माण कर दिया। अब इस सड़क व स्टेशन परिसर का चौड़ीकरण होने के लिए इन निर्माणों को हटाना जरूरी हो गया है। यह निर्माण और विकास मप्र ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 36 का उल्लंघन है। रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास की प्लानिंग के अनुसार 1 नंबर प्लेटफार्म गेट के बाहर का पूरा व्यू बजरिया की रोड से दिखना चाहिए।

उपायुक्त बोले- मुझे याद नहीं
इस मामले में जब हाउसिंग बोर्ड उपायुक्त एसके सुमन से पूछा गया तो वे बात टालते हुए बोले- मुझे इस मामले में कुछ याद नहीं है। मैं बाद में बताऊंगा।

बोर्ड ने जवाब नहीं दिया है
स्टेशन बजरिया से दुकानें हटाए जाने के लिए हाउसिंग बोर्ड को पत्र भेजा गया था। पहले उन्होंने हमसे कार्रवाई एवं जवाब के लिए समय मांगा था, लेकिन न कोई कार्रवाई की गई है न कोई जवाब दिया है।
– वीके शर्मा, संयुक्त संचालक/ टीएंडसीपी

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