क्या होता है सीपीआर? कैसे ये हार्ट के मरीजों की बचा सकता है !

क्या होता है सीपीआर? कैसे ये हार्ट के मरीजों की बचा सकता है …..

AIIMS: देश G-20 सम्मेलन के लिए तैयार है. इस समिट में दुनिया के कई देशों से लोग भारत आएंगे. किसी भी इमरजेंसी से निपटने के लिए अस्पतालों को भी तैयार रहने को कहा गया है. इसके तहत नई दिल्ली स्थित एम्स के डॉक्टरों ने मेडिकल अफसरों को सीपीआर का प्रशिक्षण दिया है. इसके जरिए कार्डियक अरेस्ट के मरीजों की जान बचाई जा सकती है.

देश में G-20 सम्मेलन होने वाला है. इसमें विदेशों से लोग भारत आएंगे. कई संगठनों के प्रतिनिधि में समिट में शामिल होंगे. इस समिट में किसी दुर्घटना की आशंका से बचने के लिए अस्पतालों को भी तैयार रहने को कहा गया है. इसके लिए डॉक्टरों और मेडिकल स्टॉफ की ट्रेनिंग भी कराई जा रही है. समिट के लिए नई दिल्ली स्थित एम्स को भी जिम्मेदारी दी गई है. अस्पताल के डॉक्टरों को किसी भी आपदा की स्थिती का सामना करने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. इसी कड़ी में एम्स में बुधवार को राजधानी दिल्ली के मेडिकल कॉलेजों के अफसरों के लिए एक ट्रेनिंग सेशन आयोजित किया . इसमें एसईटी फैसिलिटी के जरिए एम्स के डॉक्टरों ने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) के बारे में बताया.

हालांकि अधिकतर लोगों को सीपीआर के बारे में पता नहीं है. कई लोग किसी व्यक्ति के बेहोश होने पर उसके मुंह पर पानी का छिड़काव करने लगते हैं, लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए. अगर कोई व्यक्ति अचानक बेहोश हुआ है और उसकी धड़कन थम रही है तो तुरंत सीपीआर ही देना चाहिए.आइए डॉक्टरों से इसके बारे में डिटेल में जानते हैं.

अगर किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट आता है. यानी, व्यक्ति अचानक बेहोश होकर गिरने लगता है और उसकी नब्ज जाने लगती है तो इस स्थिति में सीपीआर दिया जाना चाहिए. सीपीआर के लिए व्यक्ति को उस स्थान पर ही लिटाकर उसकी चेस्ट को पंप किया जाता है. चेस्ट को हाथ की हथेली से पुश किया जाता है. एक मिनट में 100 से अधिक बार पूश करना होता है. इस प्रक्रिया में हाथों की हथेली से चेस्ट के बीच के हिस्से पर दवाब दिया जाता है. इस दौरान आसपास भीड़ नहीं होनी चाहिए. सीपीआर देने के बाद मरीज को खुली जगह बिठाना चाहिए.

कार्डियक अरेस्ट के मरीज की बच जाती है जान

सीपीआर से यह फायदा होता है कि शरीर के अंगों में ब्लड की सप्लाई फिर से शुरू हो जाती है. इससे मरीज की जान बच सकती है. अगर कार्डियर अरेस्ट के मरीज को समय पर सीपीआर दे दी जाए तो इससे उसकी जान बच सकती है. अस्पताल पहुंचने तक मरीज की फिर से रिकवर हो जाता है.

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