कमलेश तिवारी की PM रिपोर्ट से खुलासा, पहले गोली मारी, रेता गला फिर चाकू से किए 15 वार
लखनऊ: कमलेश तिवारी हत्याकांड के मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट (postmortem report) से खुलासा किया है कि मृतक को पहले गोली मारी गई और उसके बाद धारदार हथियार से सीने पर 7 बार वार किए गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आरोपियों ने कमलेश की गर्दन पर चाकू के वार से किए हैं. आरोपियों ने धारदार हथियार से करीब 15 वार किए हैं.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, गर्दन पर 12 सेंटीमीटर लंबा और 3 सेंटीमीटर गहरा घाव हुआ है. रिपोर्ट में कमलेश की मौत का कारण गला रेतना भी बना है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनके सीने के बाईं तरफ चाकू के सात वार का जिक्र किया है. इसके साथ ही तिवारी के शव के परीक्षण के दौरान दो जगह चाकू से रेते जाने के निशान मिलने हैं. इनमें से एक निशान उनकी गर्दन को रेतने का है.
वारदात के बाद से फरार चल रहे मुख्य आरोपी शेख अशफाक हुसैन और मोइनुद्दीन पठान को गुजरात एटीएस ने मंगलवार को राजस्थान-गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार किया है. डीआईजी एटीएस गुजरात हिमांशु शुक्ला के निर्देशन में एसपी बीपी रोजिया, एसीपी बीएस चावड़ा और अन्य अधिकारियों ने कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाया. वहीं, लखनऊ पुलिस आरोपियों को पकड़ने के लिए अहमदाबाद पहुंच चुकी है.
एटीएस ने कहा कि दोनों उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से नेपाल पहुंचे और वहां से राजस्थान होते हुए गुजरात में जा रहे थे. एटीएस अधिकारियों के मुताबिक शेख मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के रूप में काम करता है, जबकि पठान फूड डिलिवरी ब्यॉय का काम करता है.
हत्या की वजह के बारे में एटीएस ने कहा कि शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपियों ने अखिलेश तिवारी के आपत्तिजनक बयान से बौखलाकर हत्या को अंजाम दिया है. इससे पहले हत्या की साजिश रचने वाले गुजरात के सूरत निवासी रशीद अहमद पठान उर्फ राशिद, मौलाना मोहसिन शेख व फैजान यूनुस को मंगलवार को लखनऊ की अदालत में पेश किया गया.
लखनऊ पुलिस तीनों आरोपियों को ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आई है. पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने बताया कि तीनों साजिशकर्ताओं को कड़ी सुरक्षा में एक गोपनीय स्थान पर रखा गया है. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी को सौंपी गई है.