भोपाल । मास्टर प्लान 2031 में आनलाइन सुनवाई और सुझाव का दौर जारी है। गुरुवार को 98 आपत्तियों में सुनवाई हुई, इस दौरान 70 से अधिक आपत्तिकर्ता शामिल हुए। इनमें भोपाल सिटीजन फोरम ने बाघभ्रमण क्षेत्र में प्रस्तावित सड़क पर रोक लगाने और रामसर साइटमें वेटलेंड नियमों का पालन नहीं होने पर आपत्ति जताई। वहीं हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा मास्टर प्लान 2031 को शहर के लाखों रहवासियों के साथ धोखा बताया है। साथ ही इसे अमलीजामा पहनाने वाले अधिकारियों पर एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है।
लगता है, आंख मूंदकर बना दिया प्लान
इसके प्रस्तावों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए शर्मा ने कहा कि प्रस्तावित मास्टर प्लान बिना भौतिक सत्यापन और शहर की परिस्थितियों को समझे बिना ही आंख बंद करके बना दिया गया है। 60–70 वर्षों से लेकर 100 साल तक पुराने गांव हैं जो कि अब नगर निगम सीमा में है उनकी भूमि कृषि थी। उनकी भूमि को ग्रीन बेल्ट और केचमेंट में डाल दिया गया है, जिसके कारण वह अपनी भूमि पर खेती से संबंधित भी कोई उपक्रम या डेयरी आदि भी संचालित नहीं कर पाएंगे। ऐसे में उनके बेटा बेटी कहां जाएंगे। इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया है। ऐसे किसानों के परिवार का जीवन-यापन कैसे होगा। मास्टर प्लान इंसानो के लिए होता है, लेकिन प्रस्तावित प्लान से इंसानों को बेघर किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने जिन कालोनियों को वैध किया, मास्टर प्लान में वो कैंचमेंट बताई
शर्मा ने बताया कि कलेक्टर के आदेश से जिन बस्तियां को पुनः बसाया गया है, उसे भी कैचमेंट में डाल दिया गया है। नीलबड़ की 45 कालोनियों सहित रातीबड़, नीलबड़ एवं अन्य क्षेत्रों में सैकड़ो अवैध कालोनियों को मुख्यमंत्री ने वैध घोषित किया है। लेकिन प्रस्तावित मास्टर प्लान में इस एरिया को कैचमेंट में डालकर लोगों को बेघर करने का काम किया जा रहा है।
बिना देखे मास्टर प्लान बनाने वाले की जांच हो
विधायक शर्मा ने आपत्तियों पर जनसुनवाई के दौरान मांग की है कि जिसने भी भोपाल का मास्टर प्लान बिना देखे आंख बंद करके चंद लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाया है, उसकी जांच होना चाहिए। उस पर एफआइआर होना चाहिए और उसे नौकरी से टर्मिनेट करना चाहिए। शर्मा ने आरोप लगाया कि यह मास्टर प्लान बिना भौतिक सत्यापन किए चंद बड़े लोगों को फायदा देने के लिए बनाया गया है।
पहले लोकल प्लान बनें, फिर लागू हो मास्टर प्लान
भोपाल सिटीजन फोरम की ओर से वर्षा नावलेकर ने बताया कि एफएआर बढ़ाने से बुनियादी ढांचे पर भार बढ़ेगा। इसके लिए बताया गया है कि मास्टर प्लान बनने के बाद जोनल प्लान बनाया जाएगा। लेकिन हमारा मानना है कि पहले जोनल प्लान आना चाहिए, जिससे पता चल सके कि उस क्षेत्र के बुनियादी ढांचे में कितना लोड आएगा। उसी हिसाग से मास्टर प्लान लागू किया जाए। वहीं राशिद नूर खान ने जंगल से लगी हुई राजस्व भूमि को वनभूमि घोषित करने का सुझाव दिया है।
क्रेडाई ने दर्ज कराई मास्टर प्लान पर आपत्तियां
मास्टर प्लान को लेकर क्रेडाई भोपाल की कार्यकारिणी समिति के प्रतिनिधि मंडल ने गुरुवार को कलेक्टर आशीष सिंह से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रियल एस्टेट वयवसाय के सरलीकरण के लिए विस्तार से चर्चा की और मास्टर प्लान के संबंध में एफआर बढ़ाने सहित अन्य आपत्तियां दर्ज कराईं।प्रतिनिधि मंडल में नितिन अग्रवाल, समीर सभरवाल, राजकुमार खिलवानी, संजय बुलचंदानी, शिवनव प्रधान, रौनक संहिता सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे।