कहीं जोशीमठ न बन जाए हिमाचल ?

कहीं जोशीमठ न बन जाए हिमाचल, 17 हजार जगहों पर लैंडस्लाइड का खतरा
इसी साल जनवरी महीने में उत्तराखंड के जोशीमठ में घरों, सडकों और होटलों में आई दरारों से लोगों को बेघर होना पड़ा था. अभी तक लोग शरणार्थी बनकर राहत कैपों में रह रहे हैं. जोशमीठ में भी अवैध तरीके से हो रहे कंट्रक्शन को इसके लिए जिम्मेदार बताया गया था.

Himachal Pradesh Disaster: कहीं जोशीमठ न बन जाए हिमाचल, 17 हजार जगहों पर लैंडस्लाइड का खतरा

हिमाचल प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा.
जोशीमठ जैसा खतरा क्या अब हिमाचल प्रदेश में भी मंडरा रहा है? ये सवाल इसीलिए उठ रहा है, क्योंकि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि हिमाचल प्रदेश में 17 हजार जगह ऐसी हैं, जहां लैंडस्लाइड का खतरा मंडरा रहा है और इसमें से 1,357 जगह तो शिमला में ही मौजूद है. बारिश में मिट्टी लगातार फूल रही है, जिसके चलते सड़क और मकान धंसने का खतरा बना हुआ है.

राज्य सरकार ने भी जमीन धंसने वाले क्षेत्रों की पहचान करके वहां पर आपदा प्रबंधन क्षमता और चेतावनी देने की व्यवस्था को बेहतर करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही वहां से लोगों को बाहर निकालने का काम किया है, लेकिन अभी भी ऐसे बहुत से इलाके हैं, जहां बड़ा खतरा मंडरा रहा है.

शिव मंदिर भी लैंडस्लाइड की चपेट में आया

हाल ही में शिमला के कृष्णानगर इलाके में खतरनाक लैंडस्लाइड हुआ था. यहां एक पेड़ एक इमारत पर गिर गया. इसके बाद इमारत ढह गई थी. इसी तरह समर हिल इलाके में सोमवार को शिव मंदिर लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया था. यहां अभी भी रेस्क्यू जारी है. कई शव निकाले जा चुके हैं, जबकि अभी भी शवों की तलाश जारी है.

लैंडस्लाइड के बाद जो पहाड़ आम लोगों पर टूटा है, उसने न जाने कितने परिवारों पर सांसें रोक देने वाला मलबा गिरा दिया, इसका कोई अंदाजा भी नहीं लगा सकता. 4 दिन से कुछ लोग टनों मिट्टी के मलबे में दंबे मंदिर के भीतर से अपनों के बाहर आने की एक टूट चुकी आस लेकर खड़े हैं.

शिमला में नई बिल्डिंग बनाना खुद विनाश को न्योता देना

शिमला के मुख्य इलाके सर्कुलर रोड के कई इलाके, दो सिंकिंग जोन में रिज, ग्रैंड होटल, लक्कड़ बाजार, सेंट्रल स्कूल, ऑकलैंड नर्सरी स्कूल, धोबीघाट, कृष्णानगर, कोमली बैंक और होटल क्लार्क्स के आसपास के इलाके शामिल हैं, जहां पर कोई नई बिल्डिंग बनाना खुद विनाश को न्योता देना है. खुद प्रशासन इन जगहों को खतरनाक इलाकों में घोषित कर चुका है.

New Project

शिमला में 25 हजार लोगों के रहने की जगह, रह रहे ढाई लाख

25,000 की आबादी के लिए बने शिमला शहर में अब 2.3 लाख लोगों के रहने का अनुमान है. इमारतों को बनाने के लिए 70 डिग्री तक की ढलानों पर अनुमति दी गई है, लेकिन लोग तरह-तरह के कंस्ट्रक्शन कर खुद की मौत को दावत दे रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *