इल्मा की विधायक से टकराव की वजह…
इल्मा की विधायक से टकराव की वजह…
विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काटे
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इल्मा ने 7 जनवरी 2024 को हिमाचल के बद्दी जिले में SP का कार्यभार संभाला। अगस्त 2024 में उनका दून के विधायक रामकुमार चौधरी से टकराव शुरू हुआ। इल्मा ने अवैध खनन के आरोप में विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान काट दिए।
इससे विधायक नाराज हो गए। उन्होंने SP पर विधानसभा सत्र के दौरान गंभीर आरोप लगाए। वहीं, SP को विधानसभा के प्रिविलेज मोशन से विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिलाया था।
15 अगस्त के कार्यक्रम में नहीं पहुंची SP
इसके बाद 15 अगस्त के कार्यक्रम में SP इल्मा अफरोज नहीं पहुंची थीं। इससे भी विधायक खासे नाराज हुए। इसके बाद जब प्रदेश के उद्योग मंत्री SP ऑफिस का दौरा करने गए तो विधायक उनके साथ नहीं गए। विधायक की पत्नी की गाड़ियों के चालान के बाद सरकार SP को ट्रांसफर करने की तैयारी में थी, लेकिन नालागढ़ के यौन शोषण के केस में हाईकोर्ट ने इल्मा को इसकी जांच की जिम्मेदारी सौंपी है। हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट देने तक तबादले पर रोक लगा रखी है। इस मामले में 30 नवंबर को कोर्ट में सुनवाई होनी है। इसलिए उनको लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया।
मुस्लिम समुदाय को गन लाइसेंस देने के आरोप, RTI में गलत पाए गए
सियासी टकराव के बाद बद्दी SP इल्मा अफरोज पर मुसलमानों को थोक में गन लाइसेंस देने के आरोप लगाए गए। हालांकि, यह निराधार पाए गए। एक RTI (राइट टू इन्फॉर्मेशन) में खुलासा हुआ है कि SP ने अपने करीब 9 महीने के कार्यकाल में मुस्लिम आवेदकों के केवल 2 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन की है।
इल्मा अफरोज ने बद्दी में तैनाती के दौरान कुल 50 गन लाइसेंस की पुलिस वैरिफिकेशन कराई है, जिसमें 48 लाइसेंस बहुसंख्यक समुदाय के आवेदकों के रहे। जिन अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित 2 लाइसेंसों की वैरिफिकेशन SP ने करवाई, उसमें एक लाइसेंस पारिवारिक सुरक्षा के लिए था, वहीं दूसरा आत्मरक्षा की दृष्टि से लिया गया है।
यह खुलासा मंडी के RTI कार्यकर्ता अरविंद कुमार की ओर से मांगी गई रिपोर्ट में हुआ है। RTI के जवाब में बताया गया है कि गन लाइसेंस देने का निर्णय ADC (अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी) कार्यालय लेता है। SP इल्मा ने ये सभी गन लाइसेंस वैरिफिकेशन के लिए ADC कार्यालय ही भेजे थे।
हमारा काम आवेदन की पुलिस वैरिफिकेशन करना: अफरोज
इन आरोप पर SP इल्मा अफरोज ने कहा था- पुलिस के पास गन लाइसेंस बनाने की अथॉरिटी नहीं है। यह काम जिला प्रशासन का होता है। हमारे पास SDM के माध्यम से जो गन लाइसेंस बनाने के लिए संबंधित आवेदन आते हैं, उनमें हम उम्मीदवार के चरित्र का सत्यापन कर जिलाधिकारी कार्यालय को भेजे देते हैं। गन लाइसेंस देने या न देने में हमारी कोई भूमिका नहीं होती।
CM के साथ मीटिंग करने पहुंची थीं शिमला
इल्मा अफरोज बुधवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में रखी गई DC-SP की मीटिंग में शामिल होने शिमला पहुंची थीं। यहां उनकी मुलाकात कुछ नेताओं और सीनियर पुलिस अफसरों से हुई। उसी दिन इल्मा अफरोज लौटीं। इल्मा अफरोज हिमाचल में अपने सरकारी आवास को खाली करके मां के साथ अपने पैतृक गांव कुंदरकी आ गई हैं।