ग्वालियर : खनन माफिया-माइनिंग विभाग …. डंपर को शाम 6.58 बजे थाना में जब्त कराया, 07 मिनट बाद जारी हुई रॉयल्टी
खनन माफिया-माइनिंग विभाग का अनोखा कारनामा
डंपर को शाम 6.58 बजे थाना में जब्त कराया, 07 मिनट बाद जारी हुई रॉयल्टी
ग्वालियर में खनन माफिया और माइनिंग विभाग का नया कारनामा सामने आया है। लाखों के माल और वाहन को राजसात होने से बचाने के लिए थाने में वाहन पकड़ने के 7 मिनट बाद एक डंपर की गलत ढंग से रॉयल्टी मान्य कर दी गई बल्कि उसे जुर्माना व राजसात होने से बचा लिया गया। सिर्फ 62 हजार रुपए ओवर लोडिंग का जुर्माना भरकर वाहन को जाने दिया गया है।
यह घटना बिलौआ थाना इलाके की है। यहां पुलिस के पकड़े गए वाहन को माइनिंग विभाग की कार्रवाई के बाद छोड़ दिया गया। थाने में डंपर को जब्त कराने वाले सहायक खनिज अधिकारी घनश्याम यादव थे। यह पूरा मामला 11 अक्टूबर 2024 शाम का है। अब इस मामले में कलेक्टर ग्वालियर ने जांच की बात कही है।
ग्वालियर में शुक्रवार को एक मामला सामने आया है। इसमें एक गिट्टी से भरे डंपर को पहले थाना में जब्त करवाने की कार्रवाई के बाद उसकी रॉयल्टी जारी होने की बात सामने आई है। जिस पर पूरे महकमा में हड़कंप मच गया है। बता दें कि 11 अक्टूबर की शाम 4 डंपर गिट्टी से भरे पकड़े गए थे। यह ओवरलोड होने के साथ ही रॉयल्टी नहीं दिखा पाए थे। यह डंपर बिलौआ पुलिस ने पकड़े थे और यह बिलौआ की लखनपुरा खदान से निकले थे। सूचना पर सहायक खनिज अधिकारी घनश्याम सिंह यादव उसमें निरीक्षणकर्ता थे।
रोजनामचे में 11 अक्टूबर 2024 की शाम 6.58 बजे इन वाहनों को जब्तशुदा बताकर खनिज विभाग के हाथ में सौंप दिया गया था। इस प्रकार की कार्रवाई में माइनिंग विभाग ही आगे एक्शन लेती है पर रोजनामचा में जब्ती के समय 6.58 बजे के ठीक 07 मिनट बाद (शाम 7.05 बजे) इनमें से एक डंपर नंबर RJ11 GC-5672 की राॅयल्टी रसीद जारी होती है।
जिसके आधार पर इस डंपर पर सिर्फ ओवर लोडिंग का 62 हजार रुपए का जुर्माना कर उसे छोड़ दिया गया। जबकि रॉयल्टी रसीद न मिलने पर उसे अवैध मानते हुए वाहन को राजसात किया जाना था।
राजसात में होता लाखों का नुकसान
इस मामले में खनिज विभाग के जानकारी कहते हैं कि किसी भी वाहन की रॉयल्टी उसी समय कटती है, जब वाहन खदान से निकल रहा होता है। ऐसा नहीं हो सकता कि वाहन थाना में रखा हो और उसकी रॉयल्टी पकड़े जाने के 12 मिनट बाद बन जाए। असल में यह बात इसलिए सामने आई है कि बिना रॉयल्टी के पकड़े गए डंपर और उसमें भरी खनन सामग्री को अवैध मानकर माइनिंग विभाग इस वाहन व माल को राजसात करता है। ऐसे में डंपर मालिक व खनन माफिया को लाखों का नुकसान होता इसलिए उसे इस तरह लेट रॉयल्टी जारी कर नियमों का उलंघन कर निपटाया गया है।
खनिज अधिकारी प्रदीप भूरिया का कहना है कि
ऐसा नियम में नहीं है कि वाहन पहले थाना में जब्ती में आ जाए और बाद में रॉयल्टी आए। यदि ऐसा कोई प्रकरण है तो हम उसकी जांच कराएंगे क्योंकि अलग-अलग वाहन के आधार जुर्माना की राशि निश्चित की जाती है।
कलेक्टर का कहना
इस मामले में ग्वालियर कलेक्टर ने जांच की बात कही है। उनका कहना है कि ऐसा हुआ है तो मामले की जांच कराई जाएगी। किसकी इसमें क्या भूमिका है। यदि कुछ गलत हुआ है तो कार्रवाई की जाएगी।