इंदौर में नशे के विरोध में उतरे !

 इंदौर में नशे के विरोध में उतरे अभिभाषक, बोले- कानून का भी ले सकते हैं सहारा

  agrit patrika  Abhiyan: इंदौर में नशे के कारण बढ़ रहे अपराधों के खिलाफ agrit patrika  चला रहा है अभियान, नईदुनिया से जुड़कर इंदौर के अभिभाषकों ने नशे को लेकर चिंता जताई।

इंदौर । लगातार पैर पसार रहे नशे के विरोध में इंदौर के अभिभाषक भी उतर आए हैं। शहर में खुलेआम बिक रहे नशे को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है। अभिभाषकों का कहना है कि जरूरत पड़ी तो वे इस मुद्दे को लेकर उच्च न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। हमारे इंदौर को ये स्वीकार नहीं हो सकता। समाज की जड़ें खोंखला कर रही इस ‘बीमारी’ का इलाज करने के लिए वे कानून का सहारा लेने से भी पीछे नहीं हटेंगे। सख्त कार्रवाई की जाना चाहिए।

नशे के लिए नाइट कल्चर बड़ी वजह

अभिभाषक दीपक रावल ने कहा कि इंदौर में बढ़ रहे नशे के पीछे नाइट कल्चर बड़ी वजह है। पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद अपराध बढ़े हैं। अहाते तो बंद करा दिए गए, लेकिन शराब दुकानों के आसपास शराब पीने वालों पर कार्रवाई नहीं होती। हाई कोर्ट के दिशा निर्देश के बावजूद पुलिस चार्जशीट के साथ एफएसएल रिपोर्ट पेश नहीं करती। आरोपित जमानत पर आकर फिर अपराध कर रहे हैं।

नशे के खिलाफ दिखावटी कार्रवाई कर रहे

अभिभाषक वरुण रावल के अनुसार, नशे पर रोक के नाम पर दिखावटी कार्रवाई की जा रही है। हमें इसके विरोध में उतरना होगा। अभिभाषक समाज को नई दिशा और दशा दे सकते हैं। पुलिस आए दिन पुड़िया वालों को पकड़कर कर्तव्य की इतिश्री कर देती है। यह समझना होगा कि पकडे जाने वाले सिर्फ कैरियर हैं। पुलिस असली आरोपितों तक पहुंचने का प्रयास नहीं करती। नशे के विरोध में याचिका दायर की जाएगी।

स्पेशल टास्क फोर्स गठित करें

अभिभाषक पाठक का कहना है कि नगर सुरक्षा कमेटियों की तरह नशे पर रोक लगाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित करना चाहिए। स्कूल-कालेज स्तर पर जागरूकता अभियान चलाए जाना चाहिए। मोहल्ला समितियां गठित कर नशे पर रोक लगाने के प्रयास किए जाना चाहिए। पैडलर को पकड़ते वक्त पुलिस को वीडियो रिकार्डिंग भी करवाना चाहिए ताकि न्यायालय से जमानत न मिल सके।

पब कल्चर आने के बाद बढ़ा नशा

हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सूरज शर्मा ने कहा कि इंदौर मां अहिल्या की नगरी है। इसके संस्कारों को बचाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। पब कल्चर आने के बाद नशा बढ़ा है। पब कल्चर पर तुरंत अंकुश लगाने की आवश्य्कता है। इंदौर का हित सर्वोपरि है। पुलिस-प्रशासन को बगैर किसी दबाव के कार्रवाई करना चाहिए। अगर आज नहीं जागे तो समय भविष्य में कभी माफ नहीं करेगा।

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