मुरैना : सरकार! ऐसी क्या मजबूरी…कि अवैध रेत पर अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई ?
रेत माफिया के खिलाफ दो साल से नहीं हुई प्रभावी कार्रवाई, अब भी हो रहा कारोबार
- सरकार! ऐसी क्या मजबूरी…कि अवैध रेत पर अफसर नहीं कर रहे कार्रवाई
मुरैना जिले में चंबल नदी से रेत के अवैध उत्खनन पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। रेत माफिया जलीय जीवों के अस्तित्व को संकट में डालकर खुलेआम रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। इस रेत को बेचने के लिए जिला मुख्यालय पर डीएफओ बंगले से मात्र 200 मीटर की दूरी (नेशनल हाइवे) पर रेत की मंडी संचालित की जा रही है। इतना ही नहीं डीएफओ बंगले से 50 मीटर दूरी पर माफिया चंबल रेत डंप कर रहा है।
इसके अलावा बड़ोखर इलाके में भी खुले आम चंबल नदी का रेत बेचा रहा है। शहर हो या एबी रोड, हर जगह चंबल रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉलियां फर्राटे भरते देखी जा रहीं हैं। पुलिस थाना व पुलिस अफसरों के बंगले के सामने से माफिया खुलेआम रेत ढो रहा है। यहां बताना जरूरी है कि कुछ समय पूर्व टॉस्क फोर्स की बैठक में रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया था। बावजूद इसके कलेक्टर, एसपी व वन विभाग के डीएफओ चंबल नदी के घाटों पर कार्रवाई करने अब तक नहीं पहुंचे।
रेत डंप कर शहरों में खपा रहा माफिया राजघाट के आसपास चंबल नदी के बीहड़ में माफिया ने भारी मात्रा में रेत डंप कर लिया है। इसके अलावा जारह, गड़ोरा मार्ग पर भी कई जगह रेत के ढेर देखे जा सकते हैं। डंप रेत को माफिया मुरैना, अंबाह, दिमनी, जौरा, कैलारस में चल रहे निजी सरकारी निर्माण कार्यों में धड़ल्ले से खफा रहा है। यहां बताना जरूरी है कि डेढ़ साल पूर्व वन विभाग एसडीओ श्रद्धा पंढरे ने चंबल के बीहड़ों में डंप रेत को जब्त करने बड़ी कार्रवाई की थी, लेकिन इसके बाद प्रदेश सरकार ने उनका अन्यत्र स्थानांतरण कर दिया। तभी से रेत माफिया के खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
कार्रवाई कर रहे
लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। शहर के जिन स्थानों पर रेत के ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़े हो रहे हैं। पुलिस का सहयोग लेकर जल्दी ठोस कार्रवाई करेंगे।
रिंकी आर्य, गेम रेंज ऑफीसर