अमेरिका में कल होगी डोनाल्ड ट्रंप की ‘परीक्षा’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ चल रही महाभियोग की जांच में अगला अहम पड़ाव गुरुवार को होगा। निचले सदन ‘प्रतिनिधि सभा’ में महाभियोग पर मतदान होगा, इसे ट्रंप की असली परीक्षा माना जा रहा है।  बीते 25 सितंबर से अमेरिकी संसद के निचले सदन में यह जांच चल रही है। सदन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने सोमवार को घोषणा की कि ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की जांच की प्रक्रियाओं को औपचारिक रूप देने के लिए सदन गुरुवार को मतदान करेगा। पहली बार सदन की कार्यवाही को रिकॉर्ड किया जाएगा।

20 सांसद विरोध में गए तो ट्रंप हटेंगे : महाभियोग की प्रक्रिया के तहत ट्रंप को पद से हटाने के लिए बीस रिपब्लिकन सांसदों को अपने ही राष्ट्रपति के विरुद्ध वोट डालने की जरूरत होगी। हालांकि इसकी संभावना कम नजर आ रही हैं। अभी तक अमेरिकी राजनीतिक इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए नहीं हटाया गया है।

यूक्रेन की मदद से षड़यंत्र करने का आरोप 
अगले साल राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप के खिलाफ खड़े होने वाले संभावित दावेदार जो बाइडेन को बदनाम करने की साजिश से जुड़ा यह मामला है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति से फोन वार्ता में दबाव बनाया कि वे बाइडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप की जांच करें। बाइडेन का यूक्रेन में कारोबार है। ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने अपनी बात मनवाने के लिए यूक्रेन की अमेरिकी सैन्य मदद भी रोक दी थी।

फोन कॉल है आरोप का आधार 
25 जुलाई को ट्रंप और यूक्रेन के राष्ट्रपति के बीच फोन पर बात हुई। इस वार्ता की सूचना खुफिया अधिकारियों ने सरकार के निगरानीतंत्र को दी। व्हाइट हाउस ने मामला दबाने के लिए इसे संसद के सामने नहीं रखा। जब बात खुली तो डेमोक्रेट सांसदों ने खूफिया सूचना की कॉपी मांगी लेकिन व्हाइट हाउस और न्याय विभाग ने इससे भी इनकार कर दिया। फोन पर दोनों नेताओं के बीच क्या बात हुई थी, यह साफ नहीं है लेकिन डेमोक्रेट का आरोप है कि ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति पर दबाव बनाया।

देशद्रोह के आरोप में महाभियोग 
अमरीकी संविधान के मुताबिक राष्ट्रपति को देशद्रोह, रिश्वत और दूसरे संगीन अपराधों में महाभियोग का सामना करना पड़ता है। अमरीका में महाभियोग की प्रक्रिया निचले सदन से शुरू होती है और इसे पास करने के लिए साधारण बहुमत की जरूरत पड़ती है। इस पर उच्च सदन ‘सीनेट’ में एक सुनवाई होती है लेकिन यहां महाभियोग को मंजूरी देने के लिए दो तिहाई बहुमत की ज़रूरत होती है। अमरीकी इतिहास में अभी तक किसी भी राष्ट्रपति को महाभियोग के जरिए हटाया नहीं जा सका है।

ट्रंप के खिलाफ चार बार हुई थी महाभियोग की कोशिश 
1. 2016 में चुनाव प्रभावित कराने के लिए रूस की मदद लेने के आरोप में महाभियोग चलाने की बात हुई थी।
2- डेमोक्रेटिक कांग्रेस की चार महिला सांसदों के खिलाफ कथित तौर पर नस्लीय टिप्पणी फिर महाभियोग की मांग उठी।
3 ट्रंप पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान दो महिलाओं के साथ अंतरंग संबंधों को गुप्त रखने के लिए रकम देने का भी आरोप लगा था।
4- ट्रंप के वकील और साथी रहे माइकेल कोहेन ने अंतरंग संबंधों को गुप्त रखने के लिए रकम देने की बात स्वीकार की थी। इसके लिए भी उन पर महाभियोग चलाने की चर्चा हुई थी।

तीसरे राष्ट्रपति पर महाभियोग
अमेरिका के 42वें राष्ट्रपति बिल क्लिंटन और 17वें राष्ट्रपति एन्ड्रयू जॉन्सन के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया चली लेकिन दोनों ही इससे बच गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *