घर पर ऐसे जाचें फिल्टर का पानी शुद्ध या अशुद्ध ?

दूषित पानी पीने से हैजा, पीलिया का डर:डायरिया, दांत गिरने की भी आशंका, घर पर ऐसे जाचें फिल्टर का पानी शुद्ध या अशुद्ध

सदियों पहले ऋग्वेद में पीने के पानी की अहमियत का जिक्र मिलता है। इसमें कहा गया है-‘अप्सु अंत: अमृतं, अप्सु भेषजं’। यानी जल में अमृत है। इसमें औषधीय गुण हैं। मगर आज की लाइफस्टाइल ऐसी है कि पानी की प्योरिटी एक बड़ा सवाल बन गया है। शहरों में शुद्ध जल की दिक्कत हमेशा बनी रहती है।

शहरी घरों में RO सिस्टम लगे मिल जाएंगे। लेकिन अगर हमने ध्यान नहीं रखा तो फिल्टर से होकर आने वाला पानी भी पीने लायक नहीं रहता। आइए, जानते हैं कि पानी की शुद्धता का पैमाना क्या है और इसे कैसे तय किया जाता है।

दरअसल, इंसान के शरीर की आधी बीमारियों की जड़ प्रदूषित पानी है। एक रिसर्च बताती है कि शुद्ध पानी पीने के साथ-साथ पानी की मात्रा पर भी ध्यान रखना चाहिए।

अमेरिका के फूड एंड न्यूट्रिशन बोर्ड ऑफ नेशनल रिसर्च काउंसिल (FNB NRC) के मुताबिक, हर कैलोरी खाने को पचाने के लिए 1 ml पानी की जरूरत होती है।

मारर्गेट मैक्लिलियम्स और फ्रेडरिक स्टेयर ने अपनी किताब “न्यूट्रिशन फॉर गुड हेल्थ” में बताया कि हर वयस्क को रोज 8 गिलास पानी पीना चाहिए।

वाटर क्वालिटी इंडियन एसोसिएशन (WQIA) के सदस्यों ने एनजीटी में RO का केस लड़ते हुए ये दलील दी थी कि देश के 13 राज्यों के 98 जिले ऐसे हैं जहां पानी को RO तकनीक से ही पीने योग्य बनाया जा सकता है।

हर बार टंकी की सफाई नहीं हो सकती और बैक्टीरिया या वायरस तो मुंह के अंदर ब्रश करते समय सिंक के पानी से भी जा सकता है। घर में इस्तेमाल होने वाले पानी में मेटालिक रस्ट, टॉक्सिक मटेरियल, लेड, एल्यूमीनियम, कैल्शियम और अन्य बहुत सारे एलिमेंट्स आ सकते हैं।

ऐसे में पानी को फिल्टर करना बहुत जरूरी हो जाता है। अगर पानी में सिर्फ क्लोरीन की समस्या है, तो टंकी में क्लोरीन की सफाई करवाई जा सकती है, लेकिन अगर बाकी चीजें भी हैं, तो आपको नल के पानी को सीधे ही फिल्टर करना होगा।

दूषित पानी के नुकसान

अशुद्ध पानी को पीने का सेहत पर बुरा असर पड़ता है। रिटायर्ड डिप्टी सीएमओ डॉ.एम. एस. चौहान के मुताबिक, दूषित पानी पीने से हैजा, पीलिया, पेचिश, गले का रोग, टायफाइड जैसी बीमारियां होने की आशंका रहती है। पानी में फ्लोराइड, आयरन के साथ और भी अलग-अलग तत्व की मात्रा ज्यादा होने से दांत का रंग बदल सकता है।

करीब 2 लाख बस्तियों के लोग पीते दूषित पानी

बीते जुलाई में दूषित जल से जुड़े आंकड़े लैंसेट स्टडी में उजागर हुए। लैंसेट की इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब 1.95 लाख बस्तियों में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं जिसकी वजह से 2019 में 23 लाख से ज्यादा लोगों की जान चली गई।

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