80 प्रतिशत मतदान के लिए युवा और महिलाओं पर फोकस करेगा चुनाव आयोग

80 प्रतिशत मतदान के लिए युवा और महिलाओं पर फोकस करेगा चुनाव आयोग

प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 50-50 मतदान केंद्र चिह्नित किए गए हैं। प्रदेश में मतदाताओं की संख्या पांच करोड़ 52 लाख है।

चुनाव आयोग युवा और महिलाओं पर फोकस करेगा
  1. – वर्ष 2018 में 75.63 प्रतिशत था राज्य का औसत मतदान
  2. – 27 हजार 200 मतदान केंद्रों पर 65 प्रतिशत से कम हुआ था मतदान
  3. – छह हजार 920 मतदान केंद्रों पर महिलाओं का मतदान पुरुषों की तुलना में दस प्रतिशत से कम था

भोपाल। नवंबर में प्रस्तावित मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 80 प्रतिशत मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग करें, इसके लिए चुनाव आयोग युवा और महिलाओं पर फोकस करेगा। 230 सदस्यीय विधानसभा में 95 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां पिछले चुनावों में मतदान प्रतिशत राज्य के औसत (75.63 प्रतिशत) से भी कम था। 27 हजार 200 मतदान केंद्रों में 65 प्रतिशत से भी कम मतदान हुआ था। वहीं, छह हजार 920 मतदान केंद्रों में महिला मतदाताओं का मतदान पुरुषों की तुलना में दस प्रतिशत कम था।

इन सभी क्षेत्रों में आयोग मतदाताओं को जागरूक करने के लिए युवाओं और महिलाओं से संपर्क का कार्यक्रम चला रहा है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 50-50 मतदान केंद्र चिह्नित किए गए हैं। प्रदेश में मतदाताओं की संख्या पांच करोड़ 52 लाख है। इनमें पुरुष दो करोड़ 85 लाख और महिला मतदाता दो करोड़ 67 लाख हैं।

पहली बार मतदान करने वाले नवमतदाताओं की संख्या 18.86 लाख है तो अस्सी वर्ष से अधिक आयु के 7.12 लाख और सौ वर्ष से अधिक आयु के छह हजार 180 मतदाता हैं। मतदान में सभी वर्ग बढ़-चढ़कर भागीदारी करें और मतदान 80 प्रतिशत से अधिक हो, इसके लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने कार्ययोजना तैयार की है।

इसमें युवाओं को मतदान के प्रति जागरुक करने कालेज और स्कूलों में क्लब गठित करने के साथ शिक्षकों से कहा जा रहा है कि वे युवाओं को मतदान का महत्व बताएं। इसी तरंह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा-ऊषा कार्यकर्ताओं को महिलाओं से संपर्क करने की जिम्मेदारी दी गई है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन का कहना है कि स्कूल, कालेज से लेकर हर उस स्थान और माध्यम से मतदाता जागरुकता के कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, जिसका प्रभाव पड़ता है। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 50-50 मतदान केंद्रों पर अभियान चलाने का निर्णय लिया है तो विधानसभा क्षेत्रों में विशेष ध्यान दिया जा रहा है, जहां पिछने चुनाव में राज्य के औसत से दस प्रतिशत कम मतदान हुआ था।

जिन मतदान केंद्रों पर महिलाओं का मत प्रतिशत पुरुषों की तुलना में कम था, वहां महिला कार्यकर्ता घर-घर संपर्क करेंगी। मतदाता जागरुकता कार्यक्रम का नोडल अधिकारी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को बनाया है।

बुजुर्ग मतदाताओं को घर से वोट डालने की मिलेगी सुविधा

मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए आयोग कई कदम भी उठा रहा है। 80 वर्ष से अधिक आयु और दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान करने की सुविधा दी जाएगी। इन्हें आवेदन देना होगा और जिल निर्वाचन कार्यालय से डाक मतपत्र जारी हो जाएगा। आयोग की टीम घर पर जाकर मतदान कराएगी और निष्पक्षता के लिए वीडियोग्राफी भी होगी। राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी साथ जा सकेंगे।

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