ग्वालियर: सट्टेबाजों से बड़ा नेटवर्क वर्दी वाले “गुंडों” का !
सट्टेबाजों से बड़ा नेटवर्क वर्दी वाले “गुंडों” का
Goons in uniform in Gwalior: सटटेबाजाें की कनपटी पर पिस्टल रखकर लाखों रुपये की वसूली करने के मामले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप है। यही कारण रहा कि अगले ही दिन सोमवार को एसएसपी ने क्राइम ब्रांच की बड़ी सर्जरी कर दी।
- पिस्टल रखकर लाखों रुपये की वसूली करने के मामले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप है
- सोमवार को एसएसपी ने क्राइम ब्रांच की बड़ी सर्जरी कर दी
- चार प्रधान आरक्षक व चार आरक्षकों को क्राइम ब्रांच से अलग अलग थानों में रवानगी दे दी गई।
ग्वालियर सटटेबाजाें की कनपटी पर पिस्टल रखकर लाखों रुपये की वसूली करने के मामले का पर्दाफाश होने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप है। यही कारण रहा कि अगले ही दिन सोमवार को एसएसपी ने क्राइम ब्रांच की बड़ी सर्जरी कर दी। इसमें चार प्रधान आरक्षक व चार आरक्षकों को क्राइम ब्रांच से अलग अलग थानों में रवानगी दे दी गई।
सट्टेबाजों से भी बड़ा नेटवर्क वर्दी वाले गुंडों का
वहीं क्रिकेट पर सट्टा लगवाने वाले सट्टेबाजों से भी बड़ा नेटवर्क वर्दी वाले गुंडों का सामने आ रहा है। सट्टेबाजों से 23.25 लाख रुपये वसूलने वाले पुलिसकर्मियों ने राजस्थान और गुजरात के बैंक खातों में यह रकम डलवाई है। जैसे ही इन खातों में रकम पहुंची चंद घंटों में इन खातों से दूसरे खातों में रकम ट्रांसफर हो गई। यानि इस तरह वसूली संगठित तरीके से चल रही है। अब पुलिस अधिकारियों को आशंका है- पुलिसकर्मी पहले भी इस तरह से अवैध उगाही कर चुके हैं। इसके चलते जिन बैंक खातों में यह रकम गई, इन बैंक खातों से जिन बैंक खातों में रकम ट्रांसफर हुई, उन्हें पकड़ा जाएगा। उनका पूरा बैंक स्टेटमेंट निकालकर यह पता लगाया जाएगा, आखिर कितनी बार इस तरह से मोटी रकम उनके खाते में ट्रांसफर हुई। इससे इन पुलिसकर्मियों का पुराना काला चिठ्ठा भी खुल जाएगा।
फरार आरोपित पुलिस कर्मियों की तलाश जारी
पुलिस फरार आरोपित पुलिसकर्मियों की तलाश कर रही है। दरोगा मुकुल सिंह यादव, प्रधान आरक्षक विकास तोमर और आरक्षक राहुल यादव ने सट्टेबाजों को कनपटी पर पिस्टल रखकर धमकाया और इसके बाद इनके बैंक खातों से 23.25 लाख रुपये दो खातों में ट्रांसफर करवाए। इस मामले में ग्वालियर जोन के एडीजी डी.श्रीनिवास वर्मा ने एसएसपी राजेश सिंह चंदेल को पुलिसकर्मियों पर एक्सटार्शन की एफआइआर के निर्देश दिए थे। इसी के चलते सिरोल थाने में तीनों पर एफआइआर दर्ज हुई। इस मामले में अब पड़ताल आगे बढ़ी है। जिन खातों में पैसा ट्रांसफर हुआ, वह राजस्थान के नागौर जिले और गुजरात के पालमपुर के बैंक खातों में गया। इस मामले की पूरी जानकारी पुलिस मुख्यालय द्वारा ली जा रही है। सोमवार को एफआइआर की विवेचना टीआइ यूनिवर्सिटी को दी गई। जबकि प्रारंभिक जांच एसएसपी राजेश सिंह चंदेल ने एएसपी ऋषिकेष मीणा को सौंपी है। एक करोड़ की डिमांड से शुरुआत: सट्टेबाजों से डिमांड एक करोड़ की हुई थी, इसके बाद 50 लाख, फिर 35 लाख पर आकर डील रुकी। 23.25 लाख रुपए खाते में डाले और बाकी पैसा नकद मांगा था। यह भी सामने आया कि एसआइ मुकुल सिंह यादव और आरोपित आशीष पहले से परिचित हैं। पूर्व में कोई कारोबार भी साथ में किया था। दोनों में पहले से ही कनेक्शन होना पाया जा रहा है।
सट़टेबाजों से सांठगांठ में दागदार होती रही है खाकी
यह पहला मामला नहीं है, जब सट्टेबाजों से सांठगांठ में खाकी पर दाग लगा हो। इससे पहले सट्टा किंग संतोष घुरैया की जब धरपकड़ की गई थी तब एक पुलिस अधिकारी ने इसकी विस्तृत पड़ताल करवाई थी। इसमें सामने आया था, खाकी की शह पर ही उसने सट्टेबाजों का बड़ा नेटवर्क खड़ा किया। सट्टा किंग संतोष घुरैया जब अपनी भाभी के चुनाव में पारसेन आया था तो पुलिस की एक टीम उसके आसपास रहती थी। वह यहां वोट डालकर निकल गया था। लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था। इसी तरह मोनू डबरा के भी खाकी से कनेक्शन सामने आए थे।
इन आठ को भेजा गया थानों में
सालों से जमे पुलिसकर्मियों को क्राइम से हटाकर अलग-अलग थानों में भेजा गया है। 8 पुलिसकर्मियों को क्राइम ब्रांच से हटाया गया है। इसमें प्रधान आरक्षक भगवती सोलंकी, रामबाबू सिंह, कृष्णपाल सिंह यादव ,गौरव, अनिल गुप्ता, आरक्षक पवन झा, रणवीर सिंह यादव, जितेंद्र सुरेले शामिल हैं। अभी बड़े स्तर पर भी अदला-बदली हो सकती है।
क्राइम ब्रांच के दो दफ्तर, हर कार्रवाई पर इसलिए सवाल
क्राइम ब्रांच के दो दफ्तर पहली बार ग्वालियर में शुरू हुए। पहले एसएसपी आफिस से ही क्राइम ब्रांच संचालित होती थी, लेकिन क्राइम ब्रांच का एक दफ्तर सिरोल थाने भी ले जाया गया। इस दफ्तर के शुरू होने से ही जो पुलिसकर्मी साफ कार्रवाई करते थे, वह क्राइम ब्रांच छोड़ गए। बीच में क्राइम ब्रांच में शामिल होने के लिए साक्षात्कार भी लिया गया, लेकिन किसी पुलिसकर्मी ने रुची नहीं दिखाई। क्राइम ब्रांच के सिरोल वाले दफ्तर की हर कार्रवाई संदेह के घेरे में है। इसे लेकर अफसर भी नाराज हैं। इस
कार्रवाई से जुड़ा हर चेहरा जांच के दायरे में
इस कांड के बाद पूरी क्राइम ब्रांच में हड़कंप मचा हुआ है। इस कार्रवाई से जुड़ा हर चेहरा जांच के दायरे में है। पुलिस अधिकारी इसकी गोपनीय पड़ताल भी कर रहे हैं। पुलिस अधिकारियों पर कुछ इनपुट भी पहुंचे हैं। इसलिए अभी इसमें और नाम बढ़ सकते हैं। इसके लिए आरोपित पुलिसकर्मियों की सीडीआर, उनके चैट रिकार्ड्स की पड़ताल होगी।
पुलिस ने ही लीक की एफआइआर की खबर, गायब हो गए आरोपित, पकड़े जाने पर होंगे बड़े खुलासे
इस मामले में जैसे ही एफआइआर के कयास शुरू हो गए तो खबर लीक हो गई और आरोपित पुलिसकर्मियों तक पहुंच गई। यह लोग दतिया में पीतांबरा मंदिर में दर्शन करने के बाद गायब हो गए। अब पुलिस अधिकारियों का कहना है- जैसे ही यह पकड़े जाएंगे, इसमें बड़े खुलासे होंगे।