कनाडा पेंशन फंड का भारत की 70 कंपनियों में लगा है ?

कनाडा पेंशन फंड का भारत की 70 कंपनियों में लगा है 1.74 लाख करोड़, ये है पूरी लिस्ट
कैनेडियन पेंशन फंड की उन भारतीय फर्मों में भी हिस्सेदारी है जो विदेशी बाजारों में भी लिस्टिड हैं. विप्रो के यूएस-लिस्टिड शेयरों में इसकी लगभग 11.92 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है.इंफोसिस के यूएस-लिस्टिड शेयरों में कनाडाई पेंशन फंड की भी लगभग 21.7 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है. आईसीआईसीआई बैंक के यूएस-लिस्टिड शेयरों में, कनाडाई पेंशन फंड की हिस्सेदारी लगभग 10 मिलियन डॉलर है.
कनाडा पेंशन फंड का भारत की 70 कंपनियों में लगा है 1.74 लाख करोड़, ये है पूरी लिस्ट

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
कनाडा में खालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत हाथ होने के कनाडा के आरोपों और उसके बाद डिप्लोमैट्स के निष्कासन के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंध खराब दौर से गुजर रहे हैं. वहीं विशेषज्ञों का मानना है कि इसका भारत में कनाडाई इंवेस्टमेंट और ओवरऑल मार्केट सेंटिमेंट पर बहुत कम प्रभाव पड़ेगा.

कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड ने करीब एक साल पहले भारत में 21 अरब डॉलर यानी 1.74 लाख करोड़ के निवेश का खुलासा किया था. प्रमुख होल्डिंग्स में मुंबई का कोटक महिंद्रा बैंक है. वहीं ओवरऑल की बात करें तो भारत की 70 लिस्टिड कंपनिनयों में कनाडाई फर्म ने निवेश किया हुआ ह

कैनेडियन पेंशन फंड की प्रमुख हिस्सेदारी
  1. विशेषज्ञों का मानना है कि कनाडाई पेंशन फंड ने कुछ भारतीय कंपनियों में कुल मिलाकर 1 लाख करोड़ से अधिक का निवेश किया है. मौजूदा समय में भले ही कोई रिस्क ना दिख रहा हो. आने वाले समय में तनाव बढ़ने की स्थिति में इन कंपनियों पर कुछ दबाव देखने को मिल सकता है.
  2. बीएसई पर उपलब्ध जून-तिमाही के शेयरहोल्डिंग पैटर्न डाटा के अनुसार कनाडाई पेंशन फंड के पास जून तिमाही के अंत में डेल्हीवरी में 6 फीसदी हिस्सेदारी थी.
  3. 30 जून, 2023 तक कोटक महिंद्रा बैंक में इसकी लगभग 2.68 प्रतिशत हिस्सेदारी, ज़ोमैटो में 2.42 फीसदी हिस्सेदारी और इंडसटावर में 2.18 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. कनाडाई पेंशन फंड के पास भी पेटीएम में 1.76 फीसदी और नायका में 1.47 फीसदी हिस्सेदारी है.
  4. कैनेडियन पेंशन फंड की उन भारतीय फर्मों में भी हिस्सेदारी है जो विदेशी बाजारों में भी लिस्टिड हैं. विप्रो के यूएस-लिस्टिड शेयरों में इसकी लगभग 11.92 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है.
  5. इंफोसिस के यूएस-लिस्टिड शेयरों में कनाडाई पेंशन फंड की भी लगभग 21.7 मिलियन डॉलर की हिस्सेदारी है. आईसीआईसीआई बैंक के यूएस-लिस्टिड शेयरों में, कनाडाई पेंशन फंड की हिस्सेदारी लगभग 10 मिलियन डॉलर है.
भारत-कनाडा के बीच ट्रेड
  1. इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार, अप्रैल 2000 से मार्च 2023 तक लगभग 3,306 मिलियन डॉलर के कुल निवेश के साथ कनाडा भारत में 18वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है.
  2. कनाडाई निवेश भारत में कुल एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) प्रवाह का लगभग 0.5 प्रतिशत दर्शाता है. 2022 में भारत कनाडा का नौवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था.
  3. कनाडा से भारत में कुल एफडीआई निवेश में सर्विस और इंफ्रा का योगदान 40.63 फीसदी था.
  4. इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार, 600 से अधिक कनाडाई कंपनियों की भारत में उपस्थिति है और 1,000 से अधिक कनाडाई कंपनियां भारतीय बाजार में सक्रिय रूप से कारोबार कर रही हैं.
  5. वाणिज्य मंत्रालय में उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2023 में कनाडा को भारत का कुल निर्यात 4,109.74 मिलियन डॉलर था, जो पिछले वित्तीय वर्ष में भारत के कुल निर्यात 450,958.43 मिलियन डॉलर का 0.9 फीसदी था.
  6. वित्त वर्ष 2023 में कनाडा से भारत का कुल आयात 4,051.29 मिलियन डॉलर था, जो कि बीते वर्ष के मुकाबले भारत के 714,042.45 मिलियन डॉलर के कुल आयात का लगभग 0.6 प्रतिशत था.
  7. पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, कनाडा को भारत के निर्यात में फार्मास्यूटिकल्स, रत्न और आभूषण, कपड़ा और मशीनरी शामिल हैं, जबकि कनाडा के भारत को निर्यात में दालें, लकड़ी, लुगदी और कागज और खनन उत्पाद शामिल हैं.
  8. अगर हम कनाडा से भारतीय मूल के लोग भारत में अपने लोगों को भेजने वाले पैसे की बात करें तो विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 2022 में भारत को कनाडा से इस रूप में लगभग 859.83 मिलियन डॉलर प्राप्त हुए.
मार्केट सेंटीमेंट पर नहीं होगा असर

विशेषज्ञों का कहना है कि भारत-कनाडा संबंधों में खटास का घरेलू बाजार के सेंटीमेंट पर कोई खास असर नहीं होगा. उनका यह भी कहना है कि इसका भारत में कनाडाई निवेश पर असर पड़ने की संभावना नहीं है और अगर ऐसा होता भी है, तो निवेशकों को कनाडाई पेंशन फंड से उन शेयरों को खरीदना चाहिए जिनमें बिकवाली देखने को मिलती है.

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि भारत-कनाडा संबंधों में तनाव निकट भविष्य में नेगेटिव सेंटीमेंट है. हालांकि, इसका बाजार पर कोई लांगटर्म इंपैक्ट की संभावना नहीं है.

विजयकुमार ने कहा कि कैनेडियन पेंशन फंड का भारत की नए युग की डिजिटल कंपनियों जैसे पेटीएम, ज़ोमैटो, नाइका और डेल्हीवरी और इन्फोसिस, आईसीआईसीआई और विप्रो जैसी ब्लू चिप्स के एडीआर में इंवेस्टमेंट मार्केट को प्रभावित करने में सक्षम नहीं है. अगर इन शेयरों की वजह से गिरावट आती भी है तो निवेशक उन शेयरों में निवेश कर सकते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *