2000 हजार करोड़ कर्च लेगी सरकार !

चार दिन के अंतराल में बाजार से दूसरी बार पैसा उठाने की तैयारी …

भोपाल. विधानसभा चुनाव आचार संहिता के चंद दिन शेष हैं, ऐसे में सरकार पर दबाव बढ़ा है। दबाव खर्चों को लेकर है। जनता चाहती है क्षेत्र के विकास कार्य पूरे हों। सरकार भी चाहती है कि समाज का कोई वर्ग नाराज न हो। घोषणाएं पूरी हो जाएं। जो वादे अभी पूरे नहीं हो सकते तो कम से कम धरातल पर दिखने लगें। इसलिए विकास कार्यों के भूमिपूजन में तेजी आई है।

कर्ज में डूबी शिवराज सरकार फिर से लेने जा रही 2 हजार करोड़ का कर्जा

कांग्रेस ने कहा की बान्ड गिरवी रख रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से 55 दिनों के अंदर करीब 19 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है प्रदेश की भाजपा सरकार। कांग्रेस नेता संगीता शर्मा ने ट्वीट कर कहा की भाजपा सरकार ने 18 सालों में कुछ नहीं किया, ना महंगाई कम की, ना रोजगार दिए, ना किसानों की आय दोगुनी की, आखिर करोड़ों रुपया खर्च होता कहां है?

राज्य सरकार द्वारा मौजूदा माह में ही 6 हजार करोड़ का कर्ज लिया जा चूका है और अब एक बार फिर से कर्जा लेने जा रही है। 14 मार्च को सरकार के खाते में 2 हजार करोड़ रुपए आ जाएंगे, यह कर्ज 25 साल के लिए होगा। कर्ज के मामले में प्रदेश सरकार 3 लाख करोड़ के कर्ज में डूबी हुई है, अगले एक वर्ष में सरकार कर्जा लेती रही तो जल्द ही 4 लाख करोड़ के क्लब में पहुंच जाएगी।

इसका असर सरकारी खजाने पर पड़ रहा है। वित्त विभाग के अफसरों की चिंता बढ़ी है। कर्ज लेने का क्रम जारी है। सितम्बर में ही सरकार तीसरी बार कर्ज लेने जा रही है। कर्ज दो हजार करोड़ रुपए का होगा। खुले बाजार से कर्ज लेने वित्तीय संस्थाओं के ऑफर बुलाए गए हैं। सरकार26 सितंबर को छह साल के लिए कर्ज लेगी।

राज्य के बजट से ज्यादा कर्ज

इस बार राज्य के बजट का आकार 3.14 लाख करोड़ रुपए हो गया, जबकि कर्ज अधिक यानी 3.31 लाख करोड़ हो गया है। हालांकि सरकार का दावा है कि खजाने की स्थिति बेहतर है, विकास कार्य होंगे तो कर्ज लेना पड़ेगा। आय बढ़ी है, कर्ज चुकाने की स्थिति में हैं, इसलिए कर्ज लिया जा रहा है।

ऐसे बढ़ा खजाने पर बोझ

लाड़ली बहना योजना के तहतएक हजार रुपए की राशि।

डिफॉल्टर हुए किसानों का ब्याज सरकार भर रही है।

बहनों को आवास सुविधा का ऐलान।

अतिथि विद्वानों का मानदेय दोगुना, यानी 25 से बढ़ाकर 50 हजार रुपए।

ग्राम रोजगार सहायकों का मानदेय 9000 से बढ़ाकर 18000 किया।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 130 हजार, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 5 हजार से बढ़ाकर 6500 रुपए।

संविदा कर्मियों को नियमित कर्मचारियों के सुविधाएं। इसका लाभ ढाई लाख संविदा कर्मियों को मिलेगा।

किसान सम्मान निधि 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार रुपए की।

कर्मचारियों का डीए केंद्रीय कर्मियों के समान 42% किया। लाभ 4.50 लाख अधिकारी-कर्मचारियों को मिलेगा।

जिपं अध्यक्षों, उपाध्यक्षों, जनपद पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष केमानदेय में भी इजाफा किया।

ऐसी बताई खजाने की स्थिति

बाजार कर्ज- 200817.92

बॉण्ड्स- 6624.44

वित्तीय संस्थाओं सेकर्ज- 14620.17

केंद्र सरकार से अग्रिम एवं कर्ज- 52617.91

अन्य देनदारियां – 18472.62

राष्ट्रीय बचत कोष को विशेष सुरक्षा जारी की- 38498.01

(राशि करोड़ रुपए) …….

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वित्तीय वर्ष के छह महीने में पांचवीं बार

22 सितंबर 500 करोड़

12 सितंबर 1000 करोड़

13 जून 4000 करोड़

30 मई 2000 करोड़

28 मार्च 1000 करोड़

21 मार्च 4000 करोड़

14 मार्च 2000 करोड़

6 मार्च 3000 करोड़

28 फरवरी 3000 करोड़

21 फरवरी 3000 करोड़

14 फरवरी 3000 करोड़

7 फरवरी 3000 करोड़

31 जनवरी 2000 करोड़

पिछला वित्तीय वर्ष समाप्त होने के आखिर तक सरकार कर्ज लेती रही। नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के बार फिर कर्ज का सिलसिला शुरू हो गया। शुरुआत 30 मई से हुई, तब से सिलसिला चल रहा है। अब चूंकि 15वीं विधानसभा में सरकार का यह आखिरी कार्यकाल है, इसलिए चुनावी वर्ष में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती। कर्ज लेकर ही सही विकास कार्य शुरू करने की तैयारी है। इसलिए ताबड़तोड़ फैसले हो रहे हैं।

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